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सायरस मिस्त्री का पलटवार, कहा अगस्ता डील में टाटा संस के डायरेक्टर विजय सिंह की अहम भूमिका थी

टाटा संस के आरोपों के बाद मिस्त्री ने पलटवार करते हुए कहा कि टाटा संस के डायरेक्टर विजय सिंह उन्हें हटाने के लिए रतन टाटा की साजिश की योजना को आगे बढ़ा रहे हैं ताकि वह अपनी कुर्सी बचा सकें।

Updated on: 11 Dec 2016, 10:35 PM

highlights

  • टाटा संस के कई गंभीर आरोपोंं के बाद पूर्व चेयरमैन साइरस मिस्त्री ने पलटवार किया है
  • सायरस मिस्त्री ने कहा कि अगस्टा वेस्टलैंड मामले में विजय सिंह की अहम भूमिका थी

New Delhi:

टाटा संस के कई गंभीर आरोपोंं के बाद पूर्व चेयरमैन साइरस मिस्त्री ने पलटवार किया है। टाटा संस के आरोपों के बाद मिस्त्री ने पलटवार करते हुए कहा कि टाटा संस के डायरेक्टर विजय सिंह कंपनी के चेयरमैन पद से उन्हें हटाए जाने लिए रतन टाटा की साजिश में अपनी भूमिका को सही साबित करने के लिए हर कोशिश कर रहे हैं। 

साइरस मिस्त्री ने कहा कि टाटा संस के डायरेक्टर विजय सिंह ने अगस्ता वेस्टलैंड घोटाले में अहम भूमिका निभाई। सिंह पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा, 'अगस्टा वेस्टलैंड मामले में विजय सिंह की अहम भूमिका थी।' मिस्त्री ने कहा कि विजय सिंह का सांसद, मुख्य सचिव और रक्षा सचिव के तौर पर कोई योगदान नहीं है।

मिस्त्री के ऑफिस से जारी बयान में कहा गया है, 'बतौर रक्षा सचिव विजय सिंह अगस्ता वेस्टलैंड डील में अहम अधिकारी थे जिसके तहत सरकार ने अगस्टा वेस्टलैंड को 2010 में 3600 करोड़ रुपये का कॉन्ट्रै्क्ट दिया था।'

मिस्त्री के आरोपों के बाद विजय सिंह ने बयान दिया है। सिंह ने कहा, 'अगस्टा वेस्टलैंड डील को मेरे रिटायरमेंट के बाद कैबिनेट ने मंजूरी दी। मुझे इस मामले से जोड़ना दुर्भावनापूर्ण और झूठा है।'

विजय सिंह टाटा संस की उस नामांकन और पारिश्रमिक समिति के सदस्य थे, जिसने 28 जून, 2016 को मिस्त्री के प्रदर्शन की समीक्षा की थी। इसके बाद मिस्त्री को टाटा संस से बाहर कर दिया गया था।

अगस्ता वेस्टलैंड मामले में सीबीआई ने शनिवार को पूर्व वायुसेना प्रमुख एसपी त्यागी और उनके भाई संजीव त्यागी और वकील गौतम खेतान को गिरफ्तार किया था। अदालत ने इन तीनों को चार दिनों की रिमांड पर जेल भेज दिया है।

इससे पहले टाटा संस ने बयान जारी कर मिस्त्री पर गंभीर आरोप लगाए थे। रविवार को जारी बयान में टाटा संस ने कहा कि 3-4 सालों के कार्यकाल के दौरान मिस्त्री का पूरा ध्यान सत्ता हथियाने पर ही रहा।

टाटा संस ने कहा कि साइरस मिस्त्री ने रतन टाटा का उत्तराधिकारी चुनने के लिए 2011 में बनाई गई सेलेक्शन कमिटी को गुमराह किया। मिस्त्री ने टाटा ग्रुप के लिए योजनाओं को लेकर बड़े-बड़े बयान दिए लेकिन उन्होंने योजनाओं को आगे बढ़ाने की दिशा में कुछ नहीं किया।

मिस्त्री ने वादे के मुताबिक खुद को अपने परिवारिक उपक्रम शापूरजी पालोनजी ऐंड कंपनी से अलग नहीं किया। मिस्त्री के कार्यकाल में ग्रुप कंपनियों (टीसीएस को छोड़कर) की आय लगातार कम हुई और स्टाफ पर खर्चा दोगुने से भी ज्यादा हो गया।