छुट्टे न होने का बहाना यहां नहीं चलेगा, क्यूआर कोड से मांगी जा रही भीख
चीन के भिखारी हाईटेक हो गए हैं. अब वे कटोरा लेकर भीख मांगने के बजाय क्यूआर कोड का इस्तेमाल कर कैशलेस भीख मांग रहे हैं.
highlights
- अलीबाबा और टेनसेंट के क्यूआर कोड बने भिखारियों का सहारा.
- अब भिखारी कटोरे में क्यूआर कोड लेकर मांग रहे भीख.
- इसके एवज में कर रहे जबर्दस्त कमाई.
नई दिल्ली.:
तकनीक हर क्षेत्र में हावी हो रही है. जाहिर है इसने हमारी जिंदगी को आसान बनाने का ही काम किया है. इस तकनीक क्रांति से अब भिखारी भी नहीं बचे हैं. दूसरे शब्दों में कहें तो चीन के भिखारी हाईटेक हो गए हैं. अब वे कटोरा लेकर भीख मांगने के बजाय क्यूआर कोड का इस्तेमाल कर कैशलेस भीख मांग रहे हैं. यानी अब आप भिखारियों से यह कहकर पीछा नहीं छुड़ा सकते हैं...जाओ भाई छुट्टे पैसे नहीं हैं.
यह भी पढ़ेंः कुलभूषण जाधव केस : पाकिस्तान को उसकी औकात दिखाएगा ICJ या फिर...
भिखारियों को कैशलेस भुगतान
ये भिखारी अलीबाबा और टेनसेंट के क्यूआर कोड वाले पेमेंट गेटवे की मदद से भीख मांग रहे हैं. दरअसल, आधुनिक तकनीक ने चीनी भिखारियों की हैसियत ही बदल दी है. अब ये अलीबाबा ग्रुप के अलीपे या टेनसेंट के वीचैट वॉलेट से पैसे लेने के लिए कटोरे में क्यूआर कोड लेकर घूमते हैं. दूसरे शब्दों में कहें तो पर्यटन स्थलों, सबवे स्टेशनों समेत देश के विभिन्न प्रांतों में नजर आ रहे भिखारियों को अब कैशलेस भुगतान की सुविधा मिल गई है.
यह भी पढ़ेंः भारत का मोस्ट वांटेड आतंकवादी हाफिज सईद पाकिस्तान में गिरफ्तार, भेजा गया जेल
टि्वटर पर शेयर हो रहे अनुभव
हाईटेक भिखारियों से जुड़े अनुभव टि्वटर पर भी शेयर किए जा रहे हैं. एक टि्वटर यूजर ने लिखा है, 'शंघाई में हम घूम रहे थे तभी एक भिखारी हमारे पास आया. मैंने कहा, चीन में अब कैश किसी के पास नहीं. उसने कहा आप क्यूआर कोड स्कैन कर वीचैट पे के जरिए भुगतान कर सकते हैं.' एक अन्य टि्वटर यूजर ने लिखा, 'चीन में मोबाइल भुगतान, भिखारी तक को चाहिए क्यूआर कोड.'
यह भी पढ़ेंः पाकिस्तान ने ऐसे पकड़ा था कुलभूषण जाधव को, लगाया था जासूसी का आरोप
भिखारियों की हो रही अच्छी कमाई
चीन में क्यूआर कोड सामान्य चीजों जैसे हो गए हैं. एक रिपोर्ट के अनुसार, छोटे बिजनेस व स्थानीय स्टार्ट अप इन भिखारियों को प्रत्येक स्कैन के लिए पैसे देते हैं. स्कैन के जरिए बिजनेस को ई वॉलेट एप से यूजर का डाटा मिल जाता है. मार्केटिंग के लिए ये डाटा इस्तेमाल किए जाते हैं. इसकी मदद से ही भिखारियों के पास स्मार्टफोन रखने की क्षमता आई है. सामान्य तौर पर भिखारी को प्रत्येक स्कैन में 1.5 से 0.7 युआन ( 7 से 15 रुपये) मिल जाते हैं.
Don't Miss
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
-
Kajol Workout Routine: 49 की उर्म में ऐसे इतनी फिट रहती हैं काजोल, शेयर किया अपना जिम रुटीन
-
Viral Photos: निसा देवगन के साथ पार्टी करते दिखे अक्षय कुमार के बेटे आरव, साथ तस्वीरें हुईं वायरल
-
Moushumi Chatterjee Birthday: आखिर क्यों करियर से पहले मौसमी चटर्जी ने लिया शादी करने का फैसला? 15 साल की उम्र में बनी बालिका वधु
धर्म-कर्म
-
Vikat Sanakashti Chaturthi 2024: विकट संकष्टी चतुर्थी व्रत कब? बस इस मूहूर्त में करें गणेश जी की पूजा, जानें डेट
-
Shukra Gochar 2024: शुक्र ने किया मेष राशि में गोचर, यहां जानें किस राशि वालों पर पड़ेगा क्या प्रभाव
-
Buddha Purnima 2024: कब है बुद्ध पूर्णिमा, वैशाख मास में कैसे मनाया जाएगा ये उत्सव
-
Shani Shash Rajyog 2024: 30 साल बाद आज शनि बना रहे हैं शश राजयोग, इन 3 राशियों की खुलेगी लॉटरी