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नेशनल रेस्तरां एसोसिएशन ऑफ इंडिया का बयान 'नहीं चुकाना है सर्विस चार्ज तो न खाएं खाना'

नेशनल रेस्तरां एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने दिया जवाब, कहा नहीं देना सर्विस चार्ज तो न खाएं रेस्तरां में खाना

Updated on: 03 Jan 2017, 01:55 PM

नई दिल्ली:

नेशनल रेस्टोरेंट एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने केंद्रीय उपभोक्ता मंत्रालय के स्पष्टीकरण पर जवाब दिया है। एसोसिएशन ने कहा है कि अगर ग्राहक सर्विस चार्ज नहीं देना है तो वो रेस्तरां में खाना भी न खाएं। एसोसिएशन ने कहा कि ग्राहकों से वसूला जाने वाला सर्विस चार्ज पूरी तरह से उपभोक्ता कानून के दायरे में है।

एसोसिएशन के मुताबिक उपभोक्ता कानून के तहत रेस्तरां ग्राहकों पर गलत सर्विस चार्ज नहीं लगा सकते और न ही उसे जबरन वसूल कर सकते हैं इसीलिए आमतौर पर जो सर्विस चार्ज लगाया जाता है, वह मेन्यू कार्ड में साफ तौर पर लिखा होता है। रेस्ट्रॉन्ट एसोसिएशन ने उपभोक्ता मंत्रालय ने उस निर्देश पर यह जवाब दिया है जिसमें मंत्रालय ने कहा था कि, कोई भी कंपनी, होटल या रेस्ट्रॉन्ट ग्राहकों से जबर्दस्ती सर्विस चार्ज नहीं वसूल कर सकते।

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ध्यान देने वाली बात यह है कि यह प्रावधान पहले से ही था कि बिल में टैक्स के अलावा सर्विस चार्ज जुटा तो ग्राहक चाहें तो सर्विस चार्ज दें या नहीं, लेकिन होटलों और रेस्तारांओं ने सर्विस चार्ज देना भी जरूरी बना दिया था। मंत्रालय को जब उपभोक्ता की मर्जी के बिना सर्विस टैक्स वसूले जाने की शिकायतें मिलीं तो उसने स्पष्टीकरण जारी किया।

स्पष्टीकरण में कहा गया था कि बिल में टैक्सेज जोड़ने के बाद सर्विस चार्ज लगाया गया हो तो उसे चुकाना वैकल्पिक होगा। मतलब यह कि अगर उपभोक्ता को लगे कि उसे मिली सेवा से वह पूर्णतः संतुष्ट है तो ही वह सर्विस चार्ज दे, वरना वह सर्विस चार्ज के रूप में एक रुपया भी नहीं देगा।