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तबरेज अंसारी केस में इस जज ने किया न्याय, निभाते हैं कई जिम्मेदारियां

न्यायधीश अमित शेखर एडीजे-1 की भूमिका तो निभा रहे हैं साथ ही पॉक्सो एक्ट, एससी/एसटी एक्ट, एनडीपीएस यानि मादक पदार्थों से जुड़े मामले और MACT यानि Motor Accidents Claims Tribunal के मामलों की भी सुनवाई करते हैं.

Updated on: 05 Jul 2023, 05:24 PM

highlights

  • एडीजे-1 अमित शेखर ने सुनाई तबरेज के गुनाहगारों को सजा
  • 5-5 मामलों में सुनवाई करते हैं जज अमित शेखर
  • एससी/एसटी एक्ट, NDPS एक्ट की करते हैं सुनवाई
  • MACT व पॉक्सो एक्ट की भी करते हैं सुनवाई
  • एडीजे-1 की भूमिका में हैं अमित शेखर

Saraikela:

सरायकेला जिला एवं सत्र न्यायालय में पदास्थापित एडीजे-1 अमित शेखर जिला जज विजय कुमार और प्रधान न्यायधीश राजीव कुमार सिन्हा के बाद सबसे बड़ी जिम्मेदारी है. न्यायधीश अमित शेखर एडीजे-1 की भूमिका तो निभा ही रहे हैं साथ ही पॉक्सो एक्ट, एससी/एसटी एक्ट के मामलों की भी सुनवाई करते हैं. इसके अलावा एनडीपीएस यानि मादक पदार्थों से जुड़े मामले और MACT यानि Motor Accidents Claims Tribunal के मामलों की भी सुनवाई करते हैं. इस तरह से अमित शेखर पर सरायकेला जिला न्यायालय के 5-5 मामलों में सुनवाई करने का जिम्मा रहता है. पॉक्सो एक्ट व एससी/एसटी एक्ट के लिए विशेष न्यायधीश के रूप में अमित शेखर अपनी भूमिका निभाते हैं और गुण दोष के आधार पर निर्णय सुनाते हैं.

बहुचर्चित तबरेज अंसारी मॉब लिंचिंग केस में लगभग 4 साल बाद झारखंड के सरायकेला की जिला न्यायालय द्वारा फैसला सुनाया गया है. मामले में सभी पक्षों को सुनने के बाद अदलात द्वारा तबरेज अंसारी की हत्या में शामिल 10 आरोपियों को दोषी करार दिया और उन्हें 10-10 साल की सजा सुनाई है. सभी दोषियों परर 15-15 हजार का जुर्माना भी लगाया गया है. मामले में एक आरोपी की मौत हो चुकी है जबकि 02 आरोपियों को साक्ष्यों के अभाव में कोर्ट द्वारा बरी कर दिया गया है. सरायकेला के एडीजे-वन अमित शेखर की कोर्ट द्वारा जिन्हें मामले में दोषी पाया गया है उनके नाम मुख्य आरोपी पप्पू मंडल, सह आरोपी भीम सिंह मंडल, कमल महतो, मदन नायक, अतुल महाली, सुमंत महतो, विक्रम मंडल, चामू नायक, प्रेमचंद महाली और प्रकाश मंडल हैं. वहीं, सबूतों के अभाव में बरी किए गए आरोपी का नाम सत्यनारायण नायक और सुमंत प्रधान हैं.

जमकर हुई थी सियासत

बता दें कि 18 जून 2019 को जमशेदपुर के पास धातकीडीह में तबरेज अंसारी को चोर बताकर भीड़ ने बुरी तरह पीटा था, जिसकी बाद में पुलिस हिरासत में इलाज के दौरान मौत हो गई थी. यह मॉब लिंचिंग केस पूरे देश में चर्चित हुई थी और इसे लेकर सियासी बहस का सिलसिला छिड़ गया था. विपक्षी दलों ने राज्य के साथ-साथ केंद्र सरकार पर भी सवाल उठाए थे. बताया गया था कि चोरी के आरोप में तबरेज अंसारी को लोगों ने पकड़ लिया था और खंभे से बांधकर उसकी पिटाई की थी. पिटाई के दौरान लोगों ने तबरेज अंसारी से जय श्री राम के नारे भी लगवाए थे.

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सोशल मीडिया पर वायरल हुआ वीडियो

पिटाई के दौरान कुछ लोगों ने घटना का वीडियो भी बनाया था. यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था. तबरेज की पिटाई के बाद अगले दिन पुलिस मौके पर पहुंची. पुलिस ने घायल तबरेज को गिरफ्तार कर लिया. उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे चिकित्सकीय रूप से फिट घोषित कर दिया. एक मजिस्ट्रेट ने उसे जेल भेजने के आदेश दे दिए. इस दौरान तबरेज की हालत बिगड़ती गई और उसकी 22 जून को मौत हो गई थी.

13 को बनाया गया था आरोपी

मामले के तूल पकड़ने पर पुलिस ने 13 लोगों को गिरफ्तार किया था. बाद में इनमें से मुख्य आरोपी पप्पू मंडल को छोड़ बाकी आरोपियों को कोर्ट से जमानत मिली थी. इस बीच एक आरोपी की मौत हो गई. इससे पहले गवाहों और सबूतों के आधार पर लंबी सुनवाई के बाद बीते मंगलवार को अदालत द्वारा 10 आरोपियों को दोषी करार दिए जाने के बाद उन्हें न्यायिक हिरासत में लेकर जेल भेज दिया गया है. आज दोषियों को 10-10 साल की सजा कोर्ट द्वारा सुनाई गई है.