Ramnagar: G20 के मुख्य विज्ञान सलाहकारों का गोलमेज सम्मेलन, इन मुद्दों पर हुई चर्चा
Chief Science Advisor Round Table conference of G20 in Ramnagar : उत्तराखंड के रामनगर में जी20 से जुड़ी बड़ी बैठक का आयोजन हुआ, जिसमें जी-20 देशों के मुख्य विज्ञान सलाहकारों के गोलमेज सम्मेलन ( Chief Science Advisor Round Table conference of G20 ) आयोजित हुआ. इस बैठक में साइंस और टेक्नोलॉजी से जुड़ी आपसी हितों वालों मुद्दों पर गहरी चर्चा हुई.
highlights
- उत्तराखंड में जी20 से जुड़ी बड़ी बैठक
- जी-20 देशों के मुख्य विज्ञान सलाहकारों की बैठक
- रामनगर में जुटे दुनिया की शीर्ष 20 अर्थव्यवस्थाओं के वैज्ञानिक
रामनगर:
Chief Science Advisor Round Table conference of G20 in Ramnagar : उत्तराखंड के रामनगर में जी20 से जुड़ी बड़ी बैठक का आयोजन हुआ, जिसमें जी-20 देशों के मुख्य विज्ञान सलाहकारों के गोलमेज सम्मेलन ( Chief Science Advisor Round Table conference of G20 ) आयोजित हुआ. इस बैठक में साइंस और टेक्नोलॉजी से जुड़ी आपसी हितों वालों मुद्दों पर गहरी चर्चा हुई. इसे जी-20 सीएसएआर भी कहा जा रहा है. इस तरह की बैठक पहली बार हो रही है, जिसका नेतृत्व भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार का ऑफिस कर रहा है.
चार सत्रों में हुई महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा
जी-20 सीएसएआर ( G-20 CSAR ) में बेहतर रोग नियंत्रण और महामारी की बेहतर तैयारी के लिए 'वन हेल्थ' में अवसर; विशिष्ट वैज्ञानिक ज्ञान तक पहुंच का विस्तार करने के लिए वैश्विक प्रयासों का समन्वय; विज्ञान और प्रौद्योगिकी (एस एंड टी) में विविधता, समानता, समावेश और पहुंच की सुविधा तथा समावेशी, सतत और कार्य-उन्मुख वैश्विक विज्ञान और प्रौद्योगिकी नीति संवाद के लिए एक संस्थागत व्यवस्था पर चर्चा हुई. इसमें "बेहतर रोग नियंत्रण और महामारी की बेहतर तैयारी के लिए 'वन हेल्थ' में अवसर" विषय के तहत, महामारी को ध्यान में रखते हुए सशक्त, अनुकूल और समय पर कार्रवाई के लिए महामारी से जुड़ी तैयारी की योजना; मनुष्यों, पशुधन और वन्य जीवन के लिए एकीकृत रोग निगरानी तंत्र, वन हेल्थ के रोगों के लिए अनुसंधान एवं विकास का रोडमैप तथा विश्लेषण में निवेश (जैसे रोग मॉडलिंग, एआई/एमएल उपकरण) और डेटा मानक आदि पर चर्चा हुई. 'विशिष्ट वैज्ञानिक ज्ञान तक पहुंच का विस्तार करने के वैश्विक प्रयासों का समन्वय' विषय के तहत, निःशुल्क, तत्काल और सार्वभौमिक पहुंच सुविधा; पत्रिकाओं को ग्राहक शुल्क और उनके द्वारा लगाए जाने वाले निबंध प्रसंस्करण शुल्क को कम करना; अंतर्राष्ट्रीय ज्ञान-भण्डार/अभिलेखागार के साथ राष्ट्रीय ज्ञान-भण्डार के लिए परस्पर संचालित लिंक की स्थापना और सार्वजनिक वित्त पोषित वैज्ञानिक अनुसंधान के ज्ञान आउटपुट को व्यापक रूप से उपलब्ध कराने के लिए खुली पहुंच (ओपन एक्सेस) का कार्यादेश आदि पर चर्चा की गयी.
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तीसरे-चौधे सत्र में हुई इन विषयों पर चर्चा
बैठक का तीसरा विषय था- विज्ञान और प्रौद्योगिकी (एस एंड टी) में विविधता, समानता, समावेश और पहुंच की सुविधा. भाग लेने वाले देशों ने बड़े वैज्ञानिक उद्यम तक कम-प्रतिनिधित्व प्राप्त, कम-विशेषाधिकार प्राप्त, वंचित, अल्पसंख्यक समुदायों के साथ-साथ जनजातीय/मूल समुदायों की पहुंच को सुविधाजनक बनाने के अपने प्रयासों को साझा किया. सत्र में, वैज्ञानिक सत्यापन प्रक्रिया के माध्यम से पारंपरिक ज्ञान प्रणाली (टीकेएस) को ज्ञान की औपचारिक प्रणाली में शामिल करना और भाषा विविधता की क्षमता की पहचान करना एवं वैज्ञानिक ज्ञान तक पहुंच में आने वाली बाधाओं को दूर करना आदि पर भी चर्चा की गई. चौथे सत्र में समावेशी, सतत और कार्य-उन्मुख वैश्विक विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी नीति संवाद के लिए एक संस्थागत व्यवस्था की आवश्यकता पर चर्चा हुई. इस बात पर सहमति बनी कि वैज्ञानिक सलाहकार, साक्ष्य-संचालित विज्ञान सलाह प्रदान करके नीतिगत विकल्पों को स्वरूप देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं और सहयोग तथा संवाद की भावना के साथ, यह मुख्य विज्ञान सलाहकारों की जिम्मेदारी है कि वे अंतर्राष्ट्रीय संवाद में सहयोग करें और इसमें शामिल हों, ताकि सम्पूर्ण वैज्ञानिक उद्यम को प्रभावित करने वाले वैश्विक मुद्दों का समाधान किया जा सके एवं विज्ञान और प्रौद्योगिकी सभी को लाभ प्रदान कर सके.
अगस्त 2023 तक जारी रहेगी चर्चा
बैठक में चर्चा किए गए विषयों पर विचार-विमर्श, अगस्त 2023 तक जारी रहेंगे, जब अगली बैठक निर्धारित की जाएगी. अगली बैठक में एक विज्ञान नीति विज्ञप्ति भी जारी की जाएगी. इस बैठक के बाद भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार (पीएसए) प्रोफेसर अजय सूद; प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार (पीएसए) कार्यालय में वैज्ञानिक सचिव डॉ. परविंदर मैनी और जी-20 सचिवालय में अवर सचिव श्री नमन उपाध्याय ने स्थानीय मीडिया के साथ बातचीत की.
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