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Air Fare: हवाई सफर करने वालों के लिए अच्छी खबर, 61% तक कम हुआ किराया

सरकार की सख्ती के बात एयरलाइन्स ने अपने किराये में 14 से लेकर 61 फीसदी तक की कटौती की है. क्योंकि गो फर्स्ट के बंद होने के बाद सभी कंपनियों ने अपने किराये में इजाफा कर दिया था.

Updated on: 09 Jun 2023, 02:06 PM

highlights

  • सरकार की सख्ती के बाद कंपनियों में किराये में की कटौती
  • गो-फर्स्ट बंद होने के बाद एयर कंपनियों ने हवाई किराया कर दिया था दीन गुना 
  • फिलहाल 14 फीसदी से लेकर 61 फीसदी की गई कटौती

नई दिल्ली :

Air Fare Update: विमानन कंपनियों के खिलाफ सरकार एक्शन मोड़ में आ गई है. क्योंकि सभी कंपनियों ने गो-फर्स्ट एयरलाइन बंद होने के बाद किराए में तीन फीसदी तक इजाफा कर दिया था. जिससे यात्रियों की जमकर जेब काटी जा रही थी. सरकार के दखल के बाद अब कंपनियों ने किराए में 14 प्रतिशत से लेकर 61 फीसदी तक दाम घटाएं हैं. यानि कुछ कंपनीज ने तो पहले से भी कुछ दाम कर कर दिये हैं.  किराए में कटौती दिल्ली से चलने वाली फ्लाइट्स में की गई है. 

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मंत्री ने दिया था बयान 
आपको बता दें कि हाल ही में एविएशन मिनिस्टर ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा था कि एयरलाइंस कंपनियों को मनमानी नहीं करनी चाहिए. यात्रियों से उचित किराया ही लेना चाहिए.  सरकार की निगरानी में सभी कंपनियों के बढ़ाए हुए किराये हैं. मंत्री की फटकार के बाद अब सभी एयरलाइन कंपनियों ने किराए में कटौती की है. आपको बता दें कि सरकार ने सभी एयरलाइनों से किराए में बढ़ोतरी को रोकने और उचिर हवाई किराए के लिए नया मैकेनिज्म तैयार करने को कहा है. जिसके बाद कंपनियों ने किराये में कटौती की है... 

तीन गुना तक बढ़ गया था किराया
 दरअसल, 3 मई को गो फर्स्ट फ्लाइट्स कैंसिल कर दी गई थी. दिवालिया होने के बाद गो फर्स्ट ने अपनी सभी फ्लाइट्स को रोक दिया था. जिसके बाद अन्य कंपनीज ने अपने-अपने किराये में 2 से 3 फीसदी तक इजाफा कर लिया. जिसका सीधा असर यात्रियों की जेबों पर पड़ने लगा. कुछ लोगों ने तो फ्लाइट्स से जाने की एवज में ट्रेन से जाना शुरू कर दिया. जिसके बाद सरकार एक्शन में आई और एयरलाइनों को हिदायत दी कि उचित किराया नहीं वसूला तो कार्रवाई की जाएगी. जिसके बाद सभी एयरलाइन्स ने अपने-अपने किराए में कटौती की है. 

सरकार नहीं करती रेग्युलेट
सिबिल एविएशन मिनिस्टर ज्योतिरादित्य सिंधिया इससे पहले भी एक बार कह चुके हैं कि भारत में हवाई किराए सरकार की ओर से न तो स्थापित किए जाते हैं और न ही रेग्युलेट किए जाते हैं. ये जिम्मेदारी एयरलाइनों की होती है. वे बाजार के हिसाब में  उसमें इजाफा कर सकते हैं. जैसे-जैसे सीटों की मांग बढ़ती है तो कम किराये वाली सीटों के दाम भी बढ़ जाते हैं. फिलहाल किराए में 61 फीसदी तक की कटौती करने की खबर है..