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भाजपा नेता किरीट सोमैया ने इन घोटालों को लेकर लगाया BMC कमिश्नर पर गंभीर आरोप, कसा तंज

ये सारे भ्रष्टाचार इक़बाल सिंह चहल के कमिश्नर बनने के बाद के हैं. हालांकि भ्रष्टाचार के आरोपों में सिर्फ बीएमसी कमिश्नर ही नहीं बल्कि पूर्व मेयर किशोरी पेडनेकर और कई बीएमसी अधिकारी संलिप्त हैं. और ये सभी लोग ED के रडार पर हैं.

Updated on: 01 Dec 2023, 10:15 PM

नई दिल्ली:

देश की सबसे अमीर महानगर पालिका यानी बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) पर भ्रष्टाचार का आरोप लगना कोई नई बात नहीं है, लेकिन पहली बार बीएमसी के किसी आयुक्त के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों की पूरी फेहरिस्त तैयार है. हालांकि  भ्रष्टाचार के इतने संगीन आरोपों से घिरे होने के बावजूद बीएमसी कमिश्नर इक़बाल सिंह चहल अपनी कुर्सी पर कायम हैं. बीएमसी कमिश्नर इक़बाल सिंह चहल पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों में सबसे नया आरोप 20 हज़ार करोड़ के PAP घोटाला प्रकल्प का है. हाल ही में बीजेपी के पूर्व सांसद और वरिष्ठ नेता किरीट सोमैया ने बीएमसी के विभिन्न पुनर्वसन प्रकल्पों में 20 हजार करोड़ रुपए के घोटाले को लेकर बॉम्बे हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की है. और अब इस मामले में किरीट सोमैया आज दिल्ली में बैठे केंद्रीय जांच अधिकारियों से मुलाकात कर उन्हें इस भ्रष्टाचार की जानकारी देते हुए इसमें इक़बाल सिंह चहल के सक्रिय भूमिका के बारे में जानकारी दी. 

शुक्रवार 1 दिसंबर के दिन बीजेपी नेता किरीट सोमैया ने एक बयान जारी करते हुए महाराष्ट्र की पिछली महाविकास आघाडी की सरकार पर PAP प्रकल्प के तहत अनियमितता बरतते का गंभीर आरोप लगाया है. बीजेपी नेता द्वारा बॉम्बे हाई कोर्ट में दायर इस याचिका में दावा किया गया है कि तत्कालीन शिवसेना की उद्धव ठाकरे सरकार और बीएमसी ने Project Affected Person (PAP) प्रकल्प के तहत प्रभावित हुए लोगों को घर बनाकर देने के लिए बिल्डर शाहिद बलवा की डीबीएस रियल्टी और पुणे के चोरडिया ग्रुप ऑफ कंपनी को 4 ठेके दिए और बीएमसी ने 5.4 एफएसआई को मंजूरी देकर बिल्डर को 25000 करोड़ रुपए का अग्रिम भुगतान किया. इसके अलावा बीएमसी ने उन्हें 11 प्रकार के टैक्स के भुगतान से छूट देकर फायदा पहुंचाया. 

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कैश फ़ॉर ट्रांसफर घोटाला

बीएमसी कमिश्नर इकबाल सिंह चहल पर एक आरोप यह भी है की उनकी निगहबानी में पैसे लेकर अधिकारियों को मलाईदार पोस्टिंग दी जा रही है. दरअसल मुम्बई के कई पार्षद यानी नगरसेवकों का आरोप है कि मौजूदा समय में जिन अधिकारियों के ट्रांसफर किए गए हैं उनमें नियमों की अनदेखी की गई है. कई अधिकारियों का ट्रांसफर बार बार हो रहा है जिससे ये महसूस होता है कि या तो ये ट्रांसफर बिना सोचे-समझे किए जा रहे हैं या फिर बीएमसी के उपरखाने में एक बड़ा कैश-फॉर-ट्रांसफर घोटाला हो रहा है. जहां पैसे लेकर टॉप पोस्टिंग दी जा रही है. ये पूरा मामला तब सामने आया जब साल 2022 में शिवसेना, कांग्रेस, एनसीपी और मनसे के 94 पूर्व नगरसेवकों ने अपने हस्ताक्षर के साथ बीएमसी आयुक्त की शिकायत करते हुए मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को पत्र लिखकर अवगत कराया.

263 करोड़ के स्ट्रीट फर्नीचर खरीददारी में घोटाला

बीएमसी कमिश्नर इकबाल सिंह चहल पर अगला आरोप स्ट्रीट फर्नीचर घोटाले का है. इसी साल अगस्त के महीने में पूर्व मंत्री आदित्य ठाकरे ने बीएमसी कमिश्नर को पत्र लिखकर 5 सवाल पूछे थे. दरअसल, बीएमसी ने मुंबई में स्ट्रीट फर्नीचर लगाने के लिए 263 करोड़ रुपये का टेंडर जारी किया था. इसके बाद आदित्य ने आरोप लगाया था कि इसमें बड़े पैमाने पर घोटाला हुआ है. यह मुद्दा विधानमंडल सत्र में भी गूंजा था. उन्होंने कहा कि बीएमसी अधिकारियों और कॉन्ट्रैक्टर्स की मिलीभगत से मुंबईकरों के पैसों से खुद की जेब भरी जा रही है. स्ट्रीट फर्नीचर के लिए 100 करोड़ रुपये खर्च होने चाहिए थे, जो बढ़कर 263 करोड़ रुपये हो गए हैं. भ्रष्टाचार के आरोप लगने के बाद इस टेंडर को रद्द कर दिया गया था.

कोरोना काल में हुए करोड़ो के भ्रष्टाचार के आरोप

बीएमसी कमिश्नर इक़बाल सिंह चहल पर लगे भष्टाचार के सभी आरोपों में सबसे बड़ा आरोप है COVID काल में बीएमसी द्वारा किये गए करोड़ों के खर्च का. इनमें कोविड बॉडी बैग घोटाले से लेकर खिचड़ी घोटाला, ऑक्सिजन प्लांट घोटाला और जुम्बो अस्पताल घोटाला शामिल है. आरोप है कि मृत कोविड मरीजों के लिए जिस बॉडी बैग बनाने वाली कंपनी ने बीएमसी को 6800 में बॉडी बैग बेची वहीं बैग दूसरी कंपनीयों को 2000 रुपए में दी गई थी. बीएमसी ने कोविड बॉडी बैग पर कुल 49.63 लाख रुपए का खर्च किए था. इस मामले की शिकायत मुम्बई पुलिस को की गई थी और मामले में प्रवर्तन निदेशालय भी जांच कर रही है. वहीं 32.44 करोड़ का कोविड जुम्बो सेंटर घोटाला, 6.37 करोड़ का खिचड़ी घोटाला, 102 करोड़ का ऑक्सीजन प्लांट घोटाला और 5.96 करोड़ का रेमेडिसिवर इंजेक्शन घोटाला जैसे कई घोटाले हैं जिनकी जांच प्रवर्तन निदेशालय कर रही है.बीजेपी के पूर्व सांसद और सीनियर लीडर किरीट सोमैया लगातार बीएमसी कमिश्नर पर पुख्ता दस्तावेजों के साथ भ्रष्टाचार के आरोप लगा रहे हैं. ये सारे भ्रष्टाचार इक़बाल सिंह चहल के कमिश्नर बनने के बाद के हैं.