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उत्‍तर प्रदेश के IPS अफसरों के Whatsapp Group में किस मैसेज से मच गया बवाल और DGP को छोड़ना पड़ा ग्रुप

उत्‍तर प्रदेश के आईपीएस अफसरों के बीच व्‍हाट्सअप ग्रुप में विवाद हो गया. माफीनामा और सुलह के बाद मामला सुलझ गया.

Updated on: 05 Jan 2019, 01:57 PM

लखनऊ:

उत्‍तर प्रदेश के आईपीएस अफसरों के बीच व्‍हाट्सअप ग्रुप में विवाद हो गया. माफीनामा और सुलह के बाद मामला सुलझ गया. आईजी रेंज गोरखपुर जय नारायण सिंह ने ग्रुप में एक साल पुराना विडियो डालने के लिए आईजी रेंज लखनऊ सुजीत पांडेय से माफी मांगी. इस पूरे प्रकरण के बाद डीजीपी ओपी सिंह आईपीएस अफसरों के व्‍हाट्सअप ग्रुप से लेफ्ट कर गए. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, आईपीएस अफसर एक दूसरे की कारगुजारियों को अपने अहम को संतुष्ट करने और फायदा पाने के लिए प्रसारित कर रहे थे.

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आईजी रेंज गोरखपुर जय नारायण सिंह ने शुक्रवार सुबह 10:22 बजे आईपीएस व्‍हाट्सअप ग्रुप में माफीनामा डाला. उन्होंने लिखा, 'मैं यह सुजीत से माफी मांगने के लिए लिख रहा हूं, जो वीडियो पोस्ट किया गया, वह बुरे भाव में था. इस वीडियो में तथ्य गलत और तोड़-मरोड़कर पेश किए गए थे और मैं इस बात से खुश हूं कि चैनल के संपादक ने भी ऐसा कहा. मैं एक साल से बहुत गुस्से में था, जिसकी वजह से एक ऐसा व्यक्ति, जो पूरी तरह से ईमानदार और सच्चा दोस्त है, के खिलाफ मुझसे यह गलती हुई. मैं इसके लिए क्षमाप्रार्थी हूं. मुझे माफी मांगने में शर्म नहीं आ रही है.'

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आईजी जय नारायण सिंह के माफी मांगने के बाद ग्रुप से जुड़े कई अफसरों ने उनके सराहना की और लिखा कि यह कहने के लिए बहुत साहस की जरूरत है. 10:59 बजे आईजी जय नारायण सिंह की पोस्ट पर सुजीत पांडेय ने जवाब दिया. उन्होंने लिखा, 'जय! बहुत-बहुत धन्यवाद. यह लिखने के लिए आदमी को ईमानदार होना पड़ता है. हम सभी गुस्से का शिकार होते हैं. मैं यह प्रार्थना करता हूं कि इसको यहीं छोड़ दिया जाए और फिर से वहीं से शुरू करें जहां एक दिन पहले तक परिवार की तरह थे.' ग्रुप मेंबर्स ने दोनों अधिकारियों के कदम को सराहा. आईजी जय नारायण सिंह ने एडीजी सुजीत पांडेय व डीआईजी दीपक कुमार से फोन पर भी बात की.

आपको बता दें कि मामले की शुरुआत प्रमुख सचिव गृह की एक रिपोर्ट को लेकर हुई. रिपोर्ट को एक आईपीएस अफसर ने आईपीएस अफसरों के ग्रुप पर साझा कर दिया था. इसके बाद तमाम अधिकारी इस मामले में राय रखने लगे और एक दूसरे पर टिप्पणी करने लगे. इनमें इन अफसरों ने एक दूसरे की पोल खोलने में कोई कसर नहीं छोड़ी.