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यूपी के मऊ में नकली नोट के धंधे का पर्दाफाश, पुलिस के हत्थे चढ़ा पूरा गिरोह

पकड़े गए आरोपियों के पास से कुल 15 लाख 18 के नकली नोटों के साथ चोरी की सफेद स्कार्पियो भी बरामद कर लिया गया.

Updated on: 06 Jan 2019, 05:19 PM

नई दिल्ली:

उत्तर प्रदेश के मऊ जनपद में आज पुलिस को उस समय बड़ी सफलता हाथ लग गई जब सर्विलांस की टीम के सूचना पर एसओजी और शहर कोतवाली पुलिस ने रेलवे स्टेशन के पास से सत्ताधारी पार्टी (बीजेपी) का झंडा लगे सफेद स्कार्पियो के साथ नोट बदलने और पैसे दोगुना करने आए 4 लोगों को पकड़ा लिया. पकड़े गए आरोपियों के पास से कुल 15 लाख 18 के नकली नोटों के साथ चोरी की सफेद स्कार्पियो भी बरामद कर लिया गया.

आपको बता दें मऊ में नकली नोट देकर चूरन वाले नोट दिए जाने की कई ऐसी घटनाएं पहले भी हो चुकी थी. ऐसे में इस गिरोह के सदस्यों को पकड़ने के लिए पुलिस अधीक्षक की नेतृत्व में एक अलग से टीम का गठन किया गया जिसका नेतृत्व अपर पुलिस अधीक्षक और क्षेत्राधिकारी मऊ कर रहे थे. कई दिन से सर्विलांस पर संदिग्ध नंबरों की रेकी किए जाने के बाद बीते शाम सर्विलांस टीम को एक संदिग्ध नंबर से असली नोट के बदले नकली नोट दिए जाने के बातचीत सुनाई दी. इसके बाद पुलिस की पूरी टीम सक्रिय हो गई और कॉल किये गए नंबरों को ट्रेस करते हुए उनकी डिटेल निकाली तो पता लगा कि यह एक अंतर प्रांतीय ग्रुप है जो कि बिहार से लगे बलिया गोरखपुर आजमगढ़ मऊ और मिर्जापुर में भी सक्रिय रहा है.

कैसे काम करता था गिरोह

इस गिरोह का मुख्य काम शिकार को अपने जाल में कुछ नकली नोट प्रिंटिंग मशीन से छापे गए दिखा कर उसकी सत्यता की जांच करा लेते थे. फिर उसके बाद डील तय हो जाती थी कि एक लाख असली के बदले दो लाख के नकली नोट आपको दिए जाएंगे और शिकार नकली नोट को असली की तरह देखकर उनके झांसे में आ जाता था फिर होती थी इनके बीच में रस्साकशी की कैसे इस नकली दो लाख को भी बचाया जाए.

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इसके लिए उन्होंने भारतीय बच्चों का बैंक जिसे कि हम आम बोलचाल में "चूरन वाले नोट" कहा जाता है का उपयोग करते थे. यह लोग ऊपर और नीचे प्रिंटिंग मशीन के द्वारा छापे गए दो- दो हजार के नोट और उसके बाद बीच में चूरन वाले नोट लगाकर गड्डी तैयार करते थे उसके बाद शिकार से पहले एक लाख का असली लेकर दो लाख के नकली नोट थमा कर तुरंत फ़ुर्र हो जाते थे.

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हालांकि पुलिस अधीक्षक ने बताया कि इन लोगों का पूर्व में कोई आपराधिक इतिहास या कहीं पर कोई मुकदमा अब तक दर्ज नहीं है. इन अभियुक्तों द्वारा बताया गया है लेकिन यह काफी अरसे से इस कार्य में लिप्त थे और ठगा हुआ व्यक्ति बदनामी के डर से सामने नहीं आ पाता था. अब इनसे पूछताछ की जा रही है शिकायत मिलने पर उचित कार्रवाई भी की
जाएगी.