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नक़द पैसों से खरीददारी पर रोक लगाने के लिए कैश पेमेंट पर सेस लगाने की तैयारी में है सरकार

नोटबंदी के बाद कैशलेस लेन-देन को बढ़ावा देने के लिए सरकार भविष्य में नकदी लेन-देन पर सेस लगाने के बारे में विचार कर रही है।

Updated on: 17 Dec 2016, 10:41 AM

highlights

  • सरकार भविष्य में नकदी लेन-देन पर सेस लगाने के बारे में विचार कर रही है
  • नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने कहा कि कैश ट्रांजैक्शन पर सेस लगाने पर भी विचार कर रही है

New Delhi:

नोटबंदी के बाद कैशलेस लेन-देन को बढ़ावा देने के लिए सरकार भविष्य में नकदी लेन-देन पर सेस यानी कि अतिरिक्त कर लगाने के बारे में विचार कर रही है। नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत के शुक्रवार को कहा कि सरकार डिजिटल ट्रांजैक्शन को बढ़ावा देने के लिए कैश ट्रांजैक्शन पर सेस लगाने पर भी विचार कर रही है।

सरकार ने कैशलेस इकनॉमी को बढ़ावा देने के लिए हाल ही में इनाम तक देने की घोषणा की है। सरकार की लकी ड्रा योजना के तहत डिजिटल ट्राजैक्शंस करने वाले को एक करोड़ रुपये तक का इनाम दिए जाने की योजना है। इसके साथ ही कार्ड से पेट्रोल और डीजल की खरीदारी करने वालों को करीब एक फीसदी तक की छूट दिए जाने के फैसले को लागू भी किया जा चुका है।

डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने के लिए सरकार कई तरह की योजनाओं पर अगले कुछ महीनों में 340 करोड़ रुपये तक खर्च करने जा रही है। उद्योग संगठन फिक्की की सालाना आम बैठक को संबोधित करते हुए कांत ने बताया कि 8 नवंबर को नोटबंदी के ऐलान के बाद सभी तरह के डिजिटल ट्रांजैक्शन में कई गुना इजाफा हुआ है।

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कांत ने कहा कि नोटबंदी के बाद से रुपे से होने वाले ट्रांजैक्शन में 316 फीसदी का इजाफा हुआ है। वहीं ई-वॉलेट्स से 271 फीसदी, यूपीआई से 119 फीसदी, और पॉइंट ऑफ सेल से ट्रांजैक्शन में 95 फीसदी का इजाफा हुआ है। अमिताभ कांत ने कहा 10 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था वाला देश बनने के लिए और 7.5 फीसदी की विकास दर को बरकरार रखने के लिए कैशलेस सिस्टम का होना जरूरी है। 

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