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VIDEO: एक प्रेम कहानी की याद में दो गांवों के बीच हुआ 'पत्थर युद्ध', 168 लोग हुए घायल

मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले की जाम नदी के तट पर दो गांवों के लोगों के बीच शनिवार को पत्थर 'युद्ध' हुआ.

Updated on: 01 Sep 2019, 12:03 PM

छिंदवाड़ा:

मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले की जाम नदी के तट पर दो गांवों के लोगों के बीच शनिवार को पत्थर 'युद्ध' हुआ. दरअसल, यहां पर पारंपरिक 'गोटमार मेला' चल रहा है. यह मेला पांढुर्ना क्षेत्र में हर साल पोला के अगले दिन जाम नदी के तट पर लगता है. माता चंडी की पूजा के साथ इस मेले की शुरुआत हुई. परंपरा के मुताबिक, शनिवार को लगे इस मेले में श्रद्धालुओं ने गोटमार शुरू होने से पहले पलाश वृक्ष की स्थापना के साथ ध्वज लगाया. फिर लोगों द्वारा एक-दूसरे पर पथराव किया. इस गोटमार मेला में करीब 168 लोग घायल हो गए हैं.

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छिंदवाड़ा का जिला प्रशासन इस पत्थर युद्ध को बगैर खून खराबे के निपटाने की जुगत लगा रहा. छिंदवाड़ा जिला कलेक्टर श्रीनिवास शर्मा ने बताया कि इसके लिए पर्याप्त व्यवस्था की गई. जगह-जगह पुलिस के जवान तैनात किए गए. इलाके की निगरानी के लिए ड्रोन का इस्तेमाल भी किया. उन्होंने बताया कि गोटमार मेले में 168 लोग घायल हैं, हालांकि कोई भी गंभीर रूप से घायल नहीं हुआ है.

बता दें कि इस मेले का आयोजन एक प्रेम कहानी की याद में होता है. जाम नदी के दोनों तट पर सांवरगांव और पांढुर्ना के लोग जमा होते हैं और एक-दूसरे पर पत्थर बरसाते हैं. दोनों गांव के लोग कई दिन पहले से नदी के दोनों तटों पर पत्थर इकट्ठा करना शुरू कर देते हैं. किंवदंती है कि पांढुर्ना गांव का एक युवक सांवरगांव की आदिवासी युवती को प्रेम विवाह करने के उद्देश्य से अगवा कर ले गया था. इसे लेकर दोनों गांवों के लोगों के बीच पत्थरबाजी हुई थी, जिसमें प्रेमी युगलों की मौत हो गई थी.

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तभी से प्रेम के लिए शहीद हुए इन युवक-युवती की याद में हर साल पोले के दूसरे दिन यह रस्म दोहराई जाती है. इसी परंपरा का निर्वहन करते हुए दोनों गांव के लोग आज भी जाम नदी में गोटमार करते हैं. बताते हैं कि इस दौरान ग्रामीण चंडी माता को प्रसन्न करने जाम नदी के बीच में पलाश के वृक्ष की टहनी और एक झंडा गाड़ते हैं. इस झंडे को दोनों ओर से चल रहे पत्थरों के बीच उखाड़ना रहता है. जिस गांव के लोग झंडा उखाड़ लेते हैं, वे विजयी माने जाते हैं. नदी के बीच से झंडा उखाड़ने के बाद इसे चंडी माता को चढ़ा दिया जाता है.