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नीतीश के भोज में बीजेपी को मिले न्यौते से महागठबंधन में उठापटक

मकर संक्रांति के मौके पर जनता दल यूनाइटेड (जेडी-यू) की तरफ से दिए गए भोज को लेकर बिहार में सियासी उठा-पटक शुरू हो गई है। जेडीयू ने इस भोज के लिए बीजेपी को आमंत्रित किया जिसके बाद महागठबंधन में तकरार शुरू हो गई।

Updated on: 14 Jan 2017, 07:53 PM

highlights

  • मकर संक्रांति के मौके पर नीतीश ने दिया बीजेपी को भोज का आमंत्रण, कांग्रेस ने जताई नाराजगी
  • जेडी-यू के निमंत्रण पर बोले बीजेपी नेता सुशील कुमार मोदी, नीतीश से दिल का रिश्ता

New Delhi:

मकर संक्रांति के मौके पर जनता दल यूनाइटेड (जेडी-यू) की तरफ से दिए गए भोज को लेकर बिहार में सियासी उठा-पटक शुरू हो गई है। जेडीयू ने इस भोज के लिए बीजेपी को आमंत्रित किया जिसके बाद महागठबंधन में तकरार शुरू हो गई।

जेडीयू की तरफ से भोज का न्योता मिलने के बाद बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री और विपक्ष के नेता सुशील कुमार मोदी ने कहा कि उनका नीतीश कुमार के साथ दिल का रिश्ता है। मोदी का यह बयान बिहार में बीजेपी और जेडीयू के बीच बढ़ती नजदीकियों की अटकलों को पुख्ता कर गया।

नीतीश कुमार के न्यौता और फिर मोदी की तरफ से दोस्ताना बयानबाजी कांग्रेस को रास नहीं आई। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अशोक चौधरी ने कहा कि पिछले दो सालों से मकर संक्रांति के भोज में बीजेपी को निमंत्रण नहीं भेजा जा रहा था लेकिन अब ऐसी क्या बात हो गई कि उन्हें इस बार न्योता भेज दिया गया। उन्होंने कहा, 'इस बार में जेडीयू ही बता पाएगी।'

चौधरी ने हालांकि कहा कि बिहार में महागठबंधन की सरकरा में कोई दिक्तत नहीं है। वहीं सुशील कुमार मोदी ने जेडीयू की तरफ से मिले निमंत्रण के बाद भोज में जाने की पुष्टि करते हुए महागठबंधन की सहयोगी आरजेडी पर निशाना साधने से नहीं चूके।

मोदी ने कहा कि राष्ट्रीय जनता दल के लोग कह रहे हैं कि लालू पर अंकुश लगाने के लिए नीतीश ऐसा कर रहे हैं लेकिन 'मुझे नहीं लगता कि भोज-भात को लेकर किसी तरह की राजनीति करनी चाहिए।'

हाल ही में पटना में प्रकाश पर्व के दौरान पीएम मोदी और नीतीश कुमार खुलकर बात करते नजर आए थे। मोदी ने इस दौरान शराबबंदी को लेकर नीतीश कुमार की तारीफ की। इससे पहले नीतीश कुमार भी नोटबंदी को लेकर पीएम की तारीफ कर चुके हैं। जबकि महागठबंधन में शामिल कांग्रेस और आरजेडी लगातार नोटबंदी का विरोध करती रही हैं।

नीतीश कुमार ने नोटबंदी के विरोध को लेकर भी खुद को कांग्रेस और जेडीयू से अलग कर लिया था। नीतीश ने कहा था कि बिहार का महागठबंधन केवल बिहार की राजनीति के लिए है और इसका राष्ट्रीय राजनीति के मुद्दों से कोई लेना-देना नहीं है।