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Ram Mandir: सूर्य देवता खुद लगाएंगे माथे पर तिलक, ऐसे होगी रामलला की प्राण प्रतिष्ठा

Ram Lalla Pran Pratishtha: रामलला की मूर्ति पर होगा सूर्य तंत्र तिलक, जानें क्या है यह और किसने किया तैयार

Updated on: 22 Jan 2024, 12:02 PM

New Delhi:

Ram Mandir: अयोध्या दुल्हन की तरह सजकर तैयार है. देश को अपने अराध्य के विराजने का इंतजार है. राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा में बहुत ही कम वक्त बचा है, ऐसे में हर कोई इस ऐतिहासिक और गर्व के पल का प्रतीक्षा कर रहे हैं. आपको बता दें कि रामलला की प्राण प्रतिष्ठा ऐसे ही नहीं हो रही है. इस भव्य उत्सव में खुद देवता भी शिरकत करेंगे. दरअसल रामलला की प्राण प्रतिष्ठा कुछ इस तरह की जाएगी की राम के माथे पर खुद सूर्य देवता तिलक लगाएंगे. आइए जानते हैं क्या है पूरा मामला. 

रामलला की प्राण प्रतिष्ठा में वैज्ञानिक युक्ति भी
राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा वैदिक मंत्रोच्चार के साथ तो हो ही रही है, लेकिन इसके साथ-साथ इसमें वैज्ञानिक युक्ति को भी शामिल किया गया है. यानी इस प्राण प्रतिष्ठा में हर उस बात का ध्यान रखा गया है जो जरूरी है. 

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रामलला की मूर्ति पर सूर्य देवता लगाएंगे तिलक
राम मंदिर में रामलला मूर्ति को कुछ इस तरह रखा गया है कि सूर्य देवता स्वंय आकर प्रभु श्रीराम के माथे पर तिलक लगाएंगे. प्राण प्रतिष्ठा के अलावा ये अवसर हर बार प्रभु श्रीराम के जन्मदिन पर भी देखने को मिलेगा. जी हां रामनवमी पर इस अद्भुत नजारे को पूरी दुनिया देख सकेगी. 

दरअसल राम जन्मोत्सव पर जब सूर्य की रश्मियां तीन तल के राम मंदिर के भूतल पर होंगी उस दौरान स्थापित रामलला की मूर्ति के ललाट पर सूर्य खुद अपनी उपस्थिति दर्ज कराएंगे. ये दृश्य ऐसा होगा मानो सूर्य देवता प्रमु श्रीराम के माथे पर तिलक लगा रहे हैं. या तिलक से उनका अभिषेक कर रहे हैं. 

वैज्ञानिकों ने पूरी की पीएम मोदी की इच्छा
दरअसल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 40 महीने पहले जब राम मंदिर का भूमि पूजन किया गया था. उस दौरान ही ये इच्छा जाहिर की थी कि सूर्यवंशी श्री राम का सूर्याभिषेक हो. इसको लेकर वैज्ञानिकों के एक दल ने इस पर काम करना शुरू किया और पीएम मोदी की इच्छा को पूरा किया. 

वैज्ञानिकों ने कैसे तैयार किया 'सूर्य तंत्र तिलक'
वैज्ञानिकों की एक टीम ने पीएम मोदी की इच्छा एक चुनौती के रूप में लिया. इसके बाद एक खास तरह के शीशे यानी दर्पण और लैंस पर आधारित उपकर भी तैयार किए. इस उपकरण को आधिकारिक तौर पर 'सूर्य तिलक तंत्र' नाम भी दिया गया. इस अद्भुत नजारे को तैयार करने के लिए केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान यानी CBRI रुड़की ने अहम भूमिका निभाई है.