राम लला के स्वरूप को देखकर हर कोई हो रहा मोहित, सोने और चांदी की छेनी से दिया आकार
Ram Lalla: 5 वर्षीय बाल स्वरूप भगवान श्री राम लला की प्रतिमा अरुण योगीराज ने बनाई है और इस प्रतिमा को बनाने के लिए 9 महीने का वक्त भी लगा है.
नई दिल्ली:
भगवान श्री राम के मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी 2024 की गई. प्रभु श्री राम अपने दिव्य मंदिर में विराजमान भी हो गए हैं. भगवान श्री राम लला जो टेंट से उठ करके अस्थाई मंदिर में और फिर अपने दिव्य मंदिर में विराजमान है उन बाल स्वरूप भगवान श्री राम लला की प्रतिमा के साथ-साथ बाल स्वरूप 5 वर्षीय बालक के रूप में भगवान श्री राम लला की प्रतिमा राम मंदिर में विराजमान की गई है. इसकी प्राण प्रतिष्ठा की गई है और यह प्रतिमा इतनी अद्भुत और अलौकिक है जिसको देख करके राम भक्त भावुक हो रहे हैं. क्योंकि 5 वर्षीय बाल स्वरूप भगवान श्री राम लला की प्रतिमा अरुण योगीराज ने बनाई है और इस प्रतिमा को बनाने के लिए 9 महीने का वक्त भी लगा है.
प्रतिमा बनाने में 9 माह लगा
इस प्रतिमा की सबसे खास बात यह है कि जब आप दर्शन करेंगे तो आपको मुस्कुराते हुए रामलाल दिखाई देंगे और उनके नेत्र इतनी अद्भुत और अलौकिक है जो हर किसी राम भक्तों के मन को मोह ले रही है. अरुण योगीराज के साथ मूर्ति बनाने में विश्व हिंदू परिषद के कई कार्यकर्ता सहयोग करने में लगे हुए थे, जिसमें से एक सुमधुर शास्त्री हैं जो पूरे 9 महीने का वक्त उन्होंने राम लला की प्रतिमा बनाते हुए देखा है. वे कहते हैं कि यह प्रतिमा इतनी अद्भुत और अलौकिक है जो भी राम भक्त दर्शन कर रहा है वह राम लला को देखता ही रह जा रहा है और इस राम लला की जो नेत्र है, उसे बनाने के लिए सोने की छीनी और चांदी की हथौड़ी का प्रयोग किया गया है.
नेत्र अदभुत और अलौकिक
भगवान श्री राम की नेत्र कितने अदभुत और अलौकिक हैंं, जिसकी परिकल्पना भी नहीं की जा सकती है. आप कहीं से भी प्रभु श्री राम का दर्शन करेंगे तो आपको ऐसा एहसास होगा कि प्रभु श्री राम लला आपको ही देख रहे हैं. इतनी अद्भुत और अलौकिक प्रतिमा अरुण योगीराज ने बनाई है. प्रतिमा बनाने के दरमियान कई घटना भी घटी है जिसकी चर्चा करते हुए कहते हैं कि जब प्रभु श्री राम की प्रतिमा बना रहे थे तब हनुमान जी के रूप में वानर राज आते थे और प्रभु श्री राम का दर्शन करके चले जाते थे. यह रोजाना शाम को 5:30 बजे से और 6:00 बजे के बीच आते थे और यह घटना सत्य घटित हुई है क्योंकि जब प्रभु श्री राम की प्राण प्रतिष्ठा की गई उसके दूसरे दिन ही जब राम भक्तों के लिए मंदिर को खोला गया.
हनुमान जी रामलला के गर्भ गृह में आए
उसी दिन प्रभु श्री राम का दर्शन करने के लिए वानर रूप में हनुमान जी रामलला के गर्भ गृह में आए हुए थे और वह लगभग 5 मिनट तक की रामलला की प्रतिमा को देखते रहे और थोड़ी देर बाद ही वह चुपचाप उठ करके राम भक्तों के बीच में से चले गए. यह सत्य घटना घटी है 23 जनवरी 2024 को जिसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती है.
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