श्रीनगर में आतंकी हमले में पुलिसकर्मी शहीद, बेटी भी घायल
कश्मीर पुलिस के मुताबिक आतंकी हमला सौरा (अंकर) क्षेत्र में हुआ. हमले में शहीद होने वाले पुलिसकर्मी का नाम सैफुल्ला कादरी है. वह मलिक साब इलाके के रहने वाले थे.
श्रीनगर:
जम्मू-कश्मीर की राजधानी श्रीनगर में मंगलवार को आतंकी हमले में जम्मू-कश्मीर पुलिस के एक सिपाही और उनकी बेटी घायल हो गयीं. दोनों को आतंकियों की गोलियां लगीं. गोलीबारी में गंभीर रूप से घायल हुए सिपाही बाद में शहीद हो गए, जबकि उनकी बेटी घायल है. कश्मीर पुलिस के मुताबिक आतंकी हमला सौरा (अंकर) क्षेत्र में हुआ. हमले में शहीद होने वाले पुलिसकर्मी का नाम सैफुल्ला कादरी है. वह मलिक साब इलाके के रहने वाले थे.
The injured police personnel succumbed to his injuries. We pay our rich tributes to the martyr and standby the family at this critical juncture: J&K Police
— ANI (@ANI) May 24, 2022
बता दें कि 12 मई को बडगाम में आतंकियों ने एक कश्मीरी पंडित राहुल भट्ट की गोली मारकर हत्या कर दी थी. आतंकियों ने वारदात को उस वक्त अंजाम दिया था, जब बडगाम जिले की चडूरा तहसील में राजस्व अधिकारी के पद पर कार्यरत राहुल अपने ऑफिस में मौजूद थे. इस घटना के बाद पूरे कश्मीर में हंगमा मच गया था. कश्मीरी पंडितों ने सरकार से मांग की थी कि उनके कार्यस्थल को कश्मीर से हटाकर जम्मू में शिफ्ट किया जाए. राहुल भट्ट की हत्या के विरोध में कई दिनों तक कश्मीरी पंडित सड़कों पर उतकर प्रदर्शन करते रहे.
यह भी पढ़ें: आतंकवाद के खिलाफ एकजुट हुए क्वाड लीडर्स, कहा-आतंकी संगठनों के खिलाफ करेंगे कड़ी कार्रवाई
आतंकियों ने 2 दिन पहले 22 मई को अमरनाथ यात्रा को लेकर धमकी दी थी. आतंकी संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) ने धमकी भरा पत्र जारी किया था. पत्र में आंतकी संगठन की ओर से राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ (RSS) पर भी निशाना साधा गया था. संगठन की ओर से कहा गया था कि वे यात्रा के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन तीर्थयात्री तब तक सुरक्षित हैं, जब तक कि वे कश्मीर मुद्दे में शामिल नहीं होंगे.
बता दें कि अमरनाथ यात्रा 30 जून को शुरू हो रही है, जो 11 अगस्त को समाप्त होगी. 43 दिनों तक चलने वाली अमरनाथ यात्रा में श्रद्धालुओं की संख्या पहले से ज्यादा बढ़ने की उम्मीद है. इस बार रामबन और चंदनवाड़ी में कैंप बड़े होंगे. इसे देखते हुए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए जाएंगे. बार-कोड सिस्टम के साथ RFID टैग और तीर्थयात्रियों पर नज़र रखने के लिए उपग्रह ट्रैकर्स का उपयोग किया जा रहा है. यात्रा के रास्तों और शिविर स्थलों पर सीसीटीवी कैमरे भी लगाए जाएंगे. इसके अलावा कश्मीर में सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सीआरपीएफ की 50 अतिरिक्त कंपनियों को शामिल किया गया है.
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