राष्ट्रपति शासन लागू होने के बाद महाराष्ट्र के लिए रवाना हुए जयपुर में ठहरे कांग्रेस के 40 विधायक
बस में बैठे तमाम विधायकों से जब बात की गई तो उन्होंने बताया कि हम महाराष्ट्र के विकास को ध्यान में रखते हुए कॉमन मिनिमम प्रोग्राम के तहत सरकार में भागीदारी करने जा रहे हैं
नई दिल्ली:
महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लागू होने के बाद जयपुर में ठहरे कांग्रेस के 40 विधायक अब महाराष्ट्र के लिए रवाना हो गए हैं. महाराष्ट्र के लिए रवाना होते वक्त विधायकों ने 'छत्रपति महाराज शिवाजी की जय, अंबेडकर की जय' के नारे भी लगाए. जानकारी के मुताबिक कांग्रेस के 40 विधायक जिस वक्त महाराष्ट्र के लिए रवाना हो रहे थे उस दौरान तमाम विधायक नारेबाजी करने लगे. यह तस्वीर कहीं न कहीं महाराष्ट्र की बदलती सियासी तस्वीर को बता रही है.
बस में बैठे तमाम विधायकों से जब बात की गई तो उन्होंने बताया कि हम महाराष्ट्र के विकास को ध्यान में रखते हुए कॉमन मिनिमम प्रोग्राम के तहत सरकार में भागीदारी करने जा रहे हैं. हलांकि सरकार में भूमिका को लेकर आला कमान के पाले में गेंद भी डाल रहे हैं.
बता दें, काग्रेंस इन सभी 40 विधायकों को होर्स ट्रेडिंग के डर से जयपुर में रखा गया था जो राष्ट्रपति शासन लागू होने के बाद वापस महाराष्ट्र के लिए रवाना हो गए हैं. वहीं दूसरी तरफ शिवसेना को समर्थन देने को लेकर कांग्रेस-एनसीपी में बैठकों का दौर भी लगातार जारी है. इससे पहले बताय जा रहा था कि राज्य में कुछ नेताओं का मानना है कि अगर सरकार में कांग्रेस (Congress) नहीं शामिल होती है तो राज्य से उसका वजूद मिट जाएगा. इन नेताओं का मानना है कि बीजेपी (BJP) के हाथ से निकले इस मौके को हर हाल में भुनाना चाहिए और महाराष्ट्र में बनने वाली सरकार में शामिल होना चाहिए.
टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के अनुसार, सोमवार को हुई कांग्रेस कार्यसमिति (CWC) की बैठक में अशोक चव्हाण (Ashok Chauhan), बालासाहब थोराट (Balasahab Thorat), माणिकराव ठाकरे (Manik Rao Thackrey) और रजनी पाटिल (Rajni Patil) ने सरकार बनाने पर जोर दिया. हालांकि कुछ नेता ऐसे भी रहे, जिन्होंने शिवसेना के साथ जाने का विरोध किया.
बैठक में सोनिया गांधी को बताया गया कि कांग्रेस से जीते विधायक सरकार में शामिल होने को लेकर बेताब हो रहे हैं. विधायकों का कहना है कि वे अपने बूते जीतकर आए हैं और पार्टी की ओर से उन्हें मदद नहीं मिली. अभी कांग्रेस के सभी विधायकों को तोड़फोड़ से बचाने के लिए राजस्थान की राजधानी जयपुर में शिफ्ट कर दिया गया है.
हालांकि बैठक में एके एंटनी, मुकुल वासनिक और पूर्व गृह मंत्री शिवराज पाटिल ने शिवसेना के साथ जाने का विरोध किया. इन नेताओं का मानना था कि पूर्णतः हिंदुत्व की सोच वाली शिवसेना के साथ जाने से पार्टी को बड़ा नुकसान हो सकता है. केसी वेणुगोपाल बोले, कर्नाटक में जेडी (एस) जिस तरह से साथ चल नहीं सका ऐसा ही कुछ महाराष्ट्र में होने की भी आशंका है. वहीं, अशोक चव्हाण ने कहा कि ऐसा हो सकता है कि शिवसेना का साथ देने पर अल्पसंख्यक समुदाय का कांग्रेस से भरोसा उठ जाए.
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