विकिलीक्स के सहसंस्थापक जूलियन असांज दुष्कर्म मामले में निर्णय सुनाएगा स्वीडन
स्वीडन में अभियोजक सोमवार को यह निर्णय लेंगे कि वे विकिलीक्स के सहसंस्थापक जूलियन असांज पर लगे दुष्कर्म के आरोपों की जांच दोबारा शुरू करेंगे या नहीं.
highlights
- दो साल पहले बंद किए गए यौन शोषण के मामले को दोबारा खोला जाए या नहीं
- इक्वाडोर ने राजनीतिक शरणार्थी का दर्जा वापस ले लिया था
- असांज फिलहाल इंग्लैंड में एक उच्च सुरक्षा जेल में बंद हैं
स्टॉकहोम:
स्वीडन में अभियोजक सोमवार को यह निर्णय लेंगे कि वे विकिलीक्स के सहसंस्थापक जूलियन असांज पर लगे दुष्कर्म के आरोपों की जांच दोबारा शुरू करेंगे या नहीं. असांज फिलहाल इंग्लैंड में एक उच्च सुरक्षा जेल में बंद हैं. बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, इन आरोपों को खारिज करने वाले असांज 2012 में लंदन में इक्वाडोर के दूतावास में शरण मांगने के बाद सात साल तक स्वीडन प्रत्यर्पित होने से बचे रहे. लेकिन, पिछले महीने उन्हें दूतावास से निकाल दिया गया और जमानत की शर्तो को तोड़ने के लिए 50 सप्ताह जेल की सजा सुनाई गई.
स्वीडन के जनअभियोजन की उपनिदेशक इवा-मैरी पर्सन सोमवार को यह निर्णय लेंगी कि असांज के खिलाफ दो साल पहले बंद किए गए यौन शोषण के मामले को दोबारा खोला जाए या नहीं. स्वीडन के अभियोजकों ने कहा कि असांज जब इक्वाडोर दूतावास में थे, तब उन्हें लगा कि वे इस मामले को आगे नहीं ले जा सकते. हालांकि आरोप लगाने वाली महिला अब इस मामले को दोबारा खुलवाना चाहती है और चूंकि असांज पिछले महीने गिरफ्तार हुए हैं तो स्वीडन के अभियोजक अपने विकल्पों पर विचार कर रहे हैं.
अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में हस्तक्षेप का भी आरोप
असांज पर 2016 में हुए अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों के दौरान हस्तक्षेप का आरोप भी लगा. विकिलीक्स ने तब डेमोक्रेटिक उम्मीदवार हिलेरी क्लिंटन की टीम की कई ऐसे गोपनीय मेल सार्वजनिक कर दिए जो चुनावी अभियान से जुड़े थे और इसका सीधा असर चुनावों पर भी पड़ा. असांज पर आरोप लगा कि उन्होंने रूस की मदद से ये गोपनीय दस्तावेज सार्वजनिक किए. 2017 में स्वीडन में उनके खिलाफ लगा रेप का आरोप हट गया जिसके बाद उन्होंने इक्वाडोर की नागरिकता ले ली.
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इक्वाडोर के राष्ट्रपति का कहना था कि असांज द्वारा लगातार अंतराष्ट्रीय कानूनों के उल्लंघन के कारण उन्हें दिया गया राजनीतिक शरणार्थी का दर्जा वापस ले लिया गया है. हालांकि विकिलीक्स का कहना है कि इक्वाडोर ने उन्हें दी गई राजनीतिक शरण वापस लेते हुए अंतरराष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन किया है.
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