'मन' से अब भी बीजेपी के साथ खड़ी है शिवसेना, महाविकास अघाड़ी का क्या होगा?
सोमवार को लोकसभा (Lok Sabha) में पेश नागरिकता संशोधन विधेयक 2019 (Citizenship Amendment Bill 2019) पर शिवसेना ने मोदी सरकार (Modi Sarkar) का पूरी तरह साथ दिया. हालांकि इस बिल को लेकर शिवसेना ने अपनी एक मांग भी रखी है.
नई दिल्ली:
भले ही शिवसेना (Shiv Sena) ने एनसीपी (NCP) और कांग्रेस (Congress) के साथ मिलकर महाराष्ट्र (Maharashtra) में सरकार बना ली हो, भले ही कांग्रेस शिवसेना से उग्र हिन्दुत्व छोड़ने की बात कह रही हो, भले ही शिवसेना के मुखपत्र 'सामना' में बीजेपी और मोदी सरकार के खिलाफ आग उगला जा रहा हो, भले ही शिवसेना ने बीजेपी के साथ 30 साल से भी पुराना गठबंधन तोड़ लिया हो, लेकिन शिवसेना अब भी 'मन' से बीजेपी के साथ खड़ी दिखाई दे रही है. तभी तो सोमवार को लोकसभा (Lok Sabha) में पेश नागरिकता संशोधन विधेयक 2019 (Citizenship Amendment Bill 2019) पर शिवसेना ने मोदी सरकार (Modi Sarkar) का पूरी तरह साथ दिया. हालांकि इस बिल को लेकर शिवसेना ने अपनी एक मांग भी रखी है.
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सोमवार को लोकसभा में जब गृह मंत्री अमित शाह नागरिकता संशोधन विधेयक पेश कर रहे थे तो शिवसेना के मुखपत्र सामना में यह शर्त रखी कि नए बिल के तहत जिनको नागरिकता दी जाएगी, उन्हें 25 सालों तक वोटिंग का अधिकार नहीं दिया जाना चाहिए. इसके अलावा पार्टी के प्रवक्ता संजय राउत ने अपने ट्वीट में कहा, अवैध नागरिकों को देश से बाहर करना चाहिए, साथ ही हिंदू शरणार्थियों को नागरिकता भी दी जानी चाहिए, लेकिन उन्हें वोटिंग का अधिकार नहीं दिया जाना चाहिए.
बता दें कि नागरिकता संशोधन विधेयक का कांग्रेस पुरजोर विरोध कर रही है और इसे देश के संविधान के खिलाफ बता रही है. दूसरी ओर शिवसेना ने शर्तों के साथ ही सही, इस बिल के समर्थन में मतदान किया है. जाहिर है इससे महाराष्ट्र में गठबंधन पर सवाल उठेंगे और कांग्रेस का शिवसेना के साथ जाने के औचित्य पर भी सवाल खड़े होंगे. दो दिन पहले महाराष्ट्र कांग्रेस के बड़े नेता और पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चौहान ने शिवसेना ने गठबंधन धर्म निभाने की भी सलाह दी थी. फिर भी शिवसेना ने नागरिकता संशोधन विधेयक 2019 के पक्ष में मतदान कर अपनी मंशा जाहिर कर दी है.
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सोमवार को जब अमित शाह नागरिकता संशोधन बिल पेश कर रहे थे तो कांग्रेस की ओर से कई सदस्यों ने न केवल विरोध किया, बल्कि गृह मंत्री के स्पीच के बीच में टोकाटाकी भी की. कांग्रेस की ओर से बिल को लेकर कई तरह की आपत्त्ति जताई गई. दूसरी ओर कांग्रेस के समर्थन से महाराष्ट्र में सरकार चला रही शिवसेना ने मतदान की बारी आई तो सरकार के पक्ष में वोट कर दिया.
कांग्रेस सहित कई विपक्षी दलों के कड़े विरोध के बाद हालात ऐसे हो गए कि बिल को पेश करने के लिए भी मतदान का सहारा लिया गया. मतदान में बिल को पेश करने के पक्ष में 293 तो विरोध में 82 वोट डाले गए. मतदान में शिवसेना ने सहयोगी कांग्रेस के खिलाफ जाकर मोदी सरकार का समर्थन किया.
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