logo-image

चीनी राष्ट्रपति जिनपिंग अगले हफ्ते आएंगे भारत, PM मोदी के साथ करेंगे अहम बैठक

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक शी जिनपिंग (Xi Jinping) और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के बीच बैठक में वास्तविक नियंत्रण रेखा को स्थिर रखने और व्यापार संबंधों पर चर्चा हो सकती है.

Updated on: 02 Oct 2019, 01:46 PM

नई दिल्ली:

चीन के राष्ट्रपति (Chinese President) शी जिनपिंग (Xi Jinping) अगले हफ्ते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के साथ चेन्नई के नजदीक महाबलिपुरम में अनौपचारिक बैठक करेंगे. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक दोनों नेताओं के बीच बैठक में वास्तविक नियंत्रण रेखा को स्थिर रखने और व्यापार संबंधों पर चर्चा हो सकती है. अनौपचारिक बैठक में सीमा विवाद के समाधान के लिए अगले चरण की योजना बनाने और व्यापार घाटे को कम करने के लिए चीन को भारतीय उत्पादों के एक्सपोर्ट के उपायों पर भी चर्चा हो सकती है.

यह भी पढ़ें: नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) सरकार ने छोटे कारोबारियों को दिया बड़ा तोहफा, SMS से फाइल कर पाएंगे GST रिटर्न

बांग्लादेश-चीन-भारत-म्यांमार गलियारे की प्रगति पर भी चर्चा संभव
बैठक में बांग्लादेश-चीन-भारत-म्यांमार गलियारे की प्रगति पर भी चर्चा होने की संभावना है. बैठक में शी जिनपिंग को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस बात का आश्वासन दे सकते हैं कि अनुच्छेद 370 के ज्यादातर प्रावधानों को खत्म करने के बाद जम्मू-कश्मीर को दो केंद्र प्रशासित प्रदेश में बदल जाने से वास्तविक नियंत्रण रेखा प्रभावित नहीं होगी. बता दें कि विदेश मंत्री एस जयशंकर के आश्वासन के बावजूद चीन सावधान दिख रहा है. ऐसे में प्रधानमंत्री वास्तविक नियंत्रण रेखा प्रभावित नहीं होने का आश्वासन दे सकते हैं. बता दें कि चीन के स्थायी प्रतिनिधि ने 16 अगस्त को न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक कश्मीर का मुद्दा उठाया था.

यह भी पढ़ें: Gold Rate Today: यहां मिल रहा है सिर्फ सवा 2 लाख रुपये में 1 किलो सोना, जानें कैसे

वहीं दूसरी ओर भारत और चीन के सैनिकों ने चीन का राष्ट्रीय दिवस मनाने के लिए नाथू ला, बम ला, किबिथू और पूर्वी लद्दाख में मंगलवार को रस्मी सीमा कर्मी बैठकें (बीपीएम) कीं. बैठकों में दोनों पक्षों ने दोनों देशों के बीच करीब 3500 किलोमीटर लंबी सीमा पर शांति कायम रखने के विषय पर बातचीत की. भारतीय सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा बातचीत के दौरान दोनों पक्षों ने मित्रता को प्रगाढ़ करने और सीमा पर शांति बनाए रखने के अपने संकल्प को दोहराया.