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चीन को जवाब देने के लिए भारत अरुणाचल प्रदेश को रेल नेटवर्क से जोड़ेगा

चीन से लगी अरुणाचल प्रदेश की सीमा और सीमा पार हो रही गतिविधियों को ध्यान में रखते हुए भारत ने इस ओर अब ध्यान देने का मन बना लिया है। भारत अब सीमा सुरक्षा के लिए एक विशेष कदम उठाने जा रहा है।

Updated on: 05 Feb 2017, 07:33 PM

नई दिल्ली:

चीन से लगी अरुणाचल प्रदेश की सीमा और सीमा पार हो रही गतिविधियों को ध्यान में रखते हुए भारत ने इस ओर अब ध्यान देने का मन बना लिया है। भारत अब सीमा सुरक्षा के लिए एक विशेष कदम उठाने जा रहा है। लोगों की सहुलियत को देखते हुए भारत अब रेल नेटवर्क बिछाने पर काम कर रहा है। इसके लिए सरकार ने तवांग तक रेल नेटवर्क तैयार करने का ब्‍लू प्रिंट तैयार किया है।

इसके मद्देनज़र सर्वे का काम भी जल्‍द ही शुरू कर दिया जाएगा। शुरुआती चरण में यहां पर तीन ट्रैक तैयार करने की योजना है। रेल मंत्रालय के मुताबिक इस बड़े और अहम प्रोजेक्‍ट पर करीब 50 से 70 हजार करोड़ रुपये तक की लागत अनुमानित लागत आएगी।

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केंद्रीय रेल राज्य मंत्री राजन गोहेन ने इस मामले को लेकर बताया कि रक्षा मंत्रालय के साथ मिलकर हम सीमा तक रेल नेटवर्क के विस्तार की तैयार कर रहे हैं। नॉर्थ ईस्ट फ्रंटियर रेलवे के जनरल मैनेजर  एचके जग्गी ने कहा कि ट्रैक की ऊंचाई 500 से 9000 फीट तक की होगी।

रेलवे इस परियोजना के जरिए पूरे अरुणाचल प्रदेश को ही रेल नेटवर्क से जोड़ने की तैयारी में है। 1 फरवरी को पेश किए गए आम बजट में भी अरुण जेटली ने इसका ज़िक्र किया था। अब  डूमडूमा से सिमालगुड़ी, नामसाइ औक चौउखाम होते हुए वाकरो (96 किमी), डांगरी से रोइंग (60 किमी), लेखापानी से नामपोंग (75 किमी) लाइनों का सर्वे किया जाएगा।

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