गिलगिट-बाल्टिस्तान में अवैध टैक्स के विरोध में पाकिस्तान के खिलाफ बड़ा प्रदर्शन
प्रदर्शन कर रहे लोगों ने कहा, 'हम इसी संख्या और उत्साह के साथ प्रदर्शन करते रहेंगे जब तक कि पाकिस्तान दर्ज टैक्स को वापस न ले लेता है।'
highlights
- व्यापारी समुदाय का कहना है कि पाकिस्तान गरीब व्यापारियों पर अनावश्यक टैक्स को लागू कर रहा है
- अनिश्चितकालीन प्रदर्शन कर रहे व्यापारियों ने घोषणा कर दी है कि वे टैक्स को जमा नहीं करेंगे
नई दिल्ली:
पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) की सीमा से लगे गिलगिट बाल्टिस्तान में अवैध कर लगाने को लेकर पाकिस्तान के खिलाफ बड़ी संख्या में व्यापारी, राजनीतिक कार्यकर्ता और आम लोग सड़कों पर उतर आए हैं।
सड़कों पर छोटे और बड़े व्यापारी पाकिस्तान विरोधी नारे लगाकर अपना विरोध दर्ज करा रहे हैं। प्रदर्शन कर रहे लोगों ने कहा, 'हम इसी संख्या और उत्साह के साथ प्रदर्शन करते रहेंगे जब तक कि पाकिस्तान दर्ज टैक्स को वापस न ले लेता है।'
गिलगिट बाल्टिस्तान के स्कार्दू में प्रदर्शन कर रहे व्यवसायी ने भीड़ को संबोधित करते हुए कहा, 'मैं कराची, क्वेटा, लाहौर और पाकिस्तान के अन्य जगहों पर रह रहे गिलगिट बाल्टिस्तान के लोगों से कहना चाहता हूं कि तैयार रहें, हम सीधे तौर पर इस्लामाबाद से मुकाबला करने जा रहे हैं।'
#WATCH: Massive anti-Pakistan protests across Gilgit Baltistan against illegal taxation #Skardu pic.twitter.com/Zwei7MZaKO
— ANI (@ANI) November 18, 2017
इन लोगों का पाकिस्तान सरकार पर आरोप है कि इस क्षेत्र के संविधान में दिए विशेष दर्जे को खत्म करने के लिए उन पर अवैध तरीके से टैक्स को थोपा जा रहा है।
व्यापारी समुदाय का कहना है कि पाकिस्तान आर्थिक रूप से कमजोर लोगों और गरीब व्यापारियों पर अनावश्यक टैक्स को लागू कर रहा है।
एक प्रदर्शनकारी ने अपना गुस्सा जाहिर करते हुए कहा, 'क्या आप अपने घरों में चिकन रखने पर पाकिस्तान को टैक्स अदा करेंगे? क्या आप दूध के लिए अपने घर में रखे गए गाय को लेकर टैक्स अदा करेंगे?'
टैक्स सिस्टम को लेकर उन्होंने कहा, 'अतिरिक्त परिवार सदस्यों के कारण टैक्स थोपा जा रहा है, अगर आपके परिवार में पांच से ज्यादा सदस्य हैं, तो एक अतिरिक्त टैक्स अदा करने की जरूरत होगी।'
हालांकि प्रदर्शन कर रहे व्यापारियों ने घोषणा कर दी है कि वे टैक्स को जमा नहीं करेंगे।
इनका कहना है कि आधारभूत मौलिक अधिकारों को दिए बिना, क्षेत्र को सब्सिडी या संवैधानिक दर्जा दिए बिना व्यापारियों के ऊपर बार-बार टैक्स थोपा जा रहा है।
साथ ही इनका आरोप है कि प्रशासन के द्वारा वसूले गए टैक्स को कभी भी गिलगिट बाल्टिस्तान के विकास और कल्याण पर खर्च नहीं किया गया।
और पढ़ें: पाकिस्तान ने भारत पर लगाया 'दो मोर्चे वाली स्थिति' पैदा करने का आरोप
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