हरीश रावत बोले- नेपाल बॉर्डर पर बना रहा चौकियां, उत्तराखंड सरकार गंभीरता से सोचे, CM ने दिया यह जवाब
बता दें कि पहले जहां नेपाली संसद द्वारा विवादित नक्शे को पास कराया गया, वहीं अब धारचूला से लगे हुए सीमांत क्षेत्रों की ओर नेपाल अपने बॉर्डर पर अपनी बॉर्डर चौकियां बना रहा है.
देहरादून:
भारत और नेपाल (India-Nepal) के रिश्ते इन दिनों सामान्य नहीं है. पहले जहां नेपाली संसद द्वारा विवादित नक्शे को पास कराया गया, वहीं अब धारचूला से लगे हुए सीमांत क्षेत्रों की ओर नेपाल अपने बॉर्डर पर अपनी बॉर्डर चौकियां बना रहा है. जिस पर उत्तराखंड (Uttarakhand) के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव हरीश रावत (Harish Rawat) का बड़ा बयान सामने आया है.
यह भी पढ़ें: लद्दाख का दौरा कर आज दिल्ली पहुंचेंगे जनरल नरवणे, सरकार को देंगे हालातों की जानकारी
इस मामले पर हरीश रावत ने कहा है कि पाकिस्तान और चीन से हमारे संबंध अच्छे नहीं हैं, क्योंकि वह हमारे साफ तौर पर शुरू से ही दुश्मन रहे हैं. लेकिन नेपाल के साथ हमारे सांस्कृतिक और पौराणिक संबंध हैं. माता जानकी का मायका नेपाल में ही है. नेपाल के साथ हमारे संबंध बहुत घनिष्ठ हैं, लेकिन अगर नेपाल आर्मी के साथ चीन के लोग चीन की आर्मी इस तरह के कार्य कर रही है तो यह कहीं ना कहीं बहुत गंभीर है. क्योंकि जिस तरह की बातें निकल कर आ रही हैं, उस लिहाज से सरकार को इस मामले पर गंभीरता से सोचना चाहिए.
यह भी पढ़ें: आपातकाल के 45 साल: पीएम मोदी ने बलिदान देने वालों को किया याद, कही ये बात
उधर, नेपाल मुद्दे पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का कहना है कि यह कोई बहुत गम भी मामला नहीं है, नेपाल के साथ किसी तरह की कोई दिक्कत नहीं है. नेपाल अपनी जमीन में अपने बॉर्डर पर अगर चौकी बना रहा है तो उस पर किसी तरह का कोई एतराज नहीं होना चाहिए. इसके अलावा मुख्यमंत्री ने कहा कि पिथौरागढ़ विधानसभा की वर्चुअल रैली के दौरान उन्होंने कहा कि पिथौरागढ़ की सीमा नेपाल और चीन से जुड़ी है. इस जनपद का सामरिक दृष्टि से भी बहुत महत्व है. राज्य सरकार के विशेष प्रयासों से चीन सीमा तक लिपूलेख सड़क के निर्माण में तेजी आयी है.
यह भी पढ़ें: गलवान में जहां संतोष बाबू ने उखाड़े थे चीन के तंबू, वहां फिर जुटाए हथियार
मुख्यमंत्री ने कहा कि लिपूलेख के साथ ही लद्दाख सीमा तक सडकों के निर्माण और बॉर्डर क्षेत्रों में हवाई अड्डों के विस्तार से चीन परेशान है. आत्म निर्भर भारत एवं लोकल से वोकल के प्रधानमंत्री के आह्वान से चीन अपने सामान की मार्केटिंग से चिन्तित है.
यह वीडियो देखें:
Don't Miss
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
धर्म-कर्म
-
Maa Laxmi Shubh Sanket: अगर आपको मिलते हैं ये 6 संकेत तो समझें मां लक्ष्मी का होने वाला है आगमन
-
Premanand Ji Maharaj : प्रेमानंद जी महाराज के इन विचारों से जीवन में आएगा बदलाव, मिलेगी कामयाबी
-
Aaj Ka Panchang 29 April 2024: क्या है 29 अप्रैल 2024 का पंचांग, जानें शुभ-अशुभ मुहूर्त और राहु काल का समय
-
Arthik Weekly Rashifal: इस हफ्ते इन राशियों पर मां लक्ष्मी रहेंगी मेहरबान, खूब कमाएंगे पैसा