राजनीतिक गलियारों में उलझी मनरेगा योजना, BDO ने दिए जांच के निर्देश
साहिबगंज जिले के तालझारी प्रखंड में केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी मनरेगा योजना सत्ताधारी पार्टी झारखंड मुक्ति मोर्चा व कांग्रेस के राजनीतिक गलियारों में उलझ रहा है.
highlights
- राजनीतिक गलियारों में उलझा मनरेगा योजना
- बीडीओ ने दिए जांच के निर्देश
- भ्रष्टाचार में संलिप्त लोगों पर होगी कड़ी कार्रवाई
Sahibganj:
साहिबगंज जिले के तालझारी प्रखंड में केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी मनरेगा योजना सत्ताधारी पार्टी झारखंड मुक्ति मोर्चा व कांग्रेस के राजनीतिक गलियारों में उलझ रहा है. ऐसा ही एक ताजा मामला प्रखंड क्षेत्र पर स्थित भतभंगा पंचायत से सामने आया है. वहीं, जब न्यूज़ स्टेट बिहार-झारखंड ने इसकी जांच पड़ताल की तो पंचायत से लेकर प्रखंड तक के तमाम जिम्मेदार अधिकारियों की पोल खुल गई. झारखंड के साहिबगंज जिला बीते कुछ महीनों से पत्थरों की अवैध खनन व राज्यधानी रांची के निलंबित आईएएस ऑफिसर पूजा सिंघल से जुड़ी मनरेगा घोटाले को लेकर पूरा प्रदेश बेहद सुर्खियों में रहा, लेकिन फिर भी साहिबगंज जिले के मनरेगा विभाग से जुड़े वह सभी जिम्मेदार पदाधिकारी केंद्र सरकार की मनरेगा योजनाओं की कार्य में गड़बड़ झाला करने से बाज नहीं आ रहे हैं.
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राजनीतिक गलियारों में उलझा मनरेगा योजना
यह जो तस्वीर आपको दिखा रहे हैं, जिले के तालझारी प्रखंड पर स्तिथ भतभंगा पंचायत के बिशनपुर गांव की है. यहां पर बीते वर्ष 2020-21 में कोंग्रेस नेता सहलाभुक मोहम्मद महाजरुद्दीन अंसारी के जमीन पर मनरेगा योजना के तहत आम बागवानी का कार्य किया गया था, जिसका प्राक्कलित राशि 153,587 रुपये है. वहीं बागवानी में पेड़ लगाने के बाद कुछ दिनों तक बागवानी में हरा-भरा पौधा दिखा भी, लेकिन ठीक आम बागवानी के बगल में भूमि संरक्षण विभाग के द्वारा करीब 17 लाख की लागत से तालाब जिर्णोधार का कार्य कराया गया.
बीडीओ ने दिए जांच के निर्देश
वहीं, भूमि संरक्षण विभाग के द्वारा तालाब जिर्णोधार कार्य कराने वाले एजेंसी कोई ओर नहीं बल्कि झारखंड मुक्ति मोर्चा के जिलाध्यक्ष मोहम्मद शाहजहां थे. बता दें कि तालाब जिर्णोधार के सभी मिट्टी को काटकर आम बागवानी के ऊपर फेंक दिया गया. जिसकी वजह से बागवानी में लगे सभी सरकारी पौधा दबकर गायब हो गया है, लेकिन अब इसमें सवाल यह उठता है कि जब भूमि संरक्षण विभाग के अधिकारियों ने मनरेगा योजना को प्रभावित किया तो पंचायत के जिम्मेदार पदाधिकारी जेई, रोजगार सेवक व मुखिया ने प्रखंड के बीडीओ साइमन मरांडी को इस बात की जानकारी क्यों नहीं दी?
भ्रष्टाचार में संलिप्ट लोगों पर होगी कड़ी कार्रवाई
क्या बागवानी से पौधों को गायब करवाने में पंचायत कर्मियों की अहम भूमिका है? यदि है तो ऐसे भ्रष्ट अधिकारियों पर कार्रवाई कब होगी? या तो फिर पार्टी के जिलाध्यक्ष के भय से पंचायत कर्मी ने अपनी बोलती बंद कर ली? हालांकि जब इस मामले को लेकर तालझारी प्रखंड के विकास पदाधिकारी साइमन मरांडी से पूछा गया तो उन्होंने पूरे मामले में जांच कर मनरेगा योजना को प्रभावित करने वाले जनप्रतिनिधि और संलिप्त जिम्मेदार पदाधिकारियों पर कठोर कार्रवाई करने की बात कही है, लेकिब अब इस में गौर करने वाली बात यह है कि आखिर बीडीओ के द्वारा दिये गए आश्वसन पर कार्रवाई कहां तक होती है.
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