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कश्मीर में सुरक्षा व्यवस्था चाकचौबंद, अलगाववादियों के विरोध मार्च के चलते चुस्त प्रशासन

अलगाववादियों की ओर से विरोध मार्च के आह्वान के मद्देनज़र कश्मीर घाटी में बुधवार को कड़ी सुरक्षाबलों की तैनाती की गई हैं।

Updated on: 15 Feb 2017, 02:02 PM

नई दिल्ली:

अलगाववादियों की ओर से विरोध मार्च के आह्वान के मद्देनज़र कश्मीर घाटी में बुधवार को कड़ी सुरक्षाबलों की तैनाती की गई हैं। गौरतलब है कि अलगाववादियों ने कुलगाम जिले तक के लिए मार्च का आह्वान किया था।

इस बीच सोमवार को सुरक्षा बलों के साथ हुई मुठभेड़ में चार आतंकवादी भी मारे गए थे। वहीं, दो नागरिकों की भी जान गई थी, इसके अलावा सेना के भी दो जवान शहीद हो गए थे। इस बीच पुलिस का कहना है कि यहां कोई प्रतिबंध नहीं लगाया गया है।

एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि, 'हमने यहां और दक्षिण कश्मीर के क्षेत्रों में कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए पर्याप्त संख्या में सुरक्षाबलों की तैनाती की है।' घाटी में सोमवार के बाद से तीन अलग-अलग मुठभेड़ों में 9 आतंकवादी मारे गए हैं, जबकि 6 जवान शहीद हो गए और 2 नागरिकों की भी जान गई हैं।

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जम्मू एवं कश्मीर पुलिस प्रमुख एस.पी.वैद ने कहा कि, 'सुरक्षाबल सभी तरह की चुनौतियों से निपटने के लिए पूरी तरह से चौकस हैं। 2016 में यहां पैदा हुए अशांति के हालात को दोहराने के प्रयास को विफल कर दिया जाएगा।'

हालांकि घाटी में सार्वजनिक एवं निजी परिवहन के साधन, दुकानें और अन्य कारोबारी गतिविधियां सामान्य रूप से चल रही है। लेकिन अलगाववादियों द्वारा बुलाए गए विरोध मार्च से उपजे तनाव की वजह से दक्षिण कश्मीर के कुलगाम, अनंतनाग और शोपियां जिलों में जनजीवन पर प्रतिकूल असर पड़ा है।

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