क्यों हुआ सर्जिकल स्ट्राइक? जानिये साल 2016 की बड़ी आतंकी घटनायें
भारतीय सेना ने पीओके में 3 किलोमीटर अंदर घुसकर सर्जिकल स्ट्राइक को अंजाम दिया।
नई दिल्ली:
17 सितम्बर को श्रीनगर से 100 किलोमीटर दूर जम्मू-कश्मीर के उरी में सेना ब्रिगेड के हेडक्वार्टर पर आतंकवादियों ने हमला किया। हमले में 19 सैनिकों की मौत हो गई, जबकि 17 सैनिक घायल हुए। हमला सुबह 5:30 बजे हुआ, जब सभी सैनिक सो रहे थे।
निहत्थे सैनिकों पर हुए इस हमले से देश गुस्से में था और सरकार पर दबाव बन रहा था कि वो जबावी कार्रवाई करे। साथ ही भारत को ऐसी जानकारी मिली थी कि सीमा पार से बड़ा आतंकी हमला हो सकता है, जिसे रोकने के लिए सर्जिकल स्ट्राइक किया गया।
उरी हमले के 11 दिन बाद भारतीय सेना ने पीओके में 3 किलोमीटर अंदर घुसकर सर्जिकल स्ट्राइक को अंजाम दिया।
28 और 29 सितम्बर की रात भारतीय कमांडो ने सीमा पार कर पीओके में घुसकर आतंकियों को ढेर किया और उनके लॉन्चिग पैड को बर्बाद कर दिया। इस ऑपरेशन में अच्छी बात ये रही कि हमारे सभी सैनिक अपनी सैन्य कार्रवाई को सफलतापूर्वक अंजाम देकर सुरक्षित अपनी सीमा में लौट आए।
क्या है सर्जिकल स्ट्राइक?
सर्जिकल स्ट्राइक एक तरह का मिलिट्री ऑपरेशन होता है जिसे दुनिया भर की सेनाएं करती हैं। ऐसे हमले बड़े पैमाने पर नुकसान पहुंचाने के लिए नहीं बल्कि सीमित दायरे में मौजूद दुश्मन को मार गिराने के लिए किए जाते हैं। सर्जिकल स्ट्राइक में आतंकी ठिकानों को नष्ट करके जल्दी से वापिस अपनी जमीन पर लौटना होता है। इस तरह के ऑपरेशन में सेना को कम नुकसान होने का ख़तरा रहता है।
इसे इस तरह से भी समझा जा सकता है जैसे अमेरिका ने पाकिस्तान के ऐबटाबाद में घुसकर अल-क़ायदा प्रमुख ओसामा बिन लादेन को मार गिराया और तुरंत ही वापिस लौट गए।
इससे पहले भी साल 2015 में भारत ने म्यांमार में सर्जिकल स्ट्राइक की थी। उस दौरान भारत के 70 कमांडोज़ ने तकरीबन 40 नागा आतंकियों को मार गिराया था।
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सर्जिकल स्ट्राइक की ज़रूरत क्यों पड़ी ?
17 सितम्बर को श्रीनगर से 100 किलोमीटर दूर जम्मू कश्मीर के उरी में सेना ब्रिगेड के हेडक्वार्टर पर आतंकवादी हमला हुआ। इस हमले में 19 जवान शहीद हो गए, जबकि 17 जवान गंभीर रूप से घायल थे।
हालांकि जवाबी हमले में भारतीय सेना ने सभी चार आतंकियों को मार गिराया। डीजीएमओ ले. जनरल रणबीर सिंह के अनुसार मारे गए सभी आतंकी जैश-ए-मोहम्मद के थे। जिसके बाद गृहमंत्री ने अपने आवास पर आपात बैठक बुलाई। जिसमें राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, खुफिया एजेंसियों के प्रमुख, केंद्रीय गृह सचिव सहित सेना के शीर्ष अधिकारी, अर्धसैनिक बल और गृह मंत्रालय के अधिकारी शामिल हुए।
जानकारों के मुताबिक उरी हमलों के बाद से ही केन्द्र सरकार जवाबी कार्रवाई के मूड में थी। चूंकि, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी कई बार सार्वजनिक मंच से जवाबी कार्रवाई की बात कह चुके थे, इसलिये विपक्ष भी बार-बार केन्द्र पर करनी और कथनी में फ़र्क का आरोप लगाते हुए निशाना साध रही थी।
आपको बता दें कि साल 2016 में हुए ज्यादातर हमले सुरक्षा बलों पर किए गए थे।
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उरी हमले से पहले की बड़ी आतंकी घटनायें
1. जुलाई-2016 में सीमावर्ती ज़िले कुपवाड़ा में नियंत्रण रेखा के पास आतंकियों ने घुसपैठ की कोशिश की थी, लेकिन सुरक्षाबलों ने उस कोशिश को नाकाम कर दिया। हालांकि इस गोलीबारी के दौरान एक भारतीय सैनिक भी शहीद हो गया। सेना ने बताया कि नियंत्रण पर दोनों तरफ से फ़ायरिंग हुई। जिसका भारतीय सेना ने डटकर मुक़ाबला किया। जिसके बाद आतंकवादी वहां से भाग गए।
2. जून-2016 में कश्मीर के पुलवामा में अर्धसैनिक बल सीआरपीएफ पर आतंकवादियों ने हमला कर दिया था। इस हमले में आठ जवान शहीद हो गये, जबकि 28 सैनिक घायल हुए थे। हमले के वक़्त सीआरपीएफ जवानों की बस दक्षिण कश्मीर जा रही थी। इस हमले की ज़िम्मेदारी आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा ने ली।
3. जून-2016 में ही दक्षिण कश्मीर के बिजबेहड़ा में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ़) के काफिले पर हुए आतंकी हमले में तीन जवान शहीद हुए। इस हमले की ज़िम्मेदारी आतंकवादी संगठन हिज़बुल मुजाहिद्दीन ने ली थी।
4. मई-2016 में श्रीनगर में कथित आतंकवादियों ने दो अलग-अलग जगहों पर पुलिस बल को निशाना बनाया। पुलिस के मुताबिक, इन दोनों घटनाओं में तीन पुलिसकर्मी शहीद हुए, जबकि आतंकवादी मौके से फरार होने में कामयाब रहे।
5. साल के शुरूआत में ही 2-जनवरी को आतंकवादियों ने पंजाब के पठानकोट एयरबेस पर भी हमला किया। इसमें सात सुरक्षाकर्मी शहीद हुए थे, जबकि 20 अन्य घायल हुए थे।
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सर्जिकल स्ट्राइक के बाद के हमले
1. 3 अक्टूबर की रात बारामूला में सेना के 46 राष्ट्रीय राइफ़ल्स के कैंप के पास आतंकियों ने हमला किया। हमले में अर्ध सैनिक बल का एक जवान शहीद हो गया जबकि 2 जवान घायल हो गए ।
2. नवम्बर-2016 में जम्मू के पास नगरोटा में आर्मी यूनिट पर आतंकी हमला हुआ। इस हमले में सेना के दो अधिकारी समेत 7 जवान शहीद हुए। जबावी कार्रवाई के दौरान सेना ने तीनों आतंकियों को मार गिराया।
3. जम्मू-कश्मीर की राजधानी श्रीनगर के पंपोर में एक सरकारी इमारत के अन्दर आतंकवादियों ने हमला कर दिया, जिसमें एक जवान घायल हो गया। इमारत में तीन आतंकियों की होने की सूचना मिली थी, जिसे जवाबी कार्रवाई के दौरान मौत के घाट उतार दिया गया।
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