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UP Paper Leak: योगी का तगड़ा एक्शन, दी बड़ी चेतावनी- जब हम कार्रवाई करते हैं तो...

उत्तर प्रदेश पुलिस सिपाही भर्ती परीक्षा पेपर लीक मामले में सूबे के सीएम ने बड़ा फरमान सुनाया है. योगी आदित्यनाथ ने परीक्षा को फौरन निरस्त करके जांच का आदेश दिया है, जिसके बाद लाखों परीक्षार्थियों ने राहत की सांस ली है.

Updated on: 25 Feb 2024, 04:26 PM

नई दिल्ली :

उत्तर प्रदेश पुलिस सिपाही भर्ती परीक्षा पेपर लीक मामले में सूबे के सीएम ने बड़ा फरमान सुनाया है. योगी आदित्यनाथ ने परीक्षा को फौरन निरस्त करके जांच का आदेश दिया है, जिसके बाद लाखों परीक्षार्थियों ने राहत की सांस ली है. इसके साथ ही सीएम योगी ने इस घटना को राष्ट्रीय पाप करार देते हुए इपर जीरो टॉलरेंस की नीति को अपनाने की बात कही है. इसके साथ ही परीक्षा की शुचिता और युवाओं की मेहनत से खिलवाड़ करने वालों के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई का आश्वासन भी दिया है.

सीएम योगी ने कहा कि, युवाओं के साथ किया गया अन्याय एक राष्ट्रीय पाप है. हमने तय किया है कि हम युवाओं के जीवन और भविष्य के साथ खिलवाड़ करने वालों के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाएंगे और उन तत्वों से सख्ती से निपटेंगे…” सीएम आदित्यनाथ ने कहा, "जब हम कार्रवाई करते हैं, तो हम इसे इस तरह से करते हैं कि यह एक नजीर बन जाती है."

गौरतलब है कि, योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली सरकार ने शनिवार को पुलिस कांस्टेबल भर्ती प्रक्रिया को रद्द कर दिया, जिसके लिए इस महीने की शुरुआत में लगभग 48 लाख लोगों ने परीक्षा दी थी. परीक्षा 17 और 18 फरवरी को प्रति दिन दो पालियों में आयोजित की गई थी.

उत्तर प्रदेश पुलिस सिपाही भर्ती परीक्षा के लिए 60,244 कांस्टेबल पदों के लिए करीब 48 लाख अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था. अधिकारियों से मिली जानकारी के मुताबिक, इस भर्ती परीक्षा के दौरान 'धोखाधड़ी गतिविधियों' के लिए 244 लोगों को गिरफ्तार किया गया था.

ज्ञात हो कि, शनिवार के आदेश में सरकार ने धोखाधड़ी के उदाहरणों का हवाला दिया और छह महीने के भीतर प्रक्रिया दोहराने के निर्देश जारी किए हैं. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने खुद सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में सूचना दी कि, सिविल पुलिस आरक्षी के पदों पर चयन के लिए आयोजित UP Police Constable Recruitment Examination 2023 को रद्द करने और अगले छह महीने के भीतर दोबारा परीक्षा आयोजित करने के आदेश दिए गए हैं. परीक्षाओं की शुचिता से कोई समझौता नहीं किया जा सकता. ऐसे उपद्रवी तत्वों के खिलाफ सख्त कार्रवाई निश्चित है.

मालूम हो कि, यह 2019 के बाद से ऐसी नौकरियों के लिए उत्तर प्रदेश का सबसे बड़ा भर्ती अभियान था. कुल आवेदकों में से 6,00,000 से अधिक उम्मीदवार अन्य राज्यों, जैसे बिहार, हरियाणा, झारखंड, मध्य प्रदेश, दिल्ली, राजस्थान, उत्तराखंड, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र और पंजाब से थे.