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बांग्लादेश: सैन्य विद्रोह मामले में 139 की मौत की सजा बरकरार

25 और 26 फरवरी 2009 को बांग्लादेश सीमा सुरक्षा बल (बीजीबी) के एक समूह द्वारा सैन्य विद्रोह किया गया था। इस घटना में 74 लोगों की मौत हो गई थी।

Updated on: 27 Nov 2017, 08:12 PM

highlights

  • 25 और 26 फरवरी 2009 को बांग्लादेश सीमा सुरक्षा बल (बीजीबी) के एक समूह द्वारा सैन्य विद्रोह किया गया था
  • इस मामले में कुल 850 लोग अभियुक्त थे जिनमें बीजीबी के 823 जवान और 23 नागरिक शामिल हैं

ढाका:

बांग्लादेश की एक अदालत ने सोमवार को 139 लोगों को मौत की सजा का फैसला बरकरार रखा है। इन सभी पर 2009 में सीमा गार्ड मुख्यालय पर सैन्य विद्रोह में शामिल होने का आरोप है। इस घटना में 74 लोगों की मौत हो गई थी।

समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के मुताबिक, न्यायमूर्ति नजरुल इस्लाम, न्यायमूर्ति शौकत हुसैन और न्यायमूर्ति मोहम्मद अबु जफर सिद्दीकी की एक खंडपीठ ने यह फैसला सुनाया।

उच्च न्यायालय खंडपीठ ने 196 सीमा रक्षकों को कैद के फैसले को भी बरकरार रखा है।

25 और 26 फरवरी 2009 को बांग्लादेश सीमा सुरक्षा बल (बीजीबी) के एक समूह द्वारा सैन्य विद्रोह किया गया था। बीजीबी एक अर्धसैनिक बल है जो देश की सीमाओं की रक्षा करता है।

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घटना में मरने वालों में नागरिकों के अलावा बीजीबी के महानिदेशक और सेना के कुछ वरिष्ठ अधिकारी शामिल थे।

इस मामले में कुल 850 लोग अभियुक्त थे जिनमें बीजीबी के 823 जवान और 23 नागरिक शामिल हैं।

अभियुक्तों में से 813 को गिरफ्तार किया गया था। 13 जमानत पर रिहा हैं और 20 फरार हैं, जबकि चार की हिरासत में मौत हो चुकी है।

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