ईरान ने इराक में अमेरिकी सैन्य ठिकानों पर फिर किया हमला, दागे 4 रॉकेट
ईरान (Iran) ने बगदाद एयरपोर्ट (Baghdad Airport) पर अमेरिकी एयर स्ट्राइक (American Air Strike) में मारे गए अपने सैन्य जनरल कासिम सुलेमानी (Qassim Suleimani) की मौत का बदला ले लिया है.
नई दिल्ली:
ईरान (Iran) ने बगदाद एयरपोर्ट (Baghdad Airport) पर अमेरिकी एयर स्ट्राइक (American Air Strike) में मारे गए अपने सैन्य जनरल कासिम सुलेमानी (Qassim Suleimani) की मौत का बदला ले लिया है. ईरान ने कासिम सुलेमानी का बदला लेने के लिए इराक में अमेरिकी एयरबेस पर हमला किया. समाचार एजेंसी एएफपी न्यूज एजेंसी ने सैन्य सूत्रों के हवाले से बताया कि ईरान ने एक बार फिर इराक में अमेरिकी एयरबेस पर चार रॉकेट दागे.
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राजधानी बगदाद से उत्तर में स्थित अमेरिकी सैनिकों की तैनाती वाले इराकी एयरबेस पर रॉकेटों से हुए हमले में चार स्थानीय सैनिक घायल हो गए हैं. इराक की सेना ने रविवार को यह जानकारी दी. सेना की ओर से जारी बयान के अनुसार, अल-बलाद एयरबेस पर कात्युसा श्रेणी के आठ रॉकेट गिरे. हमले में दो इराकी अधिकारी और दो पायलट घायल हुए हैं.
अल-बलाद इराक की एफ-16 के लिए मुख्य एयरबेस है. इन विमानों को इराक ने अपनी हवाई क्षमता बढ़ाने के लिए अमेरिका से खरीदा है. सैन्य सूत्रों ने बताया कि इस एयरबेस पर अमेरिकी वायुसेना की छोटी टुकड़ी और अमेरिकी ठेकेदार रहते थे, लेकिन पिछले दो सप्ताह में अमेरिकी-ईरान के बीच बढ़ते तनाव के मद्देनजर ज्यादा अमेरिकी यहां से पहले ही जा चुके हैं.
Four rockets hit Iraq airbase hosting US troops, reports AFP News Agency quoting Military sources
— ANI (@ANI) January 12, 2020
सूत्रों में से एक ने बताया कि अमेरिकी सलाहकारों में से करीब 90 प्रतिशत और सैलीपोर्ट तथा लॉकहीड एंड मार्टिन के कर्मचारी धमकियों के बाद ताजी और एर्बिल जा चुके हैं. उक्त दोनों कंपनियां विमानों की मरम्मत का काम करती हैं. सूत्र ने बताया कि अल-बलाद में बमुश्किल 15 अमेरिकी सैनिक और एक विमान है. हाल के महीनों में अमेरिकी सैनिकों की तैनाती वाले शिविरों पर रॉकेटों और मोर्टार से लगातार हमले हो रहे हैं. हालांकि इन हमलों में ज्यादातर इराकी सैनिक ही घायल होते हैं, लेकिन पिछले महीने एक अमेरिकी ठेकेदार भी मारा गया था.
बता दें कि अमेरिका ने शुक्रवार को ईरान पर नये प्रतिबंध लगाने का ऐलान किया था. अमेरिका ने यह कदम इसी सप्ताह इराक में अपने सैन्य ठिकानों पर ईरान के मिसाइल हमलों के जवाब में उठाया है. अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ और वित्त मंत्री स्टीवन न्यूचिन ने कहा कि नए प्रतिबंधों से मध्यपूर्व में "अस्थिरता'' फैलाने के साथ ही मंगलवार के हुए मिसाइल हमलों में संलिप्त अधिकारियों को नुकसान होगा.
दरअसल, हाल ही में इराक की राजधानी बगदाद में अमेरिकी ड्रोन हमलों में ईरान के शीर्ष सैन्य कमांडर कासिम सुलेमानी की मौत हो गई थी, जिसके बाद ईरान ने इराक में अमेरिकी सैन्य ठिकानों को निशाना बनाकर मिसाइल हमले किए थे. न्यूचिन ने कहा कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ईरानी वस्त्र, निर्माण, विनिर्माण और खनन क्षेत्रों से जुड़े लोगों पर प्रतिबंध लगाने का शासकीय आदेश जारी करेंगे. वे इस्पात और लौह क्षेत्रों के खिलाफ भी अलग-अलग प्रतिबंध लगाएंगे. वित्त मंत्री ने कहा, ''इसका नतीजा यह होगा कि हम ईरानी शासन को मिलने वाली करोड़ों डॉलर की सहायता पर रोक लगा देंगे.''
ईरान और अमेरिका के बीच तल्ख बढ़ता ही जा रहा है. दोनों देशों के बीच बढ़ते तनाव को लेकर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार रात राष्ट्र को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने ईरान पर जमकर हमला किया था. ट्रंप ने कहा कि इराक में अमेरिकी ठिकानों पर ईरान के हमले में किसी भी अमेरिकी को नुकसान नहीं पहुंचा है. उन्होंने साथ में ईरानी नेतृत्व को शांति की पेशकश की जिसे पश्चिम एशिया में तनाव कम करने के लिए अहम कदम माना जा रहा है.
ट्रंप ने व्हाइट हाउस ग्रैंड फोयर से राष्ट्र के नाम संबोधन में कहा कि हमारा कोई भी हताहत नहीं हुआ है. हमारे सभी सैनिक सुरक्षित हैं और हमारे सैन्य अड्डों बहुत थोड़ा नुकसान हुआ है. ईरान द्वारा इराक में कम से कम उन दो अड्डों पर एक दर्जन से ज्यादा बैलिस्टक मिसाइलें दागने के कुछ घंटे बाद ट्रंप ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की. वहीं इससे पहले ईरान ने इस हमले को अमेरिका के चेहरे पर तमाचा बताया था. ईरान के सरकारी टीवी के मुताबिक, यह हमला ईरान की शक्तिशाली रेवोल्यूशनरी गार्ड्स के कमांडर जनरल कासिम सुलेमानी की शुक्रवार को अमेरिकी ड्रोन हमले में मौत का बदला लेने के लिए किया गया था.
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वहीं ट्रंप ने बताया कि मेरे आदेश पर सुलेमान को मारा गया था. ईरान के सरकारी टेलीविजन ने दावा किया कि इराक में अमेरिकी ठिकानों पर हमले में कम से कम 80 आतंकवादी अमेरिकी सैनिक मारे गए हैं. आईएस आतंकी समूह के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय गठबंधन के तहत इराक में करीब पांच हज़ार अमेरिकी सैनिक हैं. जनरल सुलेमानी को ‘क्रूर आतंकवादी’ बताते हुए ट्रंप ने कहा कि ईरानी सरकार की ओर से कल रात किए गए हमले में एक भी अमेरिकी को नुकसान नहीं पहुंचा है.
ट्रंप ने यह भी संकल्प जताया कि वह ईरान को कभी भी परमाणु हथियार हासिल नहीं करने देंगे. अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि जब तक मैं अमेरिका का राष्ट्रपति हूं, मैं ईरान को कभी भी परमाणु हथियार हासिल नहीं करने दूंगा. ईरानी नेताओं और लोगों को सीधा संदेश देते हुए ट्रंप ने कहा कि अमेरिका उन सभी के साथ शांति के लिए तैयार है, जो शांति चाहते हैं. उन्होंने कहा कि ईरान के नेताओं और लोगों के लिए, हम चाहते हैं कि आपका शानदार भविष्य हो जिसके आपके हकदार हैं.
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