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महाकाल मंदिर में अब नहीं चढ़ा सकेंगे बाहर से खरीदा दूध, ये है वजह

उज्जैल के महाकाल मंदिर में स्थित शिवलिंग के क्षरण को रोकने के लिए मंदिर समितित ने एक अहम निर्णय लिया है. समिति ने फैसला लिया है कि अब मंदिर समिति की गौशाला के दूध से ही महाकाल का अभिषेक होगा.

Updated on: 09 Sep 2019, 05:10 PM

उज्जैन:

उज्जैल के महाकाल मंदिर में स्थित शिवलिंग के क्षरण को रोकने के लिए मंदिर समितित ने एक अहम निर्णय लिया है. समिति ने फैसला लिया है कि अब मंदिर समिति की गौशाला के दूध से ही महाकाल का अभिषेक होगा. इसका कारण यह है कि पिछले दिनों खाद्य विभाग की छापामार कार्रवाई में खुलासा हुआ था कि मंदिर के आस पास की कुछ दुकानों में मिलावटी दूध बेचा जा रहा है.

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इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने भी अपने दिशा निर्देशों में महाकाल मंदिर के शिवलिंग पर चढ़ाए जाने वाली सामग्री की शुद्धता का खयाल रखने को कहा था. विश्व प्रसिद्ध महाकालेश्वर मंदिर में पंचामृत अभिषेक करने के लिए दूर-दूर से श्रद्धालु पहुंचते हैं. भगवान महाकाल का दूध से अभिषेक भी करते हैं.

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समान्य रूप से जो दूध भगवान महाकाल पर चढ़ाया जाता है वह मंदिर के बाहर प्रसाद बेचने वालों से भक्त खरीदते हैं. लेकिन कुछ दिनों पहले खाद्य विभाग की टीम ने पाया कि इस दूध में बड़ी मात्रा में मिलावट की जा रही है. दूध में मिलावट पाए जाने के बाद 4 दुकानदारों पर कार्रवाई की गई.

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सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के अनुसार मंदिर पर चढ़ाई जाने वाली समाग्री शुद्ध होनी चाहिए. जिसे लेकर मंदिर समिति ने बड़ा निर्णय लिया है. मंदिर समिति की गौशाला में पल रहीं करीब डेढ़ सौ गायों से निकलने वाले दूध को ही अब महाकाल पर चढ़ाया जा सकेगा. इस कदम से मंदिर समिति को तो आय होगी ही शिवलिंग के क्षरण को भी रोका जा सकेगा.