MP और छत्तीसगढ़ कैबिनेट 23 को लेगी शपथ, भूपेश बघेल बोले-दिल्ली में तय होंगे मंत्री
मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में नई कैबिनेट 23 को शपथ लेगी. महामहिम राज्यपाल 24 से 30 तक राज्य से बाहर रहेंगी.
भोपाल/रायपुर:
मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में नई कैबिनेट 23 को शपथ लेगी. महामहिम राज्यपाल 24 से 30 तक राज्य से बाहर रहेंगी. छत्तीसगढ़ के साथ-साथ मध्य प्रदेश में भी मंत्रिमंडल गठन को लेकर कवायद तेज हो गई है. माना जा रहा था कि, 24 दिसंबर तक मध्य प्रदेश में मंत्रिमंडल का गठन हो जाएगा. इसी को लेकर मुख्यमंत्री कमलनाथ आज दिल्ली जाएंगे. जहां सीएम कमलनाथ वरिष्ठ नेता एके एंटोनी से चर्चा करेंगे.कमलनाथ और एके अंटोनी के बीच दिल्ली में होने वाली चर्चा को इस वजह से भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है कि इसी के आधार पर कांग्रेस के गुटीय संतुलन को स्थापित कर कांग्रेस की एकजुटता को कायम रखा जाएगा.
छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि आज शाम दिल्ली जा रहा हूं. वहीं मंत्रिमंडल का खाका तैयार होगा और इसी साल शपथ होगी. उनके इस बयान से साफ है 24 तक शपथ हो जाएगी क्योंकि उसके बाद राज्यपाल जा रही हैं बाहर एक्शन मोड पर भूपेश पर कहा की इमानदारी से लोग काम करें 5 साल हो गया था. एएन उपाध्याय इसलिए बदले गए कि पुलिस में कसावट लाना पहला उद्देश्य था.
भूपेश बघेल के मंत्रिमंडल में ये हो सकते हैं शामिल
अरुण वोराः दुर्ग शहर दुर्ग शहर से अरुण वोरा 64981 वोट पाकर बीजेपी के चन्द्रिका चन्द्राकर को 21081 मतों से हराने में सफल हुए. अरुण वोरा भी तजुर्बेकार विधायक हैं. हाईकमान के सबसे करीबी राष्ट्रीय महामंत्री प्रशासन मोतीलाल वोरा के बेटे हैं. सौम्य छवि है.
सत्यनारायण शर्मा ः अनुभवी विधायक, दिग्विजय सिंह और अजीत जोगी की सरकार में कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं. मिलनसार व्यक्तित्व के चलते शर्मा का स्पीकर को तौर पर भी नाम लिया जा रहा है.
रविंद्र चौबे ः जनसंपर्क, पीडब्लूडी विभागों के कामकाज का अच्छा अनुभव रहा है. उनके संसदीय ज्ञान और तजुर्बे के चलते विधानसभा अध्यक्ष के तौर पर भी नाम चर्चा में है.
धनेन्द्र साहूः पार्टी के वरिष्ठ नेता. अजीत जोगी की सरकार में मंत्री रह चुके हैं. पीसीसी अध्यक्ष भी रहे. प्रदेश में सियासी तौर पर शक्तिशाली माने जाने वाले साहू समाज से जनप्रतिनिधि हैं.
शिव डहरियाः सतनामी समाज से अनुभवी विधायक. प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कार्यकारी अध्यक्ष हैं, इसलिए दावेदारी.
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अमरजीत भगतः तेजतर्रार आदिवासी नेता. सरगुजा संभाग में 14 में से सभी 14 सीटों पर कांग्रेस ने कब्जा जमाया है.
खेलसाय सिंहः अनुभवी विधायक खेलसाय सिंह भी सरगुजा संभाग से हैं. मंत्रिमंडल के लिए मजबूत दावेदारी.
लखेश्वर बघेलः दूसरी बार विधायक. आदिवासी समाज में अच्छी पकड़. साफ-स्वच्छ छवि, मिलनसार व्यक्तित्व.
मोहम्मद अकबरः पार्टी का अल्पसंख्यक चेहरा. अनुभवी विधायक. 36320 वोट पाकर इन्होंने बीजेपी के अशोक साहू को 59284 मतों से हराया.मुख्यमंत्री के गृहनगर यानी कवर्धा से सर्वाधिक वोटों के अंतर से चुनाव जीतने का रिकॉर्ड बनाया. इनकी दावेदारी भी मजबूत है.
उमेश पटेलः युवा चेहरा. स्व. नंदकुमार पटेल के बेटे हैं. हाईप्रोफाइल प्रत्याशी ओपी चौधरी को पराजित किया.
प्रेमसाय टेकामः जोगी सरकार में कृषि मंत्री. 6 बार के विधायक. सरगुजा में सक्रिय विधायक. आदिवासी समाज में पकड़.
अनिला भेड़ियाः डौण्डीलोहारा अनिला भेंडिया ने 67448 मत पाकर लाल भारतीय जनता पार्टी के महेन्द्र सिंह टेकाम को 33103 मतों से हराया. यह लगातार दूसरी बार जीतीं. आदिवासी समाज से आती हैं. मंत्री पद के लिए दावेदारी.
कवासी लखमाः लखमा लगातार चौथी बार विधायक बनकर आए हैं. कोन्टा से कवासी लखमा 31933 वोट पाकर बीजेपी के धनीराम बारसे को इस बार 6709 मतों से हराया. घोर नक्सल प्रभावित इलाके से आते हैं. सदन में आक्रामक नेता की छवि. वर्तमान में उपनेता प्रतिपक्ष.
अमितेष शुक्लः अनुभवी नेता. जोगी सरकार में मंत्री रह चुके हैं. शुक्ल परिवार के सदस्य. राजिम से अमितेश शुक्ल ने 99041 वोट प्राप्त किया और बीजेपी के संतोष उपाध्याय 58132 को मतों से हराया.. पार्टी आलाकमान से बेहतर संबंध.
कमलनाथ के मंत्रिमंडल में शामिल हो सकते हैं ये नाम
- डॉ गोविंद सिंहः गोविंद सिंह लहार से लंबे समय से विधायक हैं. स्पीकर की अनुपस्थिति में सदन के सबसे वरिष्ठ नेताओं में गोविंद सिंह शुमार होते हैं.
- बाला बच्चन उपनेता प्रतिपक्ष हैं. पहले भी स्वास्थ्य मंत्री रह चुके हैं. लिहाजा उनका नाम भी इसमें अव्वल नंबर पर आता है.
- सज्जन वर्मा पूर्व सांसद हैं और उनकी गिनती वरिष्ठ नेताओं में होती है.
- जयवर्धन सिंह दूसरी बार विधायक बने हैं, दिग्विजय सिंह के बेटे हैं तो जाहिर तौर पर उन्हें मंत्री पद मिल सकता है.
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- जीतू पटवारी युवा नेतृत्व हैं, मालवा से ताल्लुक रखने वाले जीतू किसान परिवार से जुड़े हुए हैं.
- महाकौशल से तरुण भनोट को मंत्री पद दिया जा सकता है. तरुण भनोट लंबे समय से विधायक हैं. इतना ही नहीं मोदी लहर में बहुत मुश्किल हालात में भी वह विधायक बने थे.
- दीपक सक्सेना पूर्व मंत्री रहे हैं और कमलनाथ की परछाई माने जाते हैं.
- लक्ष्मण सिंह, दिग्विजय सिंह के भाई हैं. उन्हें भी मंत्री पद दिया जा सकता है.
कमलेश्वर पटेल, राणा विक्रम सिंह (बागी), हिना कांवरे को राज्यमंत्री बनाया जा सकता है, प्रदीप जयसवाल गुड्डा भी मंत्री बन सकते हैं, महिलाओं में इमरती देवी का मंत्री बनना लगभग तय माना जा रहा है, विजय लक्ष्मी साधो को अहम ज़िम्मेदारी मिल सकती है, सचिन यादव, अरुण यादव के भाई है और लगातार दूसरी बार विधायक हैं.
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