अयोध्या विवाद : तारीख पर तारीख, नई बेंच अब 29 जनवरी को बैठेगी, जज यूयू ललित केस से हटे
अयोध्या में राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद सुलझाने की दिशा में आज का दिन ऐतिहासिक हो सकता है.
नई दिल्ली:
अयोध्या में राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद सुलझाने की दिशा में आज का दिन ऐतिहासिक हो सकता है. आज सुप्रीम कोर्ट की 5 जजों की संविधान पीठ तय करेगी कि इस मसले की रोजाना होगी या नहीं. चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाले 5 जजों की संविधान पीठ में उनका अलावा जस्टिस एए बोबडे, जस्टिस एनवी रमण, जस्टिस उदय यू ललित और जस्टिस धनंजय चंद्रचूड़ शामिल हैं. गौरतलब है कि जब 4 जनवरी को अयोध्या मामला सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट में लाया गया था तो चीफ जस्टिस ने इस मामले को संविधान पीठ के पास भेजने का फैसला किया था. इस मामले में दिन भर के अपडेट्स के लिए बनें रहें www.newsnationtv.com के साथ....
सुप्रीम कोर्ट से नई तारीख मिलने के बाद कोर्ट के बाहर हंगामा, सुनवाई में लगातार हो रही देरी से नाराज़ हैं श्रद्धालु, बैनर पोस्टर लेकर नाराजगी व्यक्त कर रहे थे लोग, प्रदर्शन में महिलाएं भी शामिल, पुलिस ने डिटेन किया.
सुप्रीम कोर्ट से नई तारीख मिलने के बाद कोर्ट के बाहर हंगामा, सुनवाई में लगातार हो रही देरी से नाराज़ हैं श्रद्धालु, बैनर पोस्टर लेकर नाराजगी व्यक्त कर रहे थे लोग, प्रदर्शन में महिलाएं भी शामिल, पुलिस में डिटेन किया.
सुप्रीम कोर्ट के बाहर हिंदू धर्मावलंबी एक बार फिर तारीख बढ़ने के विरोध में प्रदर्शन कर रहे हैं. सुनवाई टलने से हिंदू धर्मावलंबी काफी निराश हैं और अपनी नाराजगी का इजहार कर रहे हैं.
#AyodhyaHearing: Supreme Court registry will need to give a report on by when will all documents be translated and the case be ready for hearing. https://t.co/0Ku0MNnwS2
— ANI (@ANI) January 10, 2019
चीफ जस्टिस ने कहा कि 88 गवाहो की गवाहियां हुई हैं, ये गवाहियां तकरीबन 15800 पेज में दर्ज़ है, हाई कोर्ट का फैसला 8533 पेज का है. पारसी, संस्कृत, गुरुमुखी और हिन्दी में ये दस्तावेज है, इनका अनुवाद तो हो चुका है, पर अनुवाद को लेकर विवाद है. सुप्रीम कोर्ट रजिस्ट्री को इस अनुवाद को परखना है.
Supreme Court fixes January 29 as the next date of hearing https://t.co/AIQ6k0g20U
— ANI (@ANI) January 10, 2019
Hearing in #Ayodhya matter adjourned after Justice UU Lalit recused himself from hearing the case. A new bench to be constituted pic.twitter.com/m4AEcHJSTq
— ANI (@ANI) January 10, 2019
#AyodhyaHearing: Justice UU Lalit recuses himself from hearing the case after advocate Rajeev Dhavan pointed out that Justice UU Lalit had appeared for Kalyan Singh in the matter https://t.co/FJpoznSX7Z
— ANI (@ANI) January 10, 2019
दरअसल मुस्लिम पक्षकारो की ओर से पेश वकील राजीव धवन का कहना था कि इस मामले में 1997 में कल्याण सिंह की ओर से बेंच के सदस्य जस्टिस ललित, बतौर वकील पेश हो चुके है, इसी के चलते जस्टिस ललित ने खुद को सुनवाई से अलग किया और अब नई बेंच का गठन करना होगा
नए सिरे से संविधान पीठ का गठन होगा. जस्टिस ललित उस बेंच का सदस्य नही रहेगे. जस्टिस ललित ने सुनवाई से ख़ुद को अलग किया. अगली सुनवाई 29 जनवरी
चीफ जस्टिस जस्टिस ललित को लेकर आदेश पढ़ रहे है, जस्टिस यूयू ललित पीठ में रहना नहीं चाहते
मुस्लिम पक्षकार की ओर से पेश वकील राजीव धवन ने कहा-इस बेंच के एक सदस्य जस्टिस ललित इस मामले में बतौर वकील एक पक्ष की ओर से पेश हो चुके है।
रंजन गोगोई का जवाब- हम आज से सुनवाई नहीं शुरू हो रही है
साल्वे बोले- हमें सुनवाई पर कोई आपत्ति नहीं है.
मुस्लिम पक्ष के वकील जफरयाब जिलानी, राजीव धवन हैं उपस्थित
हिन्दू पक्ष से हरीश साल्वे रंजीत कुमार, वैद्यनाथन अदालत में मौजूद
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