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6 बड़े राजनेता, 4 आईपीएस (IPS), 5 आईएएस (IAS) भी हनीट्रैप के शिकार!

गिरोह के निशाने पर छोटे अधिकारी-कर्मचारी नहीं, बल्कि बड़े नौकरशाह और राजनेता होते थे

नई दिल्‍ली:

मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के हाई प्रोफाइल हनी ट्रैप (Honey Trap) मामले में अभी बड़े खुलासे होने बाकी हैं. इस गिरोह के निशाने पर छोटे अधिकारी-कर्मचारी नहीं, बल्कि बड़े नौकरशाह और राजनेता होते थे.सूत्रों के मुताबिक इस लिस्‍ट में 6 बड़े राजनेता, 4 आईपीएस (IPS), 5 आईएएस (IAS) अधिकारियों के साथ कई दूसरे वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों के नाम शामिल हैं. यह गिरोह आईएएस और आईपीएस अफसरों (IAS-IPS Officers) को हनी ट्रैप कर उन्हें ब्लैकमेल (Blackmail) करता था.

बता दें मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से हनी ट्रैप (Honey Trap) का हाईप्रोफाइल मामला सामने आया है. मामले में पुलिस ने 3 महिला सहित 1 आदमी को गिरफ्तार किया है. बताया जा रहा है कि ये सभी लोग हनी ट्रैप (Honey Trap) कर अधिकारी और मंत्रियों को ब्लैकमेल करते थे. फिलहाल इंदौर पुलिस की चार सदस्यीय टीम भोपाल के गोविंदपुरा थाना से तीनों महिलाओं को लेकर रवाना हो गई है. वहीं भोपाल पुलिस इस मामरे में कुछ भी जानकारी देने से बचती नजर आई.

लिस्ट में ये हैं नाम

पूर्व राज्यपाल - महिला का एनजीओ (NGO) के काम से राज्यपाल के पास आना-जाना था.

पूर्व मुख्यमंत्री - हनी ट्रैप (Honey Trap) में फंसने के बाद मामले में सेटलमेंट के लिए एक महिला को मकान दिया था.

मौजूदा मंत्री - रंगीन मिजाज की वजह से जाने जाते हैं.महिला का इनके पास आना जाना था.

2 पूर्व मंत्री - एनजीओ के काम से आने-जाने की वहज से पहचान हुई. कई सरकारी प्रोजेक्ट भी दिलाए.

पूर्व सांसद - हनी ट्रैप (Honey Trap) का शिकार होने के बाद महिला को बड़ी रकम दी थी.

बड़े नेता - एक राजनैतिक पार्टी संगठन के बड़े नेता हैं. पार्टी के कई नेताओं के साथ नौकरशाहों से मुलाकात में मदद की.

डीजी रैंक के अधिकारी - बड़े पद पर हैं. लूप लाइन में लंबे समय तक रहने के दौरान हनी ट्रैप में फंसे थे.

एडीजी रैंक के अधिकारी - एक शाखा में लंबे समय से पदस्थ हैं. सांस्कृतिक कार्यक्रम के चलते महिला से पहचान हुई.

5 आईएएस अधिकारी- मंत्रालय में एनजीओ के काम से बार-बार जाने की वजह से पहचान हुई. इनमें से कई अफसर फील्ड में पदस्थ हैं.

ऐसे शुरू हुआ हनी ट्रैप

सबसे पहले आरोपियों ने छोटे अधिकारियों-कर्मचारियों के साथ कारोबारियों को अपना निशाना बनाया था. इसके बाद राजनेताओं के बीच अपनी पकड़ को मजबूत की. राजनीतिक दलों के बीच मजबूत पकड़ होने के बाद आरोपियों ने कई नेताओं को हनी ट्रैप में फंसाया. इन्हीं नेताओं के सहारे कई सरकारी प्रोजेक्ट भी लिए और इसके बाद ब्यूरोक्रेट्स के बीच इनका उठना-बैठना शुरू हुआ.

 गोविंदपुरा पुलिस ने मंगलवार को 3 महिला और 1 पुरुष को गिरफ्तार किया है. बताया जा रहा है कि ये सभी लोग मिलकर अधिकारियों और मंत्रियों को फंसाकर पैसे ऐंठने का काम करते थे. मामले का खुलासा होने के बाद पुलिस ने गिरोह के 4 सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया है. फिलहाल सभी लोगों से पूछताछ जारी है.

एटीएस की पूछताछ में पता चला है कि इस हनीट्रैप कांड में कांग्रेस आईटी सेल का नेता भी शामिल है, जिसका नाम अमित सोनी है. पुलिस ने अमित की पत्नी बरखा सोनी को भी गिरफ्तार किया है. इसके अलावा गिरफ्तार दोनों महिलाओं के नाम श्वेता जैन बताए जा रहे हैं.

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बताया जा रहा है कि पूछताछ के दौरान इंदौर और भोपाल एटीएस पुलिस को युवतियों के मोबाइल से कई वीडियो मिले हैं. वीडियो की जांच की जा रही है. वीडियो को देखकर अंदाजा लगाया जा रहा है कि गिरोह के लोग हाई प्रोफाइल लोगों को ब्लैकमेल कर चुकी हैं.