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उमर अब्दुल्ला ने क्यों कहा कि मैं राजनीति से ले लूंगा संन्यास, जानें उनकी जुबानी

उमर अब्दुल्ला ने कहा, 'अगर 80 प्रतिशत लोग इलेक्शन नहीं चाहते तो वह पोलिंग को जाकर नोटा का बटन दबाएं. अगर जम्मू कश्मीर के 50 प्रतिशत आबादी ने बटन दबाया तो मैं राजनीति छोड़कर राज्यपाल की आगवानी करूंगा.

Updated on: 20 Sep 2023, 02:55 PM

नई दिल्ली:

जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल मनोज सिन्हा के वोट वाले बयान पर सियासी संग्राम शुरू हो गया है. नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने कहा कि अगर जम्मू-कश्मीर में 50 फीसदी जनता ने चुनाव में नोटा का बटन दबाया तो राजनीति छोड़ देंगे. उमर अब्दुल्ला ने आगे कहा कि कश्मीर में 80% छोड़िए, 8 छोड़िए, 0.8 फीसदी लोग भी यह नहीं चाहते कि चुनाव ना हो. हर कोई चुनाव का इंतजार कर रहे हैं. बता दें कि राज्यपाल मनोज सिन्हा ने एक सर्वे का हवाला देते हुए कहा था कि 80 फीसदी लोग वोट नहीं डालना चाहते हैं. इस पर उमर अब्दुल्ला ने तीखा हमला बोला. 

एक समाचार एजेंसी से बात करते हुए उमर अब्दुल्ला ने कहा, 'हम अक्सर चुनाव की बात करते हैं और अपनी समस्याओं का समाधान चाहते हैं, लेकिन हमारे लोग तो कुछ और ही बात कर रहे हैं कि यहां सर्वे हुआ. सर्वे के मुताबिक, जम्मू कश्मीर की 80 प्रतिशत आबादी चुनाव नहीं चाहती. शायद सच बोल रहे हैं, लेकिन ये लोग कहां है. कश्मीर में 80 छोड़िए, 8 छोड़िए, 0.8 फ़ीसदी आबादी भी ये नहीं चाहती कि चुनाव ना हो.

उमर अब्दुल्ला ने पूछा कहां हैं वो लोग जो चुनाव नहीं चाहते
उमर अब्दुल्ला ने कहा, 'अगर 80 प्रतिशत लोग इलेक्शन नहीं चाहते तो वह पोलिंग को जाकर नोटा का बटन दबाएं. अगर जम्मू कश्मीर के 50 प्रतिशत आबादी ने बटन दबाया तो मैं राजनीति छोड़कर राज्यपाल की आगवानी करूंगा.' अब्दुल्ला ने सवाल पूछा कि  'कहां हैं वह 80% लोग जो मतदान नहीं चाहते हैं, ये वो लोग हैं जो गुस्से में हैं. वर्तमान व्यवस्थाओं से नाराज हैं. नाराजगी के अलावा कुछ नहीं दिखता. हां यह सच है कि गाड़ी बंगला में रहने वाले लोग चुनाव नहीं चाहते, लेकिन बाकी लोग यहां पर चुनाव जल्द से जल्द हो इस इंतजार में बैठे हैं. 

महिला आरक्षण विधेयक पर अब्दुल्ला ने दिया जवाब

वहीं, महिला आरक्षण विधेयक पर उमर अब्दुल्ला ने कहा कि इस बिल में कई खामियां हैं. हमें उन खामियों को दूर करने के लिए काम करने होंगे. तथ्य यह है कि इसे लागू करने में इतना समय लगेगा, यह अपने आप में बिल की एक बड़ी खामी है. मुझे नहीं लगता कि यह कैसे संभव होगा

उमर अब्दुल्ला ने महंगाई, बेरोजगारी और सुरक्षा पर साधा निशाना 
उन्होंने आगे कहा कि आज महंगाई की वजह से हर कोई त्रस्त है. सरकार एक चीज के दाम कम करती है,जबकि दो-चार चीजों के दाम बढ़ जाते हैं. आज बेरोजगारी को लेकर युवाओं में नाराजगी हैं. एक जगह कहीं पर वैकेंसी निकलती है तो लोग टूट पड़ते हैं. उसमें भ्रष्टाचार होने लगते हैं. धांधली शुरू हो जाती है. इतना ही नहीं उमर अब्दुल्ला ने कहा कि डबल इंजन की सरकार में किसान परेशान हैं. किसानों से वादा किया गया था कि डबल इंजन की सरकार बनेगी तो उनका मुनाफा बढ़ाया जाएगा. लेकिन किसानों के हालात पहले से भी ज्यादा खराब हो गए. उन्होंने कहा कि सुरक्षा के हालात आप सबके सामने हैं. जिन इलाकों को आतंकवाद मुक्त घोषित किया गया था वहां पर एनकाउंटर हो रहे हैं. राजौरी और पुंछ के साथ-साथ श्रीनगर में हमले हो रहे हैं. उमर अब्दुल्ला ने कहा कि कश्मीरी पंडितों को वापस भेजने की बात करते हैं वापस भेजने की बात तो दूर जिनको वहां बसाया गया था वह सड़कों पर उतर रहे हैं.