विदिशा लोकसभा सीट: अटलजी और सुषमा स्वराज के बाद इस बार बीजेपी से कौन?
देश के लोकसभा की हाईप्रोफाइल सीटों (High Profile Lok Sabha Seats) में से एक है मध्य प्रदेश की विदिशा सीट. पढ़ें पूरी प्रोफाइल...
नई दिल्ली:
देश के लोकसभा की हाईप्रोफाइल सीटों (High Profile Lok Sabha Seats) में से एक है मध्य प्रदेश की विदिशा सीट. यहां से राज्य के पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) और पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी (Atal Bihari Vajpayee) भी सांसद रह चुके हैं. सुषमा स्वराज (Sushma Swaraj) यहां से लगातार 2009 और 2014 का लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections) जीत चुकीं हैं. यह बीजेपी की सबसे सुरक्षित सीट मानी जाती है. लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections 2019) नहीं लड़ने का फैसला ले चुकीं सुषमा स्वराज के बाद देखना यह होगा कि 2019 के आम चुनाव में (General Election 2019) यहां से बीजेपी किसको मैदान में उतारेगी.
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अगर बात करें विदिशा की तो यह मध्य प्रदेश के प्रमुख शहरों में से एक है. यह शहर पहले दो नदियों के संगम पर बसा हुआ था, जो कालांतर में दक्षिण की ओर बढ़ता गया. इन प्राचीन नदियों में एक छोटी-सी नदी का नाम वैस है. इसे विदिशा नदी के रूप में भी जाना जाता है.
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2011 की जनगणना के मुताबिक विदिशा की जनसंख्या 2489435 है. यहां की 81.39 फीसदी आबादी ग्रामीण और 18.61 फीसदी आबादी शहरी क्षेत्र में रहती है. विदिशा में 18.68 फीसदी लोग अनुसूचित जाति के हैं और 5.84 अनुसूचित जनजाति के हैं. चुनाव आयोग के आंकड़े के मुताबिक 2014 में यहां पर कुल 16,34,370 मतदाता थे. इनमें से 7,61,960 महिला मतदाता और 8,72,410 पुरुष मतदाता थे.
राजनीतिक पृष्ठभूमि
- विदिशा में पहला चुनाव 1967 में हुआ. पहले चुनाव में भारतीय जनसंघ के एस.शर्मा ने जीत हासिल की थी. अगले चुनाव में भारतीय जनसंघ के टिकट पर इंडियन एक्सप्रेस ग्रुप के संस्थापक रामनाथ गोयनका सांसद बने.
- कांग्रेस इस सीट पर पहली बार 1980 में जीती. कांग्रेस के भानु प्रताप कृष्ण गोपाल ने बीजेपी के राघवजी को हराया था. 1984 में भी भानुप्रताप ने राघवजी को हराया. अगले चुनाव में राघवजी ने भानुप्रताप को 1 लाख से ज्यादा वोटों से हराया.
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- साल 1991 में पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी यहां से मैदान में उतरे और कांग्रेस के भानुप्रताप शर्मा को 1 लाख से ज्यादा वोटों से मात देकर यहां के सांसद बने.
- बीजेपी ने इसके अगले चुनाव में शिवराज सिंह चौहान को यहां से टिकट दिया. 1996,1998 और 2004 में शिवराज ने लगातार विदिशा सीट पर जीत हासिल की और हर बार उन्होंने कांग्रेस के अलग-अलग उम्मीदवार को पटखनी दी.
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- 2009 में बीजेपी ने यहां से दिग्गज नेता सुषमा स्वराज को मैदान में उतारा. विदिशा की जनता ने सुषमा स्वराज को 3.50 लाख से ज्यादा वोटों से जीताकर अपना सांसद बनाया. 2014 में सुषमा स्वराज की पकड़ और मजबूत हुई और 4 लाख वोटों से जीत मिली.
- विदिशा लोकसभा सीट के अंतर्गत विधानसभा की 8 सीटें आती हैं. भोजपुर, विदिशा, इच्छावर, सांची,बासौदा, खाटेगांव, सिलवनी, बुधनी यहां की सीटें हैं. इन 8 सीटों में से 6 पर बीजेपी और 2 पर कांग्रेस का कब्जा है.
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