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झारखंड : बाढ़ की वजह से नदी की तेज धार में पत्ते की तरह बहा पुल, कई गांवों का संपर्क टूटा

पाकुड़िया के खक्सा गांव में बारिश के कारण मिटटी का दीवार से बना घर गिर गया जिसके कारण घर मालिक घायल हो गया है. पाकुड़िया पीएचसी में भर्ती कराया गया है चिकित्सक रेफर कर दिया है लेकिन बारिश के कारण रास्ता बाधित है.

Updated on: 01 Oct 2019, 06:29 AM

नई दिल्‍ली:

पाकुड़ में भारी बारिश के बाद करोड़ों रुपयों का बना पुल बह गया. महेशपुर का चंडालमारा पुल, बासलोइ नदी पर बना था यह पुल,निर्माण में गुणवक्ता ध्यान नहीं रखने के कारण निर्माण के बाद पुल का पीलर धसा गया था.पुल में कई जगह दरारे आ गयी थी जिसके कारण भारी बारिश के बाद पुल का दो पीलर दब गया और,पुल टुट गया. साल 2015 में जमाल कंस्ट्रक्शन बनाया था. पुल निर्माण के समय विधायक स्टीफन मरांडी ने विभाग शिकायत की थी, लेकिन विभाग ने ध्यान नहीं दिया था. दर्जनों गांव के ग्रामीण महेशपुर,अमड़ापाड़ा से कटा, 25 किलोमीटर ज्यादा दूरी तय करना पहुचा होगा प्रखंड मुख्यालय.

लगातार हो रही बारिश से पाकुड़ में बाढ की भयावह स्थित बन गई है. महेशपुर प्रखंड़ के चंडालमारा पुल का पाया धस जाने से पुल टुट गया है इससे लोगो का संपर्क टूट गया है. वहीं दर्जनों सड़क में पानी भर गया है. जिसके कारण ग्रामीणों का आना जाना रुक गया है. पाकुड़ के पूर्वी इलाका में गांव में पानी घुस गया है. गंगा का पानी आकर पाकुड़ के निचली इलाका में भर गया जिसके कारण बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गया है. महेशपुर के बासलोई नदी, पाकुड़िया के तरुपतिया नदी उफान पर है. पुल के उपर से पानी बह रहा है जिसके कारण लोगों का आना जाना बाधित हो गया है. पाकुड़िया के खक्सा गांव में बारिश के कारण मिटटी का दीवार से बना घर गिर गया जिसके कारण घर मालिक घायल हो गया है. पाकुड़िया पीएचसी में भर्ती कराया गया है चिकित्सक रेफर कर दिया है लेकिन बारिश के कारण रास्ता बाधित है.

बताया जाता है कि महेशपुर प्रखंड़ के चंडालमारा गांव के पास बना 7 करोड़ का पुल साल 2015 में जमाल कंस्ट्रक्शन ने बनाया था. निर्माण के समय गुणवत्ता पर ध्यान नहीं रखा गया था. इसकी शिकायत विधायक स्टीफन मरांडी ने विभागीय पदाधिकारी से किया था लेकिन विभाग ने इस ओर ध्यान हीं नही दिया था. चंडालमारा गांव का पुल टूट जाने से दर्जनों गांव के लोग महेशपुर और अमड़ापाड़ा प्रखंड से कट गया है. आवागमन पूरी तरह बाधित हो गया है. इस पुल के टूटने से दर्जनों गांव के ग्रामीणों को 25 किलोमीटर दूरी तक महेशपुर और अमड़ापाडा़ प्रखंड़ मुख्यालय जाना होगा. बहरहाल भारी बारिश ने पूरे देश के कई हिस्सों में आफत लाई है लेकिन इससे संताल परगना भी अछूता नही रहा. जहां दुमका में इस भारी बारिश ने तीन लोगों की जान ले ली वही पाकुड़ में ब्रिज के टूट जाने से हज़ारों लोगों का जीवन संपर्क के आभाव में अस्त व्यस्त होकर रह गया है.