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अरविंद केजरीवाल का पीएम मोदी पर आरोप, कहा- नोटबंदी बड़ा घोटाला

केजरीवाल ने जयपुर में एक रैली के दौरान कहा, "इस कारण देश के ईमानदार लोग डेढ़ महीने से कतारों में खड़े हैं। कभी पैसा मिलता है, कभी मायूस होकर घर लौटना पड़ता है।

Updated on: 23 Dec 2016, 11:34 PM

जयपुर:

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शुक्रवार को नोटबंदी को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आलोचना करते हुए इसे 'बड़ा घोटाला' करार दिया। केजरीवाल ने जयपुर में एक रैली के दौरान कहा, "इस कारण देश के ईमानदार लोग डेढ़ महीने से कतारों में खड़े हैं। कभी पैसा मिलता है, कभी मायूस होकर घर लौटना पड़ता है। अपना पैसा कैसे निकलेगा, इसको लेकर लोग चिंतित हैं। उनका रोजमर्रा का काम प्रभावित हो रहा है। उनके मौलिक अधिकारों का हनन हो रहा है, लेकिन वे बेबसी झेलने को विवश हैं।"

उन्होंने कहा, "व्यापार, उद्योग तथा आम आदमी बुरी तरफ प्रभावित है, किसान गंभीर समस्या से गुज़र रहे हैं, मंडियां सुनसान हैं और देश की अर्थव्यवस्था बुरी तरह प्रभावित हुई है।"

केजरीवाल ने कहा, "अगर सचमुच यह भ्रष्टाचार के खिलाफ अभियान है, तो मैं मोदी जी का समर्थन करने वाला पहला व्यक्ति होऊंगा। लेकिन जो कहा जा रहा है, उसमें रत्तीभर सच्चाई नहीं है। यह तो आठ हजार करोड़ का घोटाला है, जिस पर पर्दा डालने के लिए इतनी बड़ी साजिश रची गई, वह भी प्रधानमंत्री के स्तर पर। यह देश का दुर्भाग्य है।"

उन्होंने कहा, "मैं यहां कोई राजनीतिक कारण से नहीं आया हूं। अगर मेरी दिलचस्पी केवल राजनीति में होती, तो यहां आने के बजाय पंजाब या गोवा जाता।"

मुख्यमंत्री ने कहा, "लोगों को जागरूक करने के लिए मैं पूरे देश का दौरा कर रहा हूं तथा नोटबंदी की सच्चाई से उन्हें अवगत कराऊंगा। और केवल इसी वजह से मैं जयपुर आया हूं।"

उन्होंने मांग की कि सभी राजनीतिक पार्टियों के खातों तथा बीते पांच वर्षो के दौरान हुए सभी लेनदेन का ऑडिट कराया जाए।

उन्होंने आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को 70 फीसदी दान कैश के रूप में मिलता है, जबकि कांग्रेस के लिए यह आंकड़ा 80 फीसदी है, वहीं आप को आठ फीसदी दान कैश के रूप में मिलता है।

केजरीवाल ने कहा, "आम आदमी ठगा सा महसूस कर रहा है, क्योंकि बड़ी मछलियों ने पहले ही अपने नोट बदल लिए, ठिकाने लगा लिए। किसी ने सोना खरीदा, तो किसी ने जमीन ले ली। मर तो रहा है बेगुनाह आम आदमी।"

आपको बता दें कि 8 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 500 रुपये और 1000 रुपये के तत्कालीन नोटों को बंद करने की घोषणा की थी। जिसके बाद संसद में विपक्ष ने मोदी सरकार को घेरा था।