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चीन के दोहरे मापदंड से अमेरिका नाराज, उठा सकता है ये बड़ा कदम

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में पाकिस्तान के आतंकवादी मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित करने में भले ही चीन अड़ंगा लगा रहा है, लेकिन अब इस मामले में उसकी हार होना तय है.

Updated on: 15 Mar 2019, 09:59 AM

नई दिल्ली:

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में पाकिस्तान के आतंकवादी मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित करने में भले ही चीन अड़ंगा लगा रहा है, लेकिन अब इस मामले में उसकी हार होना तय है. यूनाइटेड नेशंस के चार्टर के अनुसार, जो देश या व्यक्ति आतंकियों का समर्थन करते हैं वो भी आतंकियों की श्रेणी माने जाएंगे. अब चीन को लग रहा है कि अगर वह बार-बार मसूद अजहर का पक्ष लेगा तो उस पर भी आतंकियों को प्रश्रय देने का आरोप लग सकता है. इसलिए चीन ने कहा कि वह इस प्रस्ताव के खिलाफ बिल्कुल नहीं है, लेकिन इस मामले में विस्तार से बातचीत होनी चाहिए.

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आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद (jem) प्रमुख मसूद अजहर (Masood Azhar) को वैश्विक आतंकी (Global Terrorist) घोषित करने और उस पर प्रतिबंध लगाने के लिए भारत पूरा प्रयास कर रहा है. लेकिन चौथी बार भी चीन ने मसूद अहजर के खिलाफ सबूतों के अभाव की बात कहते हुए अपने वीटो पावर का इस्तेमाल करते हुए अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित करने के प्रस्ताव को खारिज कर दिया. चीन ने यूएन में इस प्रस्ताव के विरोध में अपने वीटो पावर का इस्तेमाल ऐसे वक्त में किया जब कि इस प्रस्ताव के पक्ष में यूके, यूएस, फ्रांस और जर्मनी पहले से ही थे. चीन ने अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस जैसे देशों के प्रस्ताव को होल्ड पर रखने की बात कही. भारत ने इस पर कड़ा ऐतराज जताया है. वीटो अधिकार प्राप्त देश चाहते हैं कि चीन अपनी टेक्निकल रोक हटा लें, ताकि वीटो का अस्तित्व बना रहे हैं वरना सुरक्षा परिषद में उसके वीटो का प्रभाव ही खत्म हो जाएगा.

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चीन ने मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित करने का प्रस्ताव सेंक्शन कमिटी में अटकाया है, जोकि 1999 में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के रेजुलेशन 1267 के तहत बनी हुई कमिटी है. यह कमिटी आतंकी संगठनों के खिलाफ कार्रवाई करती है. अब भारत सेंक्शन कमिटी के ऊपर सिक्योरिटी काउंसिल में जा सकता है और यहां 15 में से अगर 9 सदस्य देश किसी प्रस्ताव के पक्ष में वोट करते हैं तो उसपर फैसला किया जा सकता है. बताया रहा है कि इस परिषद के 15 में से 11 सदस्य प्रस्ताव के पक्ष में हैं. इसीलिए अमेरिका ने कहा है कि मसूद अजहर पर बैन तो जरूर लगेगा, भले ही चीन वीटो ही क्यों न लगा ले. इस प्रकिया को अफरमेटिव एक्शन कहते हैं.

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बता दें कि पुलवामा हमले के बाद अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की 1267 कमेटी से मसूद अजहर को ग्लोबल टेररिस्ट घोषित कराने के लिए प्रस्ताव लेकर आए थे.