आधी रात को बदला जम्मू-कश्मीर का भूगोल, राज्य का दर्जा खत्म, लद्दाख के साथ बना केंद्र शासित प्रदेश
यह पहली बार हो रहा है कि किसी राज्य को केंद्र शासित प्रदेश बनाया जा रहा है. जम्मू-कश्मीर में विधानसभा वाला केंद्र शासित प्रदेश (Union Territory) होगा तो लद्दाख बिना विधानसभा के. दोनों प्रदेशों के लिए उपराज्यपालों की नियुक्ति की घोषणा हो चुकी है और गुरुवार को दोनों उपराज्यपाल शपथ भी ग्रहण कर लेंगे.
highlights
- जम्मू-कश्मीर हाई कोर्ट की मुख्य न्यायाधीश दोनों उपराज्यपालों को शपथ दिलाएंगी
- केंद्र सरकार के 106 कानून जम्मू-कश्मीर में लागू हो जाएंगे, राज्यपाल के कानून भी चलेंगे
- जम्मू-कश्मीर के 153 कानूनों का वजूद हो जाएगा खत्म, संपत्ति बंटवारे का हो रहा आकलन
नई दिल्ली:
पश्चिम बंगाल (West Bengal) के पांच मजदूरों की आतंकियों द्वारा की गई हत्या और यूरोपियन यूनियन (European Union) के दौरे के बाद गुरुवार से जम्मू-कश्मीर का भूगोल (Geography of Jammu and Kashmir) बदल गया है. जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) के अलावा उससे अलग होकर लद्दाख (Ladakh) केंद्र शासित प्रदेश बन गया है. यह पहली बार हो रहा है कि किसी राज्य को केंद्र शासित प्रदेश बनाया जा रहा है. जम्मू-कश्मीर में विधानसभा वाला केंद्र शासित प्रदेश (Union Territory) है तो लद्दाख बिना विधानसभा के. दोनों प्रदेशों के लिए उपराज्यपालों की नियुक्ति की घोषणा हो चुकी है और गुरुवार को दोनों उपराज्यपाल शपथ भी ग्रहण कर लेंगे. जम्मू-कश्मीर हाई कोर्ट (Jammu and Kashmir High Court) की मुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल (Chief Justice Geeta Mittal) पहले श्रीनगर में जीसी मुर्मु (GC Murmu) को शपथ दिलाएंगी. इसके बाद वह हेलीकॉप्टर से लेह जाकर राधा कृष्ण माथुर (Radha Krishna Mathur) को लद्दाख के उपराज्यपाल पद की शपथ दिलाएंगी.
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संसद से छह अगस्त को पारित जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन कानून, 2019 के तहत जम्मू-कश्मीर 114 सीटों की विधानसभा के साथ केंद्र शासित प्रदेश बनेगा. सूत्रों के मुताबिक, 31 अक्टूबर को जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के लिए नियुक्त लेफ्टिनेंट गवर्नर के शपथ ग्रहण के साथ समारोह की शुरुआत की जाएगी. चूंकि जम्मू पहले से राज्य की शीतकालीन राजधानी है, लिहाजा पुनर्गठन का सारा समारोह श्रीनगर में होगा. पुनर्गठन समारोह के लिए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं.
केंद्र सरकार ने लौह पुरुष और देश के पहले गृह मंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती के दिन ही जम्मू-कश्मीर का पुनर्गठन कराने का फैसला किया था. 31 अक्टूबर से जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में केंद्र सरकार के 106 कानून लागू हो जाएंगे. अनुच्छेद 370 के तहत जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा होने के चलते केंद्र सरकार के कानून वहां लागू नहीं होते थे.
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दोनों ही केंद्र शासित प्रदेशों में केंद्र सरकार के कानून के साथ ही राज्य के पुराने 166 कानून और फिर राज्यपाल के कानून भी लागू होंगे. वहीं राज्य के 153 कानूनों का वजूद खत्म हो जाएंगा. गृह मंत्रालय द्वारा गठित तीन सदस्यीय कमेटी जम्मू-कश्मीर और लद्दाख की संपत्तियों और देनदारी का आकलन कर रहा है. इस कमेटी की रिपोर्ट आने के बाद दोनों केंद्र शासित प्रदेशों की संपत्तियों का मसला सुलझा लिया जाएगा. जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के केंद्र शासित प्रदेश बन जाने के बाद लोकसभा और जम्मू-कश्मीर में विधानसभा सीटों के परिसीमन का काम भी जल्द ही शुरू कर दिया जाएगा.
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