पंजाब विधानसभा में क्या हुई हाथापाई? सिद्धू ने दिया ये जवाब
पंजाब विधानसभा में गुरुवार को हंगामा हो गया. इसे लेकर पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot singh Sidhu) ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि जो भी आज विधानसभा में हुआ वह सब प्लान था. जो सरकार काम कर रही है इससे ही विरोधी चिढ़े हुए हैं.
नई दिल्ली:
पंजाब विधानसभा में गुरुवार को हंगामा हो गया. इसे लेकर पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot singh Sidhu) ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि जो भी आज विधानसभा में हुआ वह सब प्लान था. जो सरकार काम कर रही है इससे ही विरोधी चिढ़े हुए हैं. जो आज अनाउसमेंट सरकार की ओर से की जा रही है वह अगले पांच साल के लिए है. कृषि कानून को रद्द करने की बात हो रही और वो हो भी जाएंगे, लेकिन किसानों की बेहतरी के लिए कोई भी बात नहीं कर रहा है.
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नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा कि 2013 में अकाली दल कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग लेकर आए थे. तीनों कृषि कानून पंजाब में लागू नहीं होंगे. पंजाब विधानसभा में जो वीडियो सेंड की गई थी ना उस पर कहा कि सारा पंजाब देख रहा है कि विधानसभा में क्या हो रहा है. विपक्ष ने शासन चलाने की मांग रखी. हमने मांग मानी, लेकिन जो कुछ हाउस में हुआ, नहीं होना चाहिए था.
नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा कि मानसा के पास जो इंडिया बुल्स को जमीन दी है 800 एकड़ पर वहां कोई प्लांट नहीं लगा है. अगर प्लांट नहीं लगा तो वह जमीन किसानों को वापस जानी चाहिए कि क्यों नहीं गई. लोगों को ऑफर क्या दिया गया कि नौकरी दी जाएगी, सड़कें बनेंगी, लेकिन किसी को कुछ नहीं मिला, इसे बड़े करप्शन का मास्टरमाइंड कोई और हो ही नहीं सकता.
उन्होंने कहा कि बिजली समझौतों पर इतने वन साइडेड कॉन्ट्रैक्ट किए गए. अगर कंपनी ने गंदा कोयला लाया है तो कोई जुर्माना नहीं और अगर अच्छा कोयला लाया गया तो कोई इंसेंटिव नहीं. बिना मतलब के 14000 करोड़ दे दिया, ये सभी वन साइडेड कॉन्ट्रैक्ट थे. मैं स्वाल पूछता हूं जो बिजली 2 रुपये में मिलती है वो 18 रुपये की क्यों खरीदी. कोई भी आदमी 5 साल से ऊपर कॉन्ट्रैक्ट साइन नहीं कर सकता तो इन्होंने 25 साल के कर दिए.
आपको बता दें कि पंजाब विधानसभा में उस समय हंगामा हो गया जब वहां नशे के मुद्दे पर चर्चा चल रही थी. पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू और अकाली दल के नेताओं में झड़प हो गई. बताया जा रहा है कि दोनों पक्षों के बीच नौबत हाथापाई तक आ गई.
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जानकारी के मुताबिक, पंजाब विधानसभा में नशे के मुद्दे पर जब पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने अकाली दल को नशे से जुड़े हुए बताया तब नौबत हाथापाई पर पहुंच गई. एक तरफ नवजोत सिंह सिद्धू और मुख्यमंत्री से तो दूसरी तरफ बिक्रम सिंह मजीठिया और अकाली दल के नेता सामने थे.
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