logo-image

पाकिस्तान: इमरान खान को बड़ी राहत, तीन अलग मामलों में अंतरिम जमानत

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री और पीटीआई चीफ इमरान खान को कोर्ट से बड़ी राहत मिली है.

Updated on: 04 Apr 2023, 01:49 PM

highlights

  • अभी कई मामलों में दोषी हैं इमरान खान 
  • हिंसा, हत्या और आगजनी मामले में राहत
  • तोशाखाना मामले में राहत नहीं

नई दिल्ली:

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री और पीटीआई चीफ इमरान खान को कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. लाहौर में  एंटी टेरिरिस्ट कोर्ट ने हिंसा, बर्बरता, हत्या और आगजनी मामले में अंतरिम जमानत बढ़ा दी गई है. पाकिस्तान के मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, तीन मामलों में अंतरिम जमानत 13 अप्रैल तक बढ़ा दी गई है. हालांकि, इमरान खान अभी कई मामलों में दोषी करार है. उनपर इस्लामाबाद और लाहौर की अदालत में कई मामले चल रहे हैं.

पिछले दिनों कोर्ट ने इमरान खान के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी है. पिछले महीने मार्च में इस्लामाबाद पुलिस उनके जमना आवास पर पहुंच गई थी, लेकिन इमरान खान घर पर मौजूद नहीं थे. पुलिस बैरन ही वापस लौट गई थी. पुलिस की कार्रवाई पर इमरान खान भड़क गए. उन्होंने कहा कि घर पर उनकी पत्नी बुशरा बेगम अकेली हैं. आखिर किस कानून के तहत लाहौर पुलिस यह अभियान चला रही है.

इमरान खान के काफिले की गाड़ी पलटी

बता दें कि पिछले दिनों इमरान खान इस्लामाबाद स्थित कोर्ट में हाजिर होने के लिए अपने आवास से निकले थे. इस दौरान बड़ी संख्या में समर्थक भी उनके साथ चल रहे थे. तभी उनके काफिले की कुछ गाड़ियां आपस में टकराकर हादसे का शिकार हो गई थी. इस हादसे में कुछ लोगों को मामूली चोटें आई थी. वहीं इमरान खान बाल-बाल बच गए थे. 

तोशाखाना मामले में इमरान खान दोषी

पीटीआई चीफ इमरान खान तोशाखाना मामले में दोषी पाए गए हैं. उनपर आरोप है कि सस्ते दरों में उपहार को खरीद कर महंगे दामों में बेच दिया. 2018 में सत्ता में आए इमरान खान को आधिकारिक यात्राओं के दौरान करीब 14 करोड़ रुपये के 58 उपहार मिले थे. इन महंगे उपहारों को तोशाखाना में जमा किया गया था.  इमरान खान ने इन्हें तोशखाने से सस्ते दाम पर खरीद लिया और फिर महंगे दाम पर बाजार में बेच दिया.

इमरान खान पर कई आरोप

इस पूरी प्रक्रिया के लिए उन्होंने सरकारी कानून में बदलाव भी किए.आरोप साबित होने पर पिछले साल इमरान खान की संसद सदस्यता भी चली गई थी.  इमरान खान पर आरोप है कि उन्होंने  चुनाव अधिनियम, 2017 के प्रावधानों का उल्लंघन किया और गलत बयान दिया थाय साल 2020-21 के लिए उन्होंने अपनी संपत्तियों के बारे में भी गलत जानकारी दी थी.