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CM योगी के प्रयासों से बुंदेलखंड को मिली संजीवनी, हजारों युवाओं को मिला रोजगार

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रयासों से बुंदेलखंड की तकदीर और तस्वीर बदल रही है. 68 सौ करोड़ से अधिक के निवेश से बंजर बुंदेलखंड अब उद्योग का पॉइंट बन रहा है. बुंदेलखंड में 50 निवेश प्रस्तावों में ढाई सौ करोड़ की लागत से 25 से अधिक इकाइयों ने उत्पादन

Updated on: 15 Jul 2022, 07:13 PM

highlights

  • 68 सौ करोड़ के निवेश से बदल रही बुंदेलखंड की तकदीर
  • 50 निवेश प्रस्तावों में ढाई सौ करोड़ की लागत से 25 से अधिक इकाइयां कर रही उत्पादन
  • बुंदेलखंड की बदहाली दूर करने के लिए एक्सप्रेस वे के निर्माण से लेकर डिफेंस कारिडोर
  • टाइगर रिजर्व, हर घर जल जैसी कई योजनाएं हो रही संचालित

लखनऊ:

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रयासों से बुंदेलखंड की तकदीर और तस्वीर बदल रही है. 68 सौ करोड़ से अधिक के निवेश से बंजर बुंदेलखंड अब उद्योग का पॉइंट बन रहा है. बुंदेलखंड में 50 निवेश प्रस्तावों में ढाई सौ करोड़ की लागत से 25 से अधिक इकाइयों ने उत्पादन भी शुरू कर दिया है. जिसके माध्यम से हजारों युवाओं को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार मिला है. सीएम योगी ने 2017 में प्रदेश की सत्ता संभालने के बाद से बुंदेलखंड के चहुमुंखी विकास के लिए रणनीति बनाकर काम करना शुरू किया था. बुंदेलखंड की बदहाली दूर करने के लिए एक्सप्रेस वे के निर्माण से लेकर निवेशकों को निवेश पर विशेष छूट देना भी शुरू किया था. इसके अलावा इस क्षेत्र में डिफेंस कारिडोर, टाइगर रिजर्व, हर घर जल जैसी कई योजनाएं शुरू की गईं.

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योगी सरकार के प्रयासों से बुंदेलखंड में पिछले पांच सालों में 68 सौ करोड़ रुपए से अधिक के निवेश हुए हैं. इसमें 284 करोड़ रुपए की लागत की 25 कंपनियों ने उत्पादन शुरू भी कर दिया है. इन कंपनियों में हजारों युवाओं को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार भी मिला है. इसके अलावा 29 सौ करोड़ रुपए की शेष परियोजनाओं में भी जल्द कार्य शुरू होने वाला है. बुंदेलखंड के जालौन, झांसी, ललितपुर, बांदा और महोबा में निवेश आए हैं. निवेश प्रस्तावों पर सरकार की ओर से तत्परता से निर्णय लिए जा रहे हैं. 

डिफेंस कारिडोर के छह नोड्स में से झांसी और चित्रकूट बुंदेलखंड में हैं. बाकी नोड कानपुर, लखनऊ, आगरा और अलीगढ़ हैं. पांच नोड में करीब 16 सौ हेक्टेयर भूमि खरीदी भी जा चुकी है. अब तक यूपीडा की ओर से करीब 91 औद्योगिक और संस्थागत एमओयू भी साइन किए गए हैं. जिनके द्वारा 11,256 करोड़ रुपए से अधिक का निवेश प्रस्तावित है. निजी कंपनियों के अलावा एचएएल और बीडीएल जैसे डीपीएसयू ने भी कारिडोर में निवेश की घोषणा की है.