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चीन के पास दिल नहीं और CPEC से पाकिस्तान को कोई फायदा नहीं : कारोबारी

चीन अपने पश्चिमी शहर कशगर से हिमालय होते हुए पाकिस्तान तक करीब 1300 किलोमीट लंबा हाईवे बना रहा जिसे वो फ्रेंडशिप हाइवे का नाम देता है।

Updated on: 02 Aug 2017, 08:31 PM

highlights

  • पाकिस्तानी बिजनेसमैन ने कहा CPEC से सिर्फ चीन का फायदा
  • 46 अरब डॉलर की लागत से 1300 किमी लंबा हाईवे बना रहा पाकिस्तान

नई दिल्ली:

चीन अपने पश्चिमी शहर कशगर से हिमालय होते हुए पाकिस्तान तक करीब 1300 किलोमीट लंबा हाईवे बना रहा जिसे वो फ्रेंडशिप हाइवे का नाम देता है। चीन इस सड़क को लेकर दावा करता है कि ये हाईवे पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था के लिए मील का पत्थर साबित होगा। लेकिन चीन के इस दावे को पाकिस्तान के एक बिजनेसमैन ने नकार दिया है।

पाकिस्तानी बिजनेसमैन मुराद शाह के मुताबिक, चीन बार-बार कहता है कि हमारी दोस्ती हिमालय के चोटी से भी ऊंची और समुद्र से भी ज्यादा गहरी है लेकिन चीन में दिल तो है ही नहीं और इससे हाईवे से सिर्फ चीन को ही फायदा होगा।

दोनों देशों के बीच बनने वाले 1300 किलोमीटर लंबे हाईवे वाले चीनी इलाके में अपनी दुकान चलाने वाले मुराद शाह ने कहा हाईवे से पाकिस्तान कोई फायदा नहीं होगा और सिर्फ चीन के विकास को और गति मिलेगी।

वहीं मोहम्मद नाम के एक बिजनसमैन ने कहा चीन से कोई भी सामान पाकिस्तान लाना बेहद आसान है लेकिन पाकिस्तान से चीन भेजना बेहद मुश्किल है। चीन में पाकिस्तान से आने वाले सामान पर लगने वाले चार्ज फिक्स नहीं और ये कभी 5 तो कभी 20 फीसदी तक हो जाता है लेकिन चीन से पाकिस्तान जाने वाले सामान पर ऐसा कुछ नहीं है।

दोनों देशों के बीच बनने वाले इस हाईवे (CPEC) के लिए साल 2013 में 46 अरब डॉलर का समझौता हुआ था। इस समझौते के तहत काराकोरम हाईवे के नाम से चर्चित इस सड़क को बनाने की जिम्मेदारी चीन ने उठाई है।

गौरतलब है कि दोनों देशों के बीच समझौता होने के बाद जहां पाकिस्तान के एक्सपोर्ट में 2016 के दूसरे छमाही में 8 फीसदी की कमी आई है वहीं इपोर्ट पर उसकी निर्भरता काफी बढ़ गई है और इसमें 29 फीसदी का उछाल आया है।