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Jharkhand Poll: झारखंड विधानसभा चुनाव में छोटे दल बड़े लक्ष्य लेकर करेंगे जोर आजमाइश

हरियाणा और महाराष्ट्र के चुनावी परिणामों से उत्साहित छोटे दल झारखंड विधानसभा चुनाव में बड़े लक्ष्य को लेकर चुनावी मैदान में जोर आजमाइश करेंगे. यही कारण है कि कई छोटे दल भी राष्ट्रीय स्तर की पार्टियों से अधिक उम्मीदवार उतारने की घोषणा कर चुके हैं.

Updated on: 18 Nov 2019, 12:40 PM

रांची:

हरियाणा और महाराष्ट्र के चुनावी परिणामों से उत्साहित छोटे दल झारखंड विधानसभा चुनाव में बड़े लक्ष्य को लेकर चुनावी मैदान में जोर आजमाइश करेंगे. यही कारण है कि कई छोटे दल भी राष्ट्रीय स्तर की पार्टियों से अधिक उम्मीदवार उतारने की घोषणा कर चुके हैं. वैसे, झारखंड की पहचान वैसे भी निर्दलीय विधायक मधु कोड़ा के मुख्यमंत्री बनने की रही है. झारखंड विधानसभा चुनाव को लेकर राष्ट्रीय जनता दल (राजद), जनता दल (युनाइटेड), लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) तो चुनावी मैदान में उतरे हैं, आम आदमी पार्टी और ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) सहित समाजवादी पार्टी और वामपंथी दल भी चुनावी मैदान में उतर रहे हैं. इसके अलावा ऑल झारखंड स्टूडेंट यूनियन, झारखंड मुक्ति मोर्चा सहित कई झारखंड नामधारी पार्टी भी चुनावी मैदान में उतरने की घोषणा कर चुकी हैं.

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वैसे, झारखंड में राजद और जद (यू) का अच्छा खासा वोटबैंक रहा है. वर्ष 2005 के चुनाव में राजद को सात और जद (यू) को छह सीटें मिलीं थीं. साल 2009 के चुनाव में भी दोनों दल अपनी राजनीतिक जमीन कायम रखने में सफल रहे, लेकिन 2014 के चुनाव में दोनों साफ हो गए. बिहार में बीजेपी की सहयोगी रही जद (यू) अकेले 81 सीटों पर लड़ने के लिए ताल ठोक रही है, जबकि राजद ने कांग्रेस और झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के साथ गठबंधन कर सात सीटों पर चुनाव लड़ रही है. राजद के प्रदेश अध्यक्ष अभय सिंह कहते भी हैं कि राजद का यहां अपना वोटबैंक रहा है और इस चुनाव में लक्ष्य झारखंड में सरकार बनाने की है. 

गठबंधन के तहत कांग्रेस जैसी राष्ट्रीय स्तर की पार्टी के हिस्से जहां 31 सीटें आई हैं वहीं झामुमो 43 सीटों पर चुनाव लड़ने की घोषणा की है. गठबंधन का नेतृत्व भी झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन कर रहे हैं. इस चुनाव में लक्ष्य के संबंध में पूछे जाने पर झामुमो के प्रवक्ता विनोद पांडेय ने कहा, 'झामुमो का लक्ष्य झारखंड का विकास है. पिछले पांच सालों से डपोरशंखी सरकार ने विकास के नाम पर केवल सब्जबाग दिखाया है.'

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झारखंड विकास मोर्चा (झाविमो) ने भी इस चुनाव में अकेले चुनाव मैदान में उतरकर मुकाबले को दिलचस्प बना दिया है. कई सीटों पर झाविमो काफी मजबूत स्थिति में है. आजसू और आप भी प्रत्याशियों की अपनी पहली सूची जारी कर दी है. बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी की पार्टी हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा और लोजपा ने भी अकेले चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी है. उल्लेखनीय है कि बीजेपी अभी तक 68 प्रत्याशियों की सूची जारी की है. 

बहरहाल, इस चुनाव में छोटे दल भी पूरे दमखम से चुनावी अखाड़े में उतरे है, जिससे मुकाबला दिलचस्प होने के आसार बढ़ गए हैं. गौरतलब है कि 81 सदस्यीय झारखंड विधानसभा के चुनाव के लिए 30 नवंबर से 20 दिसंबर के बीच पांच चरणों में मतदान होना है. नतीजे 23 दिसंबर को आएंगे. पहले चरण के मतदान के लिए नामांकन पर्चा दाखिल करने की अंतिम तिथि समाप्त हो चुकी है.

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