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यूपी के बिजनौर में फर्जी पुलिस कांस्टेबल पकड़ा गया

उत्तर प्रदेश का बिजनौर जिला इन दिनों फर्जी पुलिस के कारण चर्चा में है. पहले नकली दरोगा पकड़ा गया, अब फर्जी पुलिस कांस्टेबल गिरफ्त में आया है. पुलिस अधिकारी ने यह जानकारी दी. ताजा मामला बिजनौर के कोतवाली शहर थाना इलाके का है, जहां पुलिस ने एक और फर्जी पुलिस कांस्टेबल बनकर लोगों को पुलिस का रौब दिखा रहा था. पुलिस की गिरफ्त में आए व्यक्ति का नाम शिवा कुमार बताया जा रहा है, जिसने खुद को पुलिस कांस्टेबल बताकर, रौब दिखाकर लोगों से पैसे ठगने की कोशिश की.

Updated on: 05 Oct 2022, 07:48 PM

बिजनौर:

उत्तर प्रदेश का बिजनौर जिला इन दिनों फर्जी पुलिस के कारण चर्चा में है. पहले नकली दरोगा पकड़ा गया, अब फर्जी पुलिस कांस्टेबल गिरफ्त में आया है. पुलिस अधिकारी ने यह जानकारी दी. ताजा मामला बिजनौर के कोतवाली शहर थाना इलाके का है, जहां पुलिस ने एक और फर्जी पुलिस कांस्टेबल बनकर लोगों को पुलिस का रौब दिखा रहा था. पुलिस की गिरफ्त में आए व्यक्ति का नाम शिवा कुमार बताया जा रहा है, जिसने खुद को पुलिस कांस्टेबल बताकर, रौब दिखाकर लोगों से पैसे ठगने की कोशिश की.

बिजनौर कोतवाली शहर थाना प्रभारी रविंद्र विशिष्ट ने बताया कि मंगलवार को मुखबिर ने सूचना दी की कि शांति विहार कॉलोनी में मंदिर के पास पुलिस की वर्दी पहने एक सिपाही खड़ा है और लोगों को पुलिस का रौब दिखा रहा है. वह देखने में भी नकली पुलिस सिपाही प्रतीत होता है.

एसएचओ ने मीडिया से बात करते हूए कहा कि मुखबिर से सुचना मिलते ही तत्काल पुलिस ने पूरे जगह की घेराबंदी कर आरोपी शिवा को गिरफ्तार कर लिया गया. आगे पुलिस ने कहा कि आरोपी के पास से पुलिस का एक फर्जी पहचानपत्र भी बरामद किया गया है तथा जांच जारी है.

एसएचओ ने कहा, आरोपी ने अपराध को कबूल किया कि उसने फर्जी पहचानपत्र खुद ही तैयार किया और लोगों पर रौब जमाने के लिए वर्दी का इस्तेमाल करता था.

एसएचओ ने कहा कि आरोपी शिवा के खिलाफ आईपीसी की धारा 420 (धोखाधड़ी), 468 (छल के प्रयोजन से कूटरचना), 471(कूटरचित दस्तावेज का असली के रूप में उपयोग) 171 (धोखाधड़ी करने के मकसद से वर्दी पहनना) के तहत मामला दर्ज किया गया है. पुलिस अधिकारी ने कहा कि उसके कुकृत्यों का पता लगाने के लिए मामले में और जांच की जा रही है.

बता दें कि 6 सितंबर को भी बिजनौर कोतवाली शहर थाना पुलिस ने सेंटी नामक एक नकली दरोगा को गिरफ्तार किया था, जो नौकरी का झांसा देकर लोगों को ठगता था.