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राजस्थान: 42 घंटों बाद सुरक्षित बाहर निकाले गए 352 बच्चे, परिजनों ने ली राहत की सांस

इस दौरान प्रशासन और जनप्रतिनिधियों के बीच कहासुनी जैसी नौबत भी आ गई. सभी बच्चों को सुरक्षित बाहर निकालने का श्रेय लेते नजर आए

Updated on: 16 Sep 2019, 03:25 PM

नई दिल्ली:

राजस्थान के चित्तौड़गढ जिले के भैसरोड़गढ के फंसे स्कूली बच्चों को ग्रामीणों के सहयोग से प्रभावित क्षेत्र से बाहर निकाल दिया गया, जिसके बाद निश्चित रूप से बाढ़ में फसे बच्चें, स्टाफ और अभिभावक ने राहत की सास ली होगी. दरअसल दो दिन पूर्व भारी बारीश के चलते रावतभाटा के राणा सागर बांध के 17 गेट खोल देने के बाद भैसरोड़गढ और रावतभाटा में बाढ के हालात बन गये. इस बीच मउपुरा गांव से गुजरने वाली पुलिया पर जल स्तर बढ़ने और तेज बहाव के कारण निजी आदर्श विद्या मंदिर विद्यालय में अध्ययनरत 352 बच्चें और 25 अध्यापकों को स्कूल में ही सुरक्षा के तौर पर डेरा डालना पड़ा.

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करीब 42 घंटे में दो  राते निकाल चुके सभी बच्चे और उनके अभिभावक परेशान हो गये. हालांकि इन दो दिनों में ग्रामीणों के सहयोग से प्रशासन में सभी प्रभावितों को भोजन पहुचांने की व्यवस्था की, लेकिन हालात बिगड़ने के कारण उन्हें मौके से निकालने में प्रशासन पुरी तरह फेल नजर आया. इधर आज सीएम अशोक गहलोत ने प्रभावित क्षेत्र का हवाई यात्रा में दौरा भी किया. वही सांसद सी पी जोशी, पूर्व विधायक सुरेश धाकड़ भी जैसे तैसे नाव और ट्रेक्टर की सहायता से बच्चों तक पहुंचे. इसके बाद ग्रामीणों की मदद से बच्चों को पहाड़ी क्षेत्र से ट्रेक्टरों के माध्यम से 10 किलोमीटर से अधिक का सफर तय करने के बाद उन्हें बसों के माध्यम से घर पहुंचाने का प्रयास किया गया.

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इस दौरान प्रशासन और जनप्रतिनिधियों के बीच कहासुनी जैसी नौबत भी आ गई. सभी बच्चों को सुरक्षित बाहर निकालने का श्रेय लेते नजर आए. वहीं जनप्रतिनिधि प्रशासन को फेल बता रहा था तो प्रशासन के अधिकारी जनप्रतिनिधियों पर हठधर्मिता का आरोप लगाते नजर आए. लेकिन इन सब के बीच बच्चों और उनके अभिभावकों ने जरूर राहत की सांस ली.