CAA के खिलाफ प्रस्ताव लाने वाले मामले पर यूरोपीय संसद ने जारी किया बयान
नागरिकता संशोधन कानून को लेकर मचे बवाल पर यूरोपिय संघ ने अपना बयान जारी किया है. उन्होंने कहा कि यूरोपिय संसद एक स्वतंत्र संस्था है एक ऐसा संगठन है जो अपने विचार-विमर्श के लिए संप्रभु है.
नई दिल्ली:
नागरिकता संशोधन कानून को लेकर मचे बवाल पर यूरोपीय संघ ने अपना बयान जारी किया है. उन्होंने कहा कि यूरोपीय संसद एक स्वतंत्र संस्था है एक ऐसा संगठन है जो अपने विचार-विमर्श के लिए संप्रभु है. यूरोपीय संसद में राजनीतिक पार्टीयां किसी भी ड्राफ्ट को प्रस्ताव रख के उसपर चर्चा कर सकता है.आधिकारिक सूत्रों ने यूरोपीय संघ (ईयू) संसद में संशोधित नागरिकता कानून (CAA) को लेकर मतदान से पहले रविवार को कहा कि ईयू संसद को ऐसे कदम नहीं उठाने चाहिए जो लोकतांत्रिक रूप से चुने गए सांसदों के अधिकारों एवं प्रभुत्व पर सवाल खड़े करे. उन्होंने कहा कि सीएए भारत का पूर्णतया अंदरुनी मामला है और कानून संसद के दोनों सदनों में बहस के बाद लोकतांत्रिक माध्यम से पारित किया गया था.
Delegation of European Union to India on draft resolution on #CAA: The European Parliament is an independent institution, sovereign in the organization of its work and in its deliberations. The text referred to are draft resolution by political groups in the European Parliament. pic.twitter.com/H8wKpYAcyQ
— ANI (@ANI) January 27, 2020
एक सूत्र ने कहा कि हम उम्मीद करते हैं कि प्रस्ताव पेश करने वाले एवं उसके समर्थक आगे बढ़ने से पहले तथ्यों के पूर्ण एवं सटीक आकलन के लिए हमसे वार्ता करेंगे. उल्लेखनीय है कि ईयू संसद सीएए के खिलाफ कुछ सदस्यों द्वारा पेश किए गए प्रस्ताव पर बहस और मतदान करेगी. संसद में इस सप्ताह की शुरुआत में यूरोपियन यूनाइटेड लेफ्ट/नॉर्डिक ग्रीन लेफ्ट (जीयूई/एनजीएल) समूह ने प्रस्ताव पेश किया था जिस पर बुधवार को बहस होगी और इसके एक दिन बाद मतदान होगा.
प्रस्ताव में कहा गया है कि सीएए भारत में नागरिकता तय करने के तरीके में खतरनाक बदलाव करेगा. इससे नागरिकता विहीन लोगों के संबंध में बड़ा संकट विश्व में पैदा हो सकता है और यह बड़ी मानव पीड़ा का कारण बन सकता है. सीएए भारत में पिछले साल दिसंबर में लागू किया गया था जिसे लेकर देशभर में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं.
ये भी पढ़ें: CAA विरोध में हिंसा फैलाने को बाहर से आया पैसा, विधेयक पास होने के बाद PFI के खातों में 120 करोड़ जमा
भारत सरकार का कहना है कि नया कानून किसी की नागरिकता नहीं छीनता है बल्कि इसे पड़ोसी देशों में उत्पीड़न का शिकार हुए अल्पसंख्यकों की रक्षा करने और उन्हें नागरिकता देने के लिए लाया गया है. बता दें कि नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में प्रदर्शन हो रहा है. इस बीच यूरोपीय संघ (ईयू) संसद में सीएए के खिलाफ प्रस्ताव लाया गया तो भारत ने कहा कि यह मेरा आंतरिक मामला है.
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