परमाणु हथियारों को नष्ट करने पर किम राजी, उत्तर कोरिया पर अभी जारी रहेगा प्रतिबंध: डोनाल्ड ट्रंप
किम जोंग-उन और अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मंगलवार को उत्तर कोरिया को सुरक्षा गारंटी के बदले कोरियाई प्रायद्वीप में पूर्ण परमाणु निरस्त्रीकरण पर प्रतिबद्धता जताई।
सिंगापुर:
उत्तर कोरिया के शीर्ष नेता किम जोंग-उन और अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मंगलवार को उत्तर कोरिया को सुरक्षा गारंटी के बदले कोरियाई प्रायद्वीप में पूर्ण परमाणु निरस्त्रीकरण पर प्रतिबद्धता जताई।
इसके साथ ही दोनों देशों ने नई संबंधों की शुरुआत की, जो इनके बीच परमाणु परीक्षण और सैन्य टकराव से उपजी कड़वाहट को समाप्त कर सकती है।
दोनों नेताओं के बीच चार घंटे तक हुई ऐतिहासिक वार्ता के बाद ट्रंप ने एक संवादाता सम्मेलन में कहा, 'चेयरमैन किम ने कोरियाई प्रायद्वीप के पूर्ण परमाणु निरस्त्रीकरण के प्रति प्रतिबद्धता जताई। किम उत्तर कोरिया में एक मिसाइल साइट को भी ध्वस्त करने पर सहमत हैं। हम अपने देशों के बीच एक नये अध्याय को लिखने के लिए तैयार हैं।'
इससे पहले दिन में दोनों नेताओं ने सिंगापुर में रिसार्ट द्वीप सेंटोसा के कैपेला होटल में मुलाकात की और दोनों देशों ने नए संबंधों के विकास की दिशा में काम करने और क्षेत्र में 'शांति, समृद्धि और सुरक्षा' के प्रति प्रतिबद्धता जताते हुए एक समझौते पर दस्तखत किया।
समझौते में कहा गया है, 'राष्ट्रपति ट्रंप ने उत्तर कोरिया को सुरक्षा की गारंटी देने की प्रतिबद्धता जताई और चेयरमैन किम ने कोरिया प्रायद्वीप के पूर्ण परमाणु निरत्रीकरण के प्रति अपनी दृढ़ प्रतिबद्धता को दोहराया।'
और पढ़ें: डोनाल्ड ट्रंप से मुलाक़ात के बाद किम जोंग पूर्ण परमाणु निरस्त्रीकरण पर सहमत
ट्रंप ने कहा, 'मैं उत्तर कोरिया पर 'जितना जल्दी हो सके' परमाणु निरस्त्रीकरण के लिए दबाव बनाऊंगा लेकिन इसमें लंबा वक्त लग सकता है। वैज्ञानिक रूप से आपको कुछ समय का इंतजार करना होता है..लेकिन जब आप प्रक्रिया आरंभ कर देते हैं तो इसका मतलब है कि यह हो रहा है।'
ट्रंप ने कहा, 'प्रक्रिया बहुत जल्द शुरू हो जाएगी और 'जब हम इस बात पर निश्चिंत हो जाएंगे कि परमाणु अब मुद्दा नहीं रहा', तो हम (उत्तर कोरिया पर से) प्रतिबंध हटा लेंगे।'
दोनों नेताओं ने सहमति जताई कि मंगलवार को हुआ यह सम्मेलन 'एक युगांतकारी घटना' है और साथ ही दोनों नेताओं ने समझौते में वर्णित शर्तों को शीघ्रता और पूर्ण रूप से लागू करने पर सहमति जताई।
ट्रंप ने साथ ही कहा कि वह दक्षिण कोरिया के साथ युद्धाभ्यास बंद कर देंगे। राष्ट्रपति ने इन सैन्य अभ्यासों को 'अत्यधिक खर्चीला' भी बताया। उत्तर कोरिया इन सैन्य अभ्यासों को 'युद्ध की तैयारी' बताता रहा है।
ट्रंप ने कहा कि वह उम्मीद करते हैं कि दक्षिण कोरिया से अमेरिकी सेना को वापस बुला लिया जाएगा, लेकिन यह अभी समीकरण का हिस्सा नहीं है।
उन्होंने कहा, 'मैं अपने सैनिकों को वहां से बाहर निकालना चाहता हूं। मैं अपने सैनिकों को वापस घर बुलाना चाहता हूं..लेकिन यह अभी समीकरण का हिस्सा नहीं है। मुझे उम्मीद है कि यह आखिरकार होगा।'
ट्रंप ने कहा कि वह 'वार गेम्स' (दक्षिण कोरिया के साथ सैन्य अभ्यास) रोक देंगे क्योंकि उनका मानना है कि यह 'बहुत भड़काने वाले' होते हैं और इससे अमेरिका का 'बहुत ही अधिक धन बचेगा।'
और पढ़ें: वैश्विक अर्थव्यवस्था पर संकट के बादल गहराए : आईएमएफ प्रमुख
ट्रंप ने दक्षिण कोरिया के साथ सैन्य अभ्यास पर कहा, 'हमने काफी लंबे समय से यह अभ्यास किए हैं...यह अत्यधिक खर्चीले हैं। दक्षिण कोरिया योगदान देता है, लेकिन 100 प्रतिशत नहीं। हमें कई देशों के साथ हमारे साथ न्यायपूर्वक व्यवहार के लिए बातचीत करनी है। युद्ध अभ्यास काफी खर्चीले हैं, इनके लिए हम बड़ी धनराशि खर्च करते हैं।'
उन्होंने कहा, 'हम काफी जटिल समझौते से गुजर रहे हैं..मुझे लगता है कि (ऐसे में) युद्धाभ्यास करना अनुचित होगा।'
ट्रंप ने कहा कि इस बैठक ने 'विश्व इतिहास में अपना स्थान' दर्ज किया है और जोर देकर कहा कि परमाणु निरस्त्रीकरण अंतर्राष्ट्रीय और अमेरिकी विशेषज्ञों द्वारा सत्यापित होगा।
दोनों नेता वार्ता को आगे बढ़ाने के लिए सहमत हुए। यह वार्ता विदेश मंत्री माइक पाम्पिओ और उत्तर कोरिया के एक वरिष्ठ अधिकारी के बीच होगी।
प्योंगयांग और वाशिंगटन ने 1950-53 के कोरियाई युद्ध के दौरान लापता हुए युद्ध कैदियों का पता लगाने और युद्ध बंदियों के अवशेषों को बरामद करने पर प्रतिबद्धता जताई। इसके साथ ही दोनों देशों ने पहचान किए हुए लोगों को तत्काल उनके देश भेजने पर भी प्रतिबद्धता जताई।
ट्रंप ने कहा कि उन्होंने किम को 'सही समय' पर व्हाइट हाउस आने का निमंत्रण दिया है जिसे किम ने स्वीकार कर लिया है।
ट्रंप द्वारा संयुक्त सैन्य अभ्यास पर बयान देने के बाद, दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति कार्यालय ने कहा, 'हमें यह समझने की जरूरत है कि राष्ट्रपति ट्रंप ने क्या कहा।'
वहीं, भारत ने सिंगापुर बैठक का स्वागत किया है और इस सम्मेलन को 'सकारात्मक कदम' बताया।
भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा, 'हम उम्मीद करते हैं कि अमेरिका-उत्तर कोरिया के बीच सम्मेलन के समझौते को लागू किया जाएगा, जोकि कोरियाई प्रायद्वीप में शांति और स्थिरता के लिए मार्ग प्रशस्त करेगा।'
सिंगापुर में दोनों नेताओं के बीच यह बैठक दोनों देशों के बीच करीब 70 वर्षो तक शत्रुता, 25 वर्षो तक विफल वार्ता और प्योंगयांग परमाणु कार्यक्रम से उपजे तनाव के बाद हुई है।
Don't Miss
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
-
Kajol Workout Routine: 49 की उर्म में ऐसे इतनी फिट रहती हैं काजोल, शेयर किया अपना जिम रुटीन
-
Viral Photos: निसा देवगन के साथ पार्टी करते दिखे अक्षय कुमार के बेटे आरव, साथ तस्वीरें हुईं वायरल
-
Moushumi Chatterjee Birthday: आखिर क्यों करियर से पहले मौसमी चटर्जी ने लिया शादी करने का फैसला? 15 साल की उम्र में बनी बालिका वधु
धर्म-कर्म
-
Vikat Sanakashti Chaturthi 2024: विकट संकष्टी चतुर्थी व्रत कब? बस इस मूहूर्त में करें गणेश जी की पूजा, जानें डेट
-
Shukra Gochar 2024: शुक्र ने किया मेष राशि में गोचर, यहां जानें किस राशि वालों पर पड़ेगा क्या प्रभाव
-
Buddha Purnima 2024: कब है बुद्ध पूर्णिमा, वैशाख मास में कैसे मनाया जाएगा ये उत्सव
-
Shani Shash Rajyog 2024: 30 साल बाद आज शनि बना रहे हैं शश राजयोग, इन 3 राशियों की खुलेगी लॉटरी