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विवादों में घिरा भोपाल की रानी कमलापति की प्रतिमा का अनावरण

प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि प्रतिमा स्थापित करने को लेकर भाजपा एवं कांग्रेस कार्यकर्ताओं में आपस में झड़प भी हुई. कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने महापौर के वाहन को भी रोका और उन्हें काले झंडे दिखाए.

Updated on: 17 Feb 2020, 11:41 AM

भोपाल:

कांग्रेस (Congress) पार्षद और उनके समर्थकों के विरोध के बीच रविवार को राजधानी भोपाल (Bhopal) की रानी कमलापति की 32 फुट ऊंची प्रतिमा का अनावरण यहां बड़े तालाब से सटे किलोल पार्क क्षेत्र में भोपाल के महापौर आलोक शर्मा और भाजपा (BJP) के स्थानीय विधायकों की मौजूदगी में किया गया. कांग्रेस का आरोप है कि जिस जगह पर यह प्रतिमा स्थापित की गई है, उसके आसपास के कुछ घरों को हटा कर इस प्रतिमा तक पहुंचने के लिए सड़क बनायी गयी है, जो गलत है. इसके अलावा, प्रतिमा अनावरण को लेकर भी कोई अनुमति नहीं ली गई.

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कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने इसको स्थापित करने को लेकर प्रदर्शन किया और आमंत्रित किये जाने के बाद भी मध्यप्रदेश के मंत्री एवं कांग्रेस विधायक इसमें शामिल नहीं हुए. वहीं, भोपाल महापौर एवं भाजपा नेता आलोक शर्मा ने कहा कि प्रतिमा अनावरण में शामिल न होकर कांग्रेस नेताओं ने रानी कमलापति का अपमान किया है. यह प्रतिमा भोपाल नगर निगम द्वारा स्थापित की जा रही है और महापौर शर्मा का कार्यकाल 18 फरवरी को समाप्त होने जा रहा है. प्रतिमा अनावरण के दौरान कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने स्थानीय पार्षद शबिस्ता जकी के नेतृत्व में नारे लगाकर हंगामा किया और महापौर आलोक शर्मा का पुतला दहन किया. इस दौरान वे काले झंडे भी दिखा रहे थे, जिसके कारण वहां पर भारी पुलिस बल की तैनात करनी पड़ी.

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प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि प्रतिमा स्थापित करने को लेकर भाजपा एवं कांग्रेस कार्यकर्ताओं में आपस में झड़प भी हुई. कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने महापौर के वाहन को भी रोका और उन्हें काले झंडे दिखाये. इसी बीच, मध्यप्रदेश के सामान्य प्रशासन मंत्री गोविन्द सिंह ने कहा, ‘‘इस कार्यक्रम की अनुमति नहीं ली गई थी. पूरा कार्यक्रम अनधिकृत रूप से हुआ है. इसलिए मैं इस कार्यक्रम में शामिल नहीं हुआ.’’ रानी कमलापति गिन्नौरगढ़ के गौंड राजा निजाम शाह की पत्नी थीं. जिस स्थान पर रानी कमलापति ने जल समाधि ली थी उसी स्थान पर उनकी अष्ट धातु की यह प्रतिमा स्थापित की गई है.