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कर्नाटक के पूर्व डिप्टी सीएम परमेश्वर के ठिकानों पर इनकम टैक्स का छापा, इतने करोड़ रुपये किए जब्त

इनकम टैक्स डिपार्टमेंट (Income Tax Department) ने शुक्रवार को भी कांग्रेस नेता और पूर्व डिप्टी सीएम जी परमेश्वर (G Parameshwara) के ठिकानों पर छापेमारी की है.

Updated on: 11 Oct 2019, 12:13 PM

नई दिल्ली:

इनकम टैक्स डिपार्टमेंट (Income Tax Department) ने शुक्रवार को भी कांग्रेस नेता और पूर्व डिप्टी सीएम जी परमेश्वर (G Parameshwara) के ठिकानों पर छापेमारी की है. इस दौरान टीम ने करीब पांच करोड़ रुपये नकद जब्त किए हैं. इससे पहले गुरुवार को आयकर विभाग के 300 से अधिक अधिकारियों और कर्मचारियों ने कर्नाटक में कांग्रेस के दो बड़े नेताओं पूर्व उपमुख्यमंत्री जी परमेश्वर और पूर्व सांसद आर एल जलप्पा के पुत्र राजेंद्र से जुड़े परिसरों पर छापे मारे थे.

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पूर्व डिप्टी सीएम जी परमेश्वर का परिवार सिद्धार्थ ग्रुप ऑफ इंस्टिट्यूशंस का संचालक है, जिसकी स्थापना उनके पिता एचएम गंगाधरैया ने 58 साल पहले की थी. आयकर विभाग के अफसरों ने जी परमेश्वर से संबंधित कार्यालय, आवास और संस्थानों पर छापा मारने के साथ ही उनके भाई जी शिवप्रसाद और निजी सहायक रमेश के आवास की भी तलाशी ली थी. राजेंद्र दोद्दाबल्लापुरा और कोलार में आर एल जलप्पा इंस्टिट्यूट चलाते हैं.

आयकर विभाग का कहना है कि नीट परीक्षाओं से जुड़े मामले में करोड़ों रुपये की कर चोरी के संबंध में जी परमेश्वर और अन्य के ठिकानों पर यह छापेमारी की गई है. उन्होंने कहा कि कर्नाटक में विभिन्न स्थानों और राजस्थान के कुछ हिस्सों में कुल 30 परिसरों पर छापेमारी की जा रही है, जिसमें 300 से अधिक आयकर अधिकारी शामिल हैं. उनके साथ पुलिसकर्मी भी हैं.

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टीम ने तुमकुर में एक न्यास के दो मेडिकल कॉलेजों में नीट की परीक्षाओं में कथित अनियमितताओं पर अंकुश लगाने के वास्ते अपनी जांच के तहत यह कदम उठाया है. बताया जाता है कि परमेश्वर श्री सिद्धार्थ एजुकेशन ट्रस्ट के अध्यक्ष हैं. अधिकारियों ने बताया कि नीट की परीक्षा में किसी अन्य के स्थान पर परीक्षा देने से संबंधित कथित फर्जीवाड़े और सीटें पाने के लिए कथित रूप से अवैध भुगतान करने की बात सामने आने पर विभाग हरकत में आया. उन्होंने कहा कि परीक्षा में दूसरों के स्थान पर बैठने वालों का पता लगाने के लिए राजस्थान में तलाशी की जा रही है.

छापेमारी के दौरान बेंगलुरु पहुंचे जी परमेश्वर ने मीडिया से कहा कि इस बारे में उनके पास कोई सूचना नहीं है कि छापेमारी क्यों की जा रही है. उन्होंने कहा, मेरे पास कोई सूचना नहीं है कि छापेमारी क्यों की जा रही है. उन्होंने (आयकर अधिकारियों) मुझे बुलाया, इसलिए उनसे मिलने आया हूं.

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परमेश्वर ने कहा कि उनका परिवार शिक्षण संस्थान चलाने के सिवाय कोई और व्यवसाय नहीं करता है और वह समय पर आयकर भरता रहा है. उन्होंने इस सवाल पर कोई टिप्पणी नहीं की कि क्या छापेमारी राजनीति से प्रेरित है. बता दें कि जी परमेश्वर मई, 2018 से जुलाई, 2019 तक कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री थे.