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Russian nuclear weapons की तैनाती के लिए पश्चिम ने किया मजबूर: Belarus

Belarus blames West, NATO pressure for hosting Russian nuclear weapons : बेलारुस ने पश्चिमी देशों और नेटो को अपनी जमीन पर परमाणु हथियारों की तैनाती करने के लिए मजबूर करने का आरोप लगाया है. बेलारूस ( Belarus ) ने कहा कि पश्चिमी देश और नेटो उस पर तरह तरह के दबाव डाल रहे थे और बेलारुस पर तमाम पाबंदियां रूस का...

Updated on: 28 Mar 2023, 11:51 PM

highlights

  • बेलारूस ने पश्चिमी देशों और नेटो पर बोला जोरदार हमला
  • पश्चिमी देशों और नेटो के दबाव को बताया जिम्मेदार
  • बेलारूस में परमाणु हथियारों की तैनाती कर रहा है रूस

नई दिल्ली:

Belarus blames West, NATO pressure for hosting Russian nuclear weapons : बेलारुस ने पश्चिमी देशों और नेटो को अपनी जमीन पर परमाणु हथियारों की तैनाती करने के लिए मजबूर करने का आरोप लगाया है. बेलारूस ( Belarus ) ने कहा कि पश्चिमी देश और नेटो उस पर तरह तरह के दबाव डाल रहे थे और बेलारुस पर तमाम पाबंदियां रूस का साथ देने के लिए चलते लगा दी गई हैं, जिसकी वजह से उसने रूसी परमाणु हथियारों ( Russian nuclear weapons ) को तैनात करने के लिए अपनी जमीन देने का फैसला किया है. बेलारूस ने कहा है कि वो किसी भी तरह के दबाव के आगे झुकेगा नहीं.

अनावश्यक दबाव के आगे नहीं झुकेगा बेलारूस

बेलारूस ने अमेरिका, यूके और नेटो अलायंस को सावधान करते हुए कहा कि वो किसी भी देश पर अनावश्यक दबाव न डालें, अन्यथा किसी भी बड़े जवाब के लिए वो खुद जिम्मेदार होंगे. बता दें कि बेलारूस ने रूस को अपने टैक्टिकल न्यूक्लियर बेपन्स की तैनाती की अनुमति दी है. इसी मुद्दे पर बेलारूस के विदेश मंत्रालय ने लिखित में तास न्यूज एजेंसी को अपना जवाब दिया है. 

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पिछले काफी समय से बनाया जा रहा है दबाव

बेलारूस के विदेश मंत्रालय ने कहा है कि पिछले ढाई साल से बेलारूस पर लगातार दबाव बनाया जा रहा था. बेलारूस पर अमेरिका, ब्रेट-ब्रिटेन और उसके नेटो के सहयोगी लगातार राजनीतिक, आर्थिक दबाव डाल रहे हैं. इस काम में यूरोपियन यूनियन भी उनकी मदद कर रहा है. एक स्वतंत्र देश पर इस तरह के अनैतिक दबाव को नजरअंदाज करना गलत है. ऐसे में हमेशा से साथ देने वाले रूस का वो साथ दे रहा है. वैसे, बेलारूस एनटीपी का सदस्य भी है, लेकिन बेलारूस ने कहा कि उसके इस कदम से एनपीटी पर कोई असर नहीं पड़ेगा. क्योंकि रूस उसे परमाणु तकनीकी नहीं दे रहा है और न ही हथियारों का स्वामित्व उसे सौंप रहा है.